नई दिल्‍ली:  कोरोना वायरस (Coronavirus)  के नए अवतार ने चिंता बढ़ा दी है. नए साल की एंट्री से पहले कोरोना वायरस का ये नया स्‍ट्रेन (New Strain) भारत में भी पहुंच चुका है. ब्रिटेन से लौटने वाले 6 लोग Mutant यानी बदले हुए कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. इन्हें आइसोलेशन में रखा गया है और इनके सम्पर्क में आए लोगों को भी क्‍वारंटीन कर दिया गया है. यानी नए साल से पहले नए कोरोना वायरस की एंट्री हो चुकी है, इसलिए आज हम आपको सावधान करना चाहते हैं. 


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सबसे पहले आप ये समझिए कि कोरोना वायरस का नया Strain भारत में कैसे पहुंचा? 


25 नवम्बर से 23 दिसम्बर के बीच कुल 33 हज़ार लोग ब्रिटेन से भारत आए.  चिंता वाली बात ये है कि ये लोग भारत के अलग-अलग राज्यों में अब पहुंच चुके हैं. इन 33 हज़ार लोगों में से 114 लोगों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉज़िटिव आई है और इनमें से 6 लोग कोरोना वायरस के नए स्‍ट्रेन (Coronavirus New Strain) से संक्रमित पाए गए हैं.  इन 6 लोगों में से तीन लोगों के सैम्पल की जांच  बेंगलुरु में हुई, 2 सैम्पल की जांच हैदराबाद की लैब में हुई और एक सैम्पल की जांच पुणे की लैब में की गई. आशंका है कि आने वाले दिनों में ये संख्या बढ़ भी सकती है. 


आप सोच रहे होंगे कि अगर सरकार पहले से सतर्क थी तो कोरोना वायरस का नया स्‍ट्रेन भारत कैसे आ गया,  तो भारत सरकार ने इसके लिए कई तरह के क़दम उठाए. विदेशों से आने वाले लोगों की कोरोना जांच की गई.  इसी जांच में नए Strain की पहचान हुई है. हालांकि नए स्‍ट्रेन को फैलने से रोकने के लिए भारत ने ब्रिटेन समेत कई देशों से आने वाली उड़ानों पर अस्‍थायी रोक लगाई हुई है.  ये रोक 31 दिसम्बर तक लागू है, जिसे आगे बढ़ाया जा सकता है. 


पहले से ज्‍यादा ताकतवर वायरस


वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना वायरस का नया स्‍ट्रेन पहले वाले वायरस के मुक़ाबले 70 प्रतिशत ज़्यादा संक्रामक है.  यानी नया वायरस तेज़ी से फैल सकता है और ये काफ़ी ताक़तवर भी है.  भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना संक्रमण से बचने के उपाय जैसे मास्क पहनना और बार-बार हाथ धोना. इनका पालन ज्यादा गंभीरता से करना होगा, नहीं तो स्थिति खराब भी हो सकती है. 


हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये भी कहा है कि कोरोना की वैक्सीन नए स्‍ट्रेन पर भी प्रभावी होगी.  यानी लोगों को नए स्‍ट्रेन से घबराने की नहीं सतर्क और सावधान रहने की ज़रूरत है. 



पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का नया स्‍ट्रेन  बेहद तेजी से फैल रहा है. नए स्‍ट्रेन की पहचान सबसे सबसे पहले ब्रिटेन में हुई थी और इसके बाद से ही दुनिया के कई देशों ने ब्रिटेन से दूरी बना ली थी.  हालांकि दूरी बनाने के बावजूद कोरोना वायरस का ये नया रूप ब्रिटेन के अलावा 16 देशों में पहुंच चुका है. 


रिपब्लिक डे परेड पर भी असर


कोरोना वायरस के नए ख़तरे को देखते हुए इस बार 26 जनवरी को राजपथ पर होने वाली रिपब्लिक डे परेड भी छोटी होगी. इस बार परेड विजय चौक से शुरू होकर नेशनल स्टेडियम पर ख़त्म हो जाएगी. इन दोनों जगहों के बीच 3 दशमलव 3 किलोमीटर की दूरी है. पहले ये परेड राजपथ से शुरू होती थी और लाल किले तक जाती थी. इस बार दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह को देखने का मौका भी कम लोगों को मिलेगा. पहले 1 लाख 15 हज़ार लोग परेड देखते थे. लेकिन आने वाले रिपब्लिक डे पर सिर्फ 25 हज़ार लोग ही मौजूद रहेंगे. 


परेड देखने के लिए हर वर्ष 32 हज़ार टिकट की बिक्री की जाती थी, लेकिन इस बार सिर्फ 7 हज़ार 500 टिकट ही बेचे जाएंगे.  परेड में छोटे बच्चे हिस्सा नहीं लेंगे.  15 साल से ज्यादा उम्र के स्कूली बच्चे ही इसमें शामिल हो पाएंगे. इस बार परेड में हर दस्ते में कम लोग होंगे. दस्ते की चौड़ाई कम होगी ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके. अब तक हर दस्ते में 144 सैनिक होते थे लेकिन इस बार 96 ही होंगे.  यानी कोरोना वायरस के नए स्‍ट्रेन का असर इस बार के गणतंत्र दिवस समारोह पर पड़ने वाला है.