DNA: दुनिया भर की कंपनियां 1997 के बाद पैदा हुए युवाओं को जॉब देने से क्यों बच रहीं? क्या खतरे में है Gen Z का करियर
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DNA: दुनिया भर की कंपनियां 1997 के बाद पैदा हुए युवाओं को जॉब देने से क्यों बच रहीं? क्या खतरे में है Gen Z का करियर

DNA on Gen Z Youth: दुनिया भर की कंपनियां 1997 के बाद पैदा हुए युवाओं यानी Gen Z को जॉब देने से बच रही हैं. इसका मतलब क्या है. क्या Gen Z का करियर खतरे में है. 

DNA: दुनिया भर की कंपनियां 1997 के बाद पैदा हुए युवाओं को जॉब देने से क्यों बच रहीं? क्या खतरे में है Gen Z का करियर

DNA Analysis in Hindi on Gen Z Youth: जम्मू कश्मीर में युवा आतंक को ग्लैमर मानकर भटक गए लेकिन ये सिर्फ एक शहर या राज्य की खबर नहीं है. देश के कोने कोने में किशोर और युवा किसी ना किसी वजह से भटका हुआ है. ऐसी पीढ़ी को नाम दिया गया है जेन ज़ी. आज के हिंसक और भटके युवाओं की तस्दीक करती खबर आई है दिल्ली से जहां एक 14 साल के लड़के की उसी के दोस्तों ने हत्या कर दी. दिल्ली से आई पूरी खबर आपको बताएंगे लेकिन सबसे पहले उस जेन ज़ी के बारे में बताते हैं जिसे लेकर कहा जाता है कि वो हिंसक, नाराज और डिप्रेशन जैसी गंभीर समस्याओं के शिकार हैं. 

कौन हैं Gen Z?

दरअसल, Gen Z यानी 1997 से 2012 के बीच पैदा हुए लोगों की पीढ़ी है. जो इंटरनेट और डिजिटल तकनीक के साथ साथ बड़ी हुई है. Gen Z को डिजिटल नेटिव भी कहा जाता है क्योंकि ये पीढ़ी बचपन से ही इंटरनेट और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करती आई है.

जेन ज़ी वाली पीढ़ी के काम करने, समझने, बोलने, लोगों से मिलने और सोचने का अंदाज बाकियों अलग है. इंटरनेट और मोबाइल वाली इस पीढ़ी के साथ दिक्कत ये है कि इनमें हिंसा, जुनून अपनी ही दुनिया में सिमटे रहने की आदत और डिप्रेशन के लक्षण आमतौर पर देख जाते हैं.

दोस्तों ने ही कर दिया मर्डर

यही वजह है कि जेन ज़ी पीढ़ी को लेकर कई देशों में नियम तक सामने आने लगे हैं. दुनिया मानने लगी है ये कि ये जेन ज़ी की पीढ़ी एक बड़े खतरे में है. महज 14 साल का था दिल्ली में रहने वाला वैभव गर्ग दो दिन से लापता था. अब वैभव की लाश मिली है. उसकी हत्या की गई है. सबसे हैरान और परेशान करने वाली बात ये है कि वैभव के हत्यारे उसकी ही उम्र के लड़के हैं. जो वैभव के घर के पास ही रहते थे.

खुलासा हुआ है कि पहले वैभव का उसी के तीन दोस्तों ने रविवार को अपहरण किया. अपहरण करने वाले लड़कों ने 10 लाख की फिरौती मांगी. इसके बाद उन्होंने वैभव को चाकुओं से गोद कर मार डाला. मर्डर के बाद वे वैभव की लाश को भलस्वा झील के पास झाड़ियों में फेंककर फरार हो गए. 

वजीराबाद में रहता था परिवार

वैभव दसवीं क्लास का स्टूडेंट था और परिवार के साथ वजीराबाद इलाके में रहता था. उसके पिता ड्राइवर हैं. वह परिवार का इकलौता लड़का था. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के अलावा टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर आरोपियों की तलाश शुरू की थी. इसके बाद पुलिस ने मंगलवार को तीन नाबालिगों को हिरासत में ले लिया.

दिल्ली में वैभव हत्या कांड और उसमें शामिल महज 14 साल के लड़कों के खुलासे ने एक बार फिर सवाल उठाया है कि आखिर इतनी कम उम्र में बच्चों के दिमाग में इस तरह के ख्याल कैसे आ रहे हैं. जानकारों के मुताबिक 15 से 17 साल के किशोरों की बिगड़ती मानसिक हालत के पीछे मोबाइल, इंटरनेट, आसान शिक्षा नीति, छोटे होते परिवार और सब कुछ आसानी से मिल जाने की लत जैसी कई वजहें शामिल हैं.

बहुत आक्रामक Gen Z

यही वजह है कि जनरेशन जेड में आक्रामकता और हिंसक प्रवत्ति भी तेज़ी से बढ़ती जा रही है. हालात ऐसे हो चले हैं कि तेज़ी से भागती दुनिया में जनरेशन Z की पीढ़ी पिछड़ती जा रही है. दुनिया भर की टॉप कंपनियां जेन जेड के युवाओं को काम पर रखने से बच रही हैं. 

इसके पीछ वजह है इनके काम करने में लापरवाही, कमजोर कम्युनिकेशन स्किल्स और काम के प्रति उनका बेपरवाह व्यवहार. ऐसे में जरूरी है कि आप अपने बच्चे पर खास ध्यान दें नहीं तो जेड जनरेशन की छाप आपके बच्चे को भी अंधकार में ढकेल सकती है.

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