10वीं और 12वीं के छात्रों ने जितनी परीक्षाएं दी थीं. उन्हीं के अंको के आधार पर 15 जुलाई को फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा. इसे असेसमेंट स्कीम नाम दिया गया है.
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नई दिल्ली: अगर आपके परिवार में कोई छात्र इस वर्ष 10वीं और 12वीं की बोर्ड की परीक्षाएं दे रहा था और Covid 19 की वजह से वो बची हुई परीक्षाएं नहीं दे पाया तो आपके लिए ये काफी जरूरी खबर है. CBSE ने इस संबध में एक नोटिफिकेशन जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि 10वीं और 12वीं कक्षा की वो बची हई परीक्षाएं जिनका आयोजन 1 से 15 जुलाई के बीच होना था वो सारी परीक्षाएं अब रद्द मानी जाएंगी.
10वीं और 12वीं के छात्रों ने जितनी परीक्षाएं दी थीं. उन्हीं के अंको के आधार पर 15 जुलाई को फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा. इसे असेसमेंट स्कीम (Assessment Scheme) नाम दिया गया है. Covid 19 के हालात सुधरने पर 12वीं कक्षा की बची हुई परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी और जो छात्र अपने अंको से संतुष्ट नहीं होंगे वो बाकी की बची हुई परीक्षाएं दे पाएंगे. हालांकि 10 वीं कक्षा के छात्रों के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है और उन्होंने जितनी परीक्षाएं दी हैं उन्हीं के आधार पर उनका मूल्यांकन होगा.
अब ये समझिए कि ये असेसमेंट स्कीम काम कैसे करेगी?
जैसा कि हम आपको बता चुके हैं छात्रों ने जितनी परीक्षाएं दी हैं उन्हीं के आधार पर छात्रों को फाइनल मार्क्स दिए जाएंगे. अब मान लीजिए कि किसी छात्र ने तीन या तीन से ज्यादा विषयों की परीक्षाएं दी हैं. तो उसमें से जिन तीन विषयों में छात्र के सबसे अच्छे मार्क्स होंगे उसका औसत निकाला जाएगा.
उदाहरण के लिए अगर किसी छात्र ने विज्ञान, गणित, हिंदी और अंग्रेजी की परीक्षा दी है और वो बाकी के किन्हीं दो विषयों की परीक्षाएं नहीं दे पाया तो सबसे पहले उसके वो तीन विषय देखे जाएंगे जिसमें उसके सबसे ज्यादा अंक हैं. इसे आप बेस्ट ऑफ थ्री (Best Of Three) कह सकते हैं. इसके बाद इन तीन बेस्ट सब्जेक्ट्स में मिले अंकों का औसत निकाला जाएगा. मान लीजिए किसी छात्र को गणित में 90, विज्ञान में 95, हिंदी में 80 और अंग्रेजी में 85 अंक मिले हैं तो उसके हिंदी के अंकों को हटा दिया जाएगा क्योकि उसमें इस छात्र को सबसे कम नंबर मिले हैं. जब Best Of Three के तहत गणित, विज्ञान और अंग्रेजी में मिले अंकों को जोड़ा जाएगा तो उसका औसत बैठेगा 90. इसी के आधार पर बाकी के बचे हुए दो विषयों में भी उसे 90-90 अंक दे दिए जाएंगे. इस हिसाब से छात्र को कुल 600 में 530 अंक हासिल होंगे और उसका फाइनल स्कोर होगा 88 प्रतिशत. यानी ये छात्र 88 प्रतिशत अंकों के साथ परीक्षा पास करेगा.
अब अगर ये छात्र बाकी के बचे दो सब्जेक्ट्स में मिले अंकों से संतुष्ट नहीं हो तो वो आने वाले समय में इन सब्जेक्ट्स की परीक्षा दे सकता है. इसी तरह जो छात्र सिर्फ तीन परीक्षाएं दे पाए हैं उन्हें उन दो सब्जेक्ट्स के आधार पर अंक दिए जाएंगे जिनमें उनका प्रदर्शन सबसे अच्छा है. इसे आप Best Of Two कह सकते हैं. इसके अलावा दिल्ली के जो छात्र दंगों की वजह से एक या दो परीक्षा ही दे पाए थे. उन्हें स्कूलों में हुए इंटरनल एग्जाम्स और प्रैक्टिकल के आधार पर अंक दिए जाएंगे.
परीक्षा और रिजल्ट्स को लेकर छात्रों और अभिभावकों के मन में अभी भी कई सवाल होंगे. इन्हीं सवालों के जवाब जानने के लिए हमने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक से बातचीत की. कई छात्रों और अभिभावकों ने उनसे सीधे सवाल भी किए.
यहां पढ़ें बातचीत के महत्वपूर्ण अंश- 15 जुलाई तक CBSE के रिजल्ट, जो परीक्षा देना चाहें दे सकते हैं: HRD मंत्री रमेश पोखरियाल
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