DNA ANALYSIS: दिल्ली में दंगा फैलाने वालों के बाद अब आतंक फैलाने वालों का विश्लेषण
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DNA ANALYSIS: दिल्ली में दंगा फैलाने वालों के बाद अब आतंक फैलाने वालों का विश्लेषण

आपको जानकर दुख होगा कि बगदादी के मरने के बाद भी उसके सपने को हमारे ही देश के कुछ लोग पूरा करने में जुटे हैं. ये लोग ISIS की विचारधारा को पूरे भारत में फैलाना चाहते हैं.

दिल्ली में ISIS की जिहादी साजिश

आज से ठीक 136 दिन पहले दुनिया का सबसे खूंखार आतंकवादी और ISIS का प्रमुख अबु बक्र अल बगदादी मारा गया था. इसके साथ ही उस जेहादी मानसिकता का भी अंत हो गया जिसके तहत दुनिया में इस्लामिक राज स्थापित करने की कोशिश हो रही थी.

लेकिन आपको जानकर दुख होगा कि बगदादी के मरने के बाद भी उसके सपने को हमारे ही देश के कुछ लोग पूरा करने में जुटे हैं. ये लोग ISIS की विचारधारा को पूरे भारत में फैलाना चाहते हैं और जेहाद के नाम पर लोगों का खून बहाकर भारत को एक इस्लामिक राष्ट्र बनाना चाहते हैं.

इसके लिए ये लोग नए नागरिकता कानून के विरोध में हो रहे विरोध प्रदर्शनों को हथियार बना रहे हैं और इन विरोध प्रदर्शनों की पटकथा ISIS की विचारधारा के आधार पर ही लिख रहे हैं.

दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के शाहीन बाग के पास जामिया नगर से एक ऐसे पति-पत्नी को गिरफ्तार किया है जो भारत में ISIS के लिए काम कर रहे थे. इन पर आरोप है कि ये नए नागरिकता कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों को भड़काने का काम कर रहे थे. खुफिया एजेंसी इन दोनों पर कई महीनों से नज़र रख रही थी और रविवार को दिल्ली पुलिस ने इन दोनों को जामिया नगर से इनके किराए के घर से गिरफ्तार कर लिया है.

गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का नाम जहानज़ेब सामी (Jahan Zaib Sami) है और उसके साथ उसकी पत्नी हिना बशीर बेग़ को भी गिरफ्तार किया गया है. पुलिस को इन दोनों के पास से ISIS का भड़काऊ साहित्य भी मिला है जिसमें मुस्लिमों द्वारा गैर मुस्लिमों को मार डालने की बातें लिखी हुई हैं.

आरोपों के मुताबिक ये दोनों मुसलमानों को हिंसक विरोध प्रदर्शनों के लिए भड़का रहे थे और उन्हें नए नागरिकता कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरने के लिए तैयार कर रहे थे. सूत्रों के मुताबिक इन दोनों ने शाहीन बाग में चल रहे विरोध प्रदर्शन में भी हिस्सा लिया था.

पुलिस को इनके पास से भड़काऊ साहित्य भी बरामद हुआ है. हैरानी की बात ये है कि ये दोनों ही काफी पढ़े लिखे हैं और इन्हें कट्टर विचारधारा के दम पर देश विरोधी हरकतें करने के लिए तैयार किया गया था.

आरोपों के मुताबिक जहानज़ेब हिंसा भड़काने के लिए गोला बारूद इकट्ठा करने की भी कोशिश कर रहा था. ये पति-पत्नी सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय थे और इन्होंने अलग अलग नामों से कई प्रोफाइल बनाए हुए थे. Facebook, Twiiter और Instagram जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए ये लोग देश के मुसलमानों को भड़काते थे. 

जहानज़ेब सामी ने अपनी पहचान छिपाने के लिए कई नाम रखे हुए थे. जबकि इसकी पत्नी हिना ISIS की मैगजीन सात अल हिंद के लिए आर्टिकल लिखा करती थी और वो पेशे से एक वेब डिजाइनर भी है.

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पुलिस के मुताबिक ये दोनों मूल रूप से कश्मीर के रहने वाले हैं और पिछले वर्ष अगस्त में धारा 370 हटाए जाने के बाद दिल्ली आ गए थे. हालांकि इन दोनों के घर वाले पुलिस के सभी आरोपों को गलत बता रहे हैं.

अब NIA दोनों से पूछताछ करके ये पता लगा रही है कि इन्हें ये सब करने के लिए संसाधन कौन उपलब्ध कराता था? लेकिन शाहीन बाग के पास से जेहादी पति-पत्नी की गिरफ्तारी से एक बात तो साफ हो गई है कि नए नागरिकता कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के पीछे कोई बड़ी साजिश है. जिसे शांति पूर्ण धरना प्रदर्शन की आड़ में छिपाया जा रहा है.

ये दोनों ISIS के खुरासान मॉड्यूल से जुड़े हुए थे जिसका मकसद भारत में इस्लामिक राष्ट्र की स्थापना करना है. लेकिन इस काम में ये दोनों अकेले नहीं थे. बल्कि इनकी विचारधारा को PFI यानी Popular Front Of India और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से भी मदद मिल रही थी.

इन दोनों से पूछताछ के आधार पर दिल्ली पुलिस ने PFI के एक सक्रिय सदस्य दानिश अली को भी गिरफ्तार किया है. पुलिस को शक है कि दानिश अली इस पति-पत्नी के साथ संपर्क में था. दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक दानिश PFI के काउंटर इंटेलीजेंस विभाग का इंचार्ज है.

PFI कैसे नए नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों की फंडिंग कर रहा है और कैसे उसने विरोध प्रदर्शनों के दौरान देशभर में हिंसा फैलाने की कोशिश की थी. ये हम आपको DNA में सबूतों के साथ दिखा चुके हैं.

लेकिन अब आपको ये समझना चाहिए कि ISIS, PFI और ISI कैसे टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ मिलकर देश को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. दिल्ली में विरोध प्रदर्शनों के नाम पर हुई हिंसा और हाल ही में हुए दंगों के पीछे जो पांच किरदार हैं..आज आपको उनके बारे में भी पता होना चाहिए. 

इसमें पहला किरदार है ISIS का खुरासान मॉड्यूल. जिसके लिए काम करने वाले जहानज़ेब सामी और हिना लोगों को नए नागरिकता कानून के खिलाफ भड़का रहे थे. दूसरा किरदार PFI का है जो इन विरोध प्रदर्शनों में हिंसा फैलाने के लिए फंडिंग कर रहा था. तीसरा किरदार पाकिस्तान का है जो लगातार पूरी दुनिया में भारत के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहा है. चौथा किरदार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का है. जो सोशल मीडिया के ज़रिए भारत के मुसलमानों को भड़का रही है और पांचवा और सबसे महत्वपूर्ण किरदार हमारे ही देश के टुकड़े-टुकड़े गैंग का है. जो हिंसक विरोध प्रदर्शनों के नाम पर देश को बांटने में जुटा है.

DNA में हम आपको पहले भी कई बार बता चुके हैं कि कैसे PFI भारत में ISIS की जहरीली विचारधारा को आगे बढ़ाने का काम करता है. वर्ष 2017 में हमने आपको बताया था कि कैसे PFI की मदद से 300 से ज्यादा भड़काऊ ऑडियो को Whatsapp और Telegram के माध्यम से Viral कराया जा रहा था. तब केरल पुलिस ने इसमें PFI की भूमिका की जांच भी की थी.

इसी साल जनवरी में हमनें आपको ED की एक रिपोर्ट दिखाई थी. जिसमें इस बात का खुलासा हुआ था कि नए नागरिकता कानून के विरोध में हुई हिंसा के पीछे PFI का हाथ था. तब हमने आपको शाहीन बाग में PFI के 5 दफ्तरों के बारे में भी बताया था.

ED की जांच में ये भी पता लगा था कि पिछले कुछ महीनों में PFI ने करीब 120 करोड़ रुपये अलग-अलग तरीकों से जुटाए. इनमें से आधा पैसा कैश के जरिए जुटाया गया था और इस कैश में से करीब 19 करोड़ रुपए PFI के नेशनल हेडक्वार्टर यानी शाहीन बाग के G-78 वाले पते पर रखा गया था.

यानी जो शाहीन बाग पहले टुकड़े टुकड़े गैंग का मुख्यालय बना हुआ था, वो अब जेहादी विचारधारा वालों की शरण स्थली भी बन गया है. टुकड़े टुकड़े गैंग अभिव्यक्ति की आजादी की आड़ में मुसलमानों को भड़काता है तो आतंकवादी संगठन ISIS के लिए काम करने वाले लोग हिंसा का सहारा लेकर देश के लोगों को आपस में लड़वाना चाहते हैं. और इसमें इन्हें मदद मिलती है पाकिस्तान जैसे देशों से जिसकी खुफिया एजेंसी और सेना का सपना ही है, भारत के टुकड़े-टुकड़े करना.

हमेशा की तरह अब इस मामले पर भी सियासत शुरु हो गई है. एक पक्ष का कहना है कि दिल्ली में हुए दंगों और हिंसा के पीछे PFI, ISIS और ISI जैसे संगठन हैं और हमारे ही देश का टुकड़े टुकड़े गैंग इनकी मदद कर रहा है. तो दूसरी तरफ विरोधी इन गिरफ्तारियों की टाइमिंग पर सवाल उठा रहे हैं. 

गिरफ्तार किए गए जहानज़ेब की उम्र 36 साल है जबकि उसकी पत्नी हिना की उम्र 39 साल है. इन दोनों को C-4 , 2nd Floor, Jamia Nagar, Okhla Vihar, Delhi के पते से गिरफ्तार किया गया है. अब पुलिस इस मकान के मालिक से भी पूछताछ कर रही है और पता लगा रही कि उसने किस आधार पर इन दोनों को यहां रहने दिया. कुल मिलाकर इस इलाके को धीरे धीरे ऐसे लोगों की शरण स्थली में बदला जा रहा है, जहां देश तोड़ने का सपना देखने वाले बड़ी आसानी से अपनी पहचान छिपाकर महीनों और वर्षों तक रह पाते हैं.

सितंबर 2008 में जामिया नगर के बाटला हाउस में एक Encounter हुआ था. इस Encounter में 2 आतंकवादी मारे गए थे जबकि दो को गिरफ्तार कर लिया गया था. आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे.

इस Encounter से एक हफ्ता पहले ही दिल्ली में 5 सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे जिनमें 130 लोगों की जान चली गई थी. इन बम ब्लास्ट का मास्टर माइंड आतिफ अमीन अपने साथी मोहम्मद सज्जाद के साथ जामिया नगर के बाटला हाउस में ही छिपा हुआ था. तब भी आस पास के लोगों ने इस Encounter का विरोध किया था. दिल्ली पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किए गए थे और देश के कई बड़े नेताओं ने तो आतंकवादियों की मौत पर आंसू भी बहाए थे.

मानव-अधिकारों की बात करने वाले लोगों ने इस Encounter को Fake बता दिया था. जामिया नगर में जिस घर से ISIS से जुड़े जहानज़ेब और उसकी पत्नी हिना की गिरफ्तारी हुई है वहां से बाटला हाउस एक से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर है. और हो सकता है कि अब इस गिरफ्तारी के विरोध में भी प्रदर्शन शुरु हो जाएं और कुछ नेता अपने स्वार्थ के लिए जांच एजेंसियों और पुलिस पर ही सवाल उठाने लगें. और इन लोगों की निजता के अधिकार का हवाला देकर...कोर्ट को सुनवाई के लिए कह दें.

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