भारत के शौर्य और चीन की मजबूरी को दिखाता Video, मिलिए गलवान के `पोस्टर बॉय` से
कैप्टन सोइबा सोशल मीडिया पर छाए रहे. देश ने अपने इस हीरो को सलाम किया. इस वीडियो को विशेषकर मणिपुर के लोगों ने खूब सराहा.
नई दिल्ली: अब हम हम आपको एक ऐसे वीडियो के बारे में बताने जा रहे हैं, जो चीन की मजबूरी और भारत के शौर्य को दिखा रहा है. इस वीडियो में गलवान में भारत के शौर्य के 'पोस्टर बॉय' को देखा जा सकता है. वीडियो में चीन की ऐसी मजबूरी भी है जिसने वहां उसे मुश्किल में डाल दिया है.
चीन ने पहली बार स्वीकार की ये बात
चीन से आया ये वीडियो 3 मिनट 20 सेकेंड का है जिसमें चीन ने पहली बार ये स्वीकार किया है कि गलवान में चीन के चार सैनिक मारे गए थे. चीन ने इस वीडियो में अपने सैनिकों के सम्मान के बारे में बताया है.
भारत की सेना का आत्मविश्वास
ऐसा करके चीन भारत को बदनाम करना चाहता था कि उसके सैनिक सीमा पर हिंसक हैं. लेकिन वीडियो ने गलवान के पोस्टर बॉय के सबूत दे दिए. ये हैं, 16 बिहार रेजीमेंट के कैप्टन सोइबा मनिंगबा (Capt. Soiba Maningba Rangnamei) जो वीडियो में बड़ी ही निडरता के साथ चीन की सेना से भिड़ते दिख रहे हैं. इसे देखकर हर भारतवासी गर्व महसूस कर रहा है. कैप्टन सोइबा की बॉडी लैंग्वेज में भारत की सेना का आत्मविश्वास झलकता है, जिसके आगे चीन की सेना कमजोर नजर आती है.
सोशल मीडिया पर छाए कैप्टन सोइबा
ये तस्वीर बहुत कुछ बयां कर रही है, इसे समझना होगा. जरा सोचिए अगर इस तस्वीर में घटना उल्टी होती तो देश में क्या होता. सबूत प्रेमी गैंग हल्ला मचा देता कि भारत के सैनिक पीछे हट गए. चीन ने जमीन हड़प ली. कैप्टन सोइबा सारे दिन सोशल मीडिया पर छाए रहे. देश ने अपने इस हीरो को सलाम किया. विशेषकर मणिपुर के लोगों ने इसे खूब सराहा. कैप्टन सोइबा मणिपुर के सेनापति जिले के रहने वाले हैं. साल 2018 में ही उन्होंने इंडियन आर्मी जॉइन की है. अब बड़े-बड़े लोग कैप्टन सोइबा की तस्वीर सोशल मीडिया में शेयर कर रहे हैं.
पर गलवान में अपने सैनिकों के मरने की बात स्वीकार करने के बाद चीन में असंतोष फैल गया है. वहां सोशल मीडिया पर ब्लॉगर और पत्रकार चीन से सवाल पूछ रहे हैं कि सैनिकों को सम्मान देने में इतना वक्त क्यों लगा? चीन की सरकार से ये भी कहा जा रहा है कि वो मारे गए सैनिकों की सही संख्या नहीं बता रही है, तो चीन की सरकार ऐसे सवाल पूछने वालों को पकड़ कर जेल भेज रही है. अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. हालांकि भारत में ऐसे सवाल पूछने वालों को पूरी आजादी है और सबूत मांगने वालों को भी.