नई दिल्‍ली: आज हम दिल्ली की सीमाओं पर बैठे प्रदर्शनकारी किसानों और शाहीन बाग वालों को एक खुशखबरी देना चाहते हैं. दिल्ली को मेरठ को जोड़ने वाला एक्‍सप्रेसवे आज 1 अप्रैल से आम लोगों के लिए खुल गया है. शायद आप सोच रहे होंगे कि दिल्ली-मेरठ एक्‍सप्रेसवे शुरू होने की खबर से शाहीन बाग और किसान प्रदर्शनकारियों का क्या संबंध है, तो आपको याद होगा कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी कई महीनों तक जिस सड़क को ब्‍लॉक करके बैठे थे. वो 4 लेन सड़क थी और किसान प्रदर्शनकारी भी जिन सड़कों पर बैठे हैं, वो भी 4 लेन सड़क है. 


सिर्फ 50 मिनट में तय होगी दिल्‍ली से मेरठ तक की दूरी


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इन लोगों को ये जानकर खुशी होगी कि दिल्ली-मेरठ एक्‍सप्रेसवे 14 लेन का हाईवे है, यानी प्रदर्शन करने के लिए काफी खुली जगह है और वहां काफी बड़े और ज्यादा टेंट लगाए जा सकते हैं और बड़ी बात ये है कि दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सीमा पर राकेश टिकैत पहले से ही इस एक्‍सप्रेसवे को घेर कर बैठे हुए हैं.



अगर ये 14 लेन वाला एक्‍सप्रेसवे प्रदर्शनकारियों से बच भी गया तो हमें लगता है कि रेहड़ी पटरी वाले इस पर अतिक्रमण कर लेंगे और अगर ऐसा भी नहीं हुआ तो रॉन्‍ग साइड चलने वाले लोग इस 14  के हाइवे की रफ्तार को भी सुस्त कर देंगे और यही हमारे देश का दुर्भाग्य भी है. दिल्ली से मेरठ के सफर में पहले 2 घंटे लगते थे लेकिन अब इस मार्ग से केवल 50 मिनट ही लगेंगे.


जानें दिल्ली-मेरठ एक्‍सप्रेसवे क्‍यों है खास


-दिल्‍ली-मेरठ एक्‍सप्रेसवे को विश्वस्तरीय बनाने के लिए इसे कई तकनीकों से जोड़ा गया है. 


-पहली बार इस हाईवे पर अनोखे ऑटोमैटिक नंबर प्‍लेट रीडर  का परीक्षण किया जा रहा है. 


-इसमें लगा कैमरा किसी गाड़ी का नंबर लगभग आधे किलोमीटर की दूरी से रीड कर सकता है.


-इस पूरी तकनीक की एक खासियत ये है कि कैमरा, कार के दोनों नंबर प्‍लेट को रीड करके उसका मिलान भी करता है. यानी गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित विभाग को सूचित करता है.