DNA ANALYSIS: बच्चों पर Corona Vaccine का ट्रायल शुरू, जानिए आप तक कब पहुंचेगी?
Coronavirus Vaccine: बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो गया है. पहले ट्रायल के लिए चुने गए बच्चों पर वैक्सीन का परीक्षण होगा. दूसरे चरण में बच्चों पर वैक्सीन का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं दिखने पर तीसरे चरण के तहत टीके की खुराक दी जाएगी.
नई दिल्ली: हमारे पास आपके लिए एक शुभ समाचार है. भारत में 3 जून से बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो गया है. पटना AIIMS में आज Bharat Biotech की वैक्सीन का 12 से 17 वर्ष की उम्र के बच्चों पर परीक्षण हुआ. अगले एक महीने में 525 बच्चों पर इस वैक्सीन का ट्रायल होगा, जिनमें से 100 के क़रीब बच्चे रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं.
इस वैक्सीन का ट्रायल भारत में तीन जगह होगा-
पहला है AIIMS पटना
दूसरा है AIIMS दिल्ली
और तीसरा है AIIMS पुणे
हालांकि आप सोच रहे होंगे कि ये वैक्सीन आप तक कब पहुंचेगी?
तो इस सवाल का जवाब ये है कि पहले ट्रायल के लिए चुने गए बच्चों पर वैक्सीन का परीक्षण होगा. दूसरे चरण में बच्चों पर वैक्सीन का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं दिखने पर तीसरे चरण के तहत टीके की खुराक दी जाएगी और उसके प्रभावी पाए जाने पर टीके को मंज़ूरी के लिए भेजा जाएगा. अगर इस प्रक्रिया में कोई कमी नहीं रही और ट्रायल के नतीजे सही रहे तो सितम्बर से अक्टूबर के बीच बच्चों के लिए वैक्सीन आ जाएगी.
हम आपको यहां ये भी बताना चाहते हैं कि दूसरे देशों में इस पर क्या अपडेट है.
-इटली में 31 मई को 12 से 15 साल की उम्र के बच्चों के लिए फाइज़र की वैक्सीन को मंज़ूरी मिल गई है.
-जर्मनी में 7 जून से 12 से 16 साल के उम्र के बच्चों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू होगा और Poland में भी टीकाकरण के लिए यही तारीख़ तय की गई है.
-फ्रांस में 16 से 18 साल की उम्र के बच्चों को जून में वैक्सीन लगेगी और 12 से 15 साल के बच्चों को वैक्सीन तब लगाई जाएगी, जब वो स्कूल जाना शुरू करेंगे.
-ऑस्ट्रिया में 12 से 15 साल के 3 लाख 40 हज़ार बच्चों को अगस्त तक वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा किया गया है.
-हंगरी में 16 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए टीकाकरण अभियान मई महीने से ही शुरू हो गया था.
-ब्रिटेन में फाइजर कंपनी ने 12 से 15 साल के बच्चों की वैक्सीन के लिए अनुमति मांगी है.
-जबकि अमेरिका में इस उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन मई महीने से ही शुरू हो चुका है.
-और कनाडा दुनिया का पहला ऐसा देश है, जहां इस उम्र के बच्चों को सबसे पहले वैक्सीन लगनी शुरू हुई.