DNA ANALYSIS: आपकी लिपस्टिक जहरीली तो नहीं? मिलाया जा रहा ये खतरनाक केमिकल
एनवॉयरमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी में प्रकाशित हुई एक स्टडी में बताया गया है कि मेकअप प्रोडक्ट्स में जहरीला केमिकल फ्लोरीन मिला हुआ है. ये स्टडी कैलिफोर्निया की ग्रीन साइंस पॉलिसी इंस्टीट्यूट ने की है.
नई दिल्ली: अब हम आपको एक ऐसे खतरे के बारे में बताएंगे, जिसमें सावधानी ही आपको बचा सकती है और मेकअप की शौकीन महिलाओं को ये खबर जरूर जाननी चाहिए. ये खबर उन युवाओं के लिए भी बहुत जरूरी है जो सोशल मीडिया स्टार बनने के लिए खूबसूरती पर ज्यादा ध्यान देते हैं और कॉस्मेटिक्स का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. चेहरे को खूबसूरत बनाने में इस्तेमाल होने वाले कॉस्मेटिक्स जैसे लिपस्टिक, आई शैडो और मस्कारा में एक जहरीला केमिकल पाया गया है.
70 से ज्यादा कॉस्मेटिक्स ब्रांड्स पर स्टडी
एनवॉयरमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी में प्रकाशित हुई एक स्टडी में बताया गया है कि मेकअप प्रोडक्ट्स में जहरीला केमिकल फ्लोरीन मिला हुआ है. ये स्टडी कैलिफोर्निया की ग्रीन साइंस पॉलिसी इंस्टीट्यूट ने की है. इस संस्था ने विश्व के 70 से ज्यादा जाने माने कॉस्मेटिक्स ब्रांड्स पर ये स्टडी की है.
पाया गया जहरीला रसायन
कॉस्मेटिक्स में पाया गया फ्लोरीन एक ऐसा केमिकल है जिसका इस्तेमाल कीटनाशकों में किया जाता है. ये बहुत जहरीला रसायन है. इस केमिकल के संपर्क में आने पर आप कई तरह की गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकते हैं.
भारत में महिलाएं औसतन एक साल में 22 ग्राम लिपस्टिक खा जाती हैं और हमें लगता है कि इस लिहाज से ये रिसर्च डराने वाली हैं. आपको इस खतरे को कैसे पहचानना है और इससे कैसे बचना है. ये बताने के लिए हमने एक रिपोर्ट तैयार की है.
231 चीजों के नमूनों की जांच
रंग बिरंगी लिपस्टिक लगाने का शौक कितना खतरनाक है, ये इन महिलाओ को नहीं मालूम है. जिस कोरोना वायरस के खतरे के डर से ये महिलाएं मुंह पर मास्क लगाए हुए हैं. उन्हें नहीं पता की मास्क के अंदर भी एक जहरीला केमिकल उन्हें धीरे धीरे नुकसान पहुंचा रहा है. महिलाओं को अपनी लिपस्टिक या कॉस्मेटिक से खास प्यार होता है, लेकिन हमारा फर्ज ये है कि हम आपको बताएं कि ये कॉस्मेटिक्स कैसे आपको नुकसान पहुंचा रहे हैं.
अमेरिका की एनवॉयरमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी में प्रकाशित एक स्टडी में ये बात सामने आई है कि मेकअप से जुड़ी 231 चीजों के नमूनों की जांच की गई थी, जिसमें 52 प्रतिशत प्रोडक्टस में मिलावट पाई गई. वाटरप्रूफ मस्कारा के 82% ब्रांड, फाउंडेशन के 63% और लिपस्टिक के 62% ब्रांड्स में फ्लोरीन मिला है.
जहरीला फ्लोरिन आपको अंदर से खराब कर रहा
फ्लोरीन एक ऐसा जहरीला कमेकिल है जो आपको शरीर को अंदर से नुकसान पहुंचाता है और कई बीमारियों जैसे कैंसर, थायरॉयड और लीवर की बीमारियों का कारण बनता है. आप भले ही लिपस्टिक लगाकर खुद को खूबसूरत महसूस करती हों, लेकिन ये खूबसूरती सिर्फ बाहरी है क्योंकि, इसमें मिला हुआ जहरीला फ्लोरिन आपको अंदर से खराब कर रहा है.
हैरानी की बात ये हे कि किसी भी कॉस्मेटिक के लेबल पर फ्लोरीन की जानकारी नहीं होती है. शोध में ये भी देखा गया है कि 88 प्रतिशत प्रोडक्ट्स में सही जानकारी नहीं दी जाती है. इसलिए अगर आप कॉस्मेटिक्स का इस्तेमाल करते हैं तो सावधानी जरूर रखिए. कहीं ऐसा न हो कि खूबसूरत बनाने में इस्तेमाल होने वाले यही कॉस्मेटिक्स आपको अंदर से खोखला कर दें.
वर्ष 2018 में आई ग्लोबल जर्नल्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में कॉस्मेटिक्स का इस्तेमाल बढ़ा है और इस वजह से इसके उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले केमिकल की मात्रा भी बढ़ाई गई है. मेकअप में इस्तेमाल होने वाले अलग अलग कॉस्मेटिक्स के अलग-अलग साइड इफेक्ट्स होते हैं.
केमिकल से होने वाले नुकसान
-अब हम आपको अलग प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल होने वाले केमिकल और उससे होने वाले नुकसान के बारे में बताते हैं.
-बच्चों के पाउडर, लोशन और फेस क्रीम में डायज़ोलि-डिनिल यूरिया होता है जो स्किन से जुड़ी परेशानियां पैदा कर सकता है.
-कॉस्मेटिक्स में हेवी मेटल्स भी इस्तेमाल किया जाते हैं, जिससे आपको पेट से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं.
-स्किन क्रीम या मेकअप पाउडर में आर्सेनिक इस्तेमाल किया जाता है जो इंसान को लंग कैंसर जैसी बीमारी दे सकता है.
-हेयर क्रीम, लिपस्टिक या स्किन क्रीम में कैडमियम नाम का केमिकल होता है, जो आपकी किडनी को कमजोर बना सकता है. इसका लंबे समय तक इस्तेमाल आपकी हड्डियों को भी कमजोर बनाता है.
-कॉस्मेटिक्स या शैंपू को ज्यादा समय तक बचाए रखने के लिए में पैराबेन केमिकल नाम का एक केमिकल इस्तेमाल किया जाता है, जो कैंसर का कारण बन सकता है.
ये तो कुछ ही केमिकल के नाम है जिनका इस्तेमाल अलग-अलग कॉस्मेटिक्स में इस्तेमाल होता है. जरूरी ये है कि आप इनका कम से कम इस्तेमाल करें और अगर आपको किसी भी कॉस्मेटिक के इस्तेमाल से कुछ परेशानी होती है, तो उसको गंभीरता से लें.