ऑपरेशन कर रहे न्यूरो सर्जन ने अपने मरीज से कहा कि वो सर्जरी के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ करें और युक्ति ने वही किया. सर्जरी के दौरान वो पूरी तरह से होश में थीं.
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नई दिल्ली: आज हम आपको दिल्ली के एम्स में हुए एक अनोखे ऑपरेशन के बारे में बताएंगे. दिल्ली एक एम्स अस्पताल में 24 वर्ष की युक्ति अग्रवाल का ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन हुआ. लेकिन आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि अपनी न्यूरो सर्जरी के वक्त युक्ति अग्रवाल हनुमान चालीसा का पाठ कर रही थीं.
ऑपरेशन कर रहे न्यूरो सर्जन ने अपने मरीज से कहा कि वो सर्जरी के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ करें और युक्ति ने वही किया. सर्जरी के दौरान वो पूरी तरह से होश में थीं. वो हनुमान चालीसा का पाठ करती हैं और जहां वो थोड़ा अटकती हैं, तो डॉक्टर भी उसका साथ देते. ऑपरेशन करते करते वो भी हनुमान चालीसा पढ़ते हैं. डॉक्टर ने ये ऑपरेशन मरीज को होश में रखकर यानी Local Anesthesia देकर किया था.
इस लड़की को ब्रेन ट्यूमर था और ऑपरेशन के जरिए ट्यूमर को हटाया गया. इस तरह के ऑपरेशन को जिसमें मरीज को होश रखकर सर्जरी की जाती है. उसे साइंस की भाषा में Awake Craniotomy कहा जाता है.
डॉक्टर्स के मुताबिक, ये तकनीक नई नहीं है, लेकिन इस तरह के ऑपरेशन के दौरान अगर मरीज किसी आध्यात्मिक श्लोक या भजन का पाठ करते हैं, तो उन्हें फायदा होता है. डॉक्टरों के मुताबिक, आध्यात्मिक पाठ मरीज में विश्वास और हौसले को बढ़ाता है, उन्हें सकारात्मक रखता है.
मरीज को ऑपरेशन से जल्दी उबरने में मदद मिलती है. डॉक्टर और मरीज के बीच संवाद भी होता रहता है, जिससे दोनों के बीच विश्वास कायम होता है.
Awake Craniotomy जैसे ऑपरेशन में मरीजों के मंत्रोच्चारण करने या गाना गाने से डॉक्टर को भी फायदा होता है. उन्हें मरीज की मूवमेंट पर नजर रखने में आसानी होती है. मूवमेंट से हमारा मतलब है कि मरीज हाथ, पैर ठीक से हिला पा रहा है या नहीं, बात कर पा रहा है या नहीं.
ब्रेन सर्जरी में कई बार स्पीच पर भी असर पड़ने का खतरा होता है. ऐसे में अगर सर्जरी के दौरान मरीज होश में हो और बातें कर रहा हो, तो इससे डॉक्टरों को ये पता चल जाता है कि मरीज की बोलने की शक्ति ठीक है.
ऐसे में ऑपरेशन करते वक्त ही वो स्ट्रैटजी बदल सकते हैं. अगर मरीज होश में न हो तो ऐसी स्थिति का पता ऑपरेशन के बाद चलता है.
मंत्रों का हमारे मस्तिष्क पर काफी गहरा प्रभाव पड़ता है. वर्ष 2018 में AIIMS के डॉक्टर्स और IIT के वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में पाया था कि हर रोज गायत्री मंत्र का पाठ करने से बौद्धिक क्षमता बढ़ती है.
AIIMS ने अपनी रिसर्च में MRI के जरिए दिमाग की सक्रियता की जांच करके इस बात की पुष्टि की थी.
AIIMS के डॉक्टरों ने 25 से 30 वर्ष के पुरुषों पर ये प्रयोग किया था. पूरे 9 महीने की रिसर्च और 5 साल के डेटा एनालिसिस के बाद डॉक्टर्स इस नतीजे पर पहुंचे थे. गायत्री मंत्र के जाप से दिमाग के Prefrontal Cortex पर अच्छा असर पड़ता है.
दिमाग के इस हिस्से का काम है. योजनाएं बनाना, समस्याओं का समाधान करना और जागरूक रहना. शोधकर्ताओं ने अपने रिसर्च में पाया कि गायत्री मंत्र का पाठ करने वाले लोग ज्यादा खुश रहने लगे थे. उनमें नींद की कमी और डिप्रेशन जैसे बीमारियां भी नहीं थीं.
मंत्रोच्चारण या अध्यात्मिक पाठ से हमारा दिमाग शांत रहता है और इसी वजह से दिमाग की सर्जरी करने वाले डॉक्टर्स भी इसे अच्छा मानते हैं.