DNA ANALYSIS: क्या भारत में तीन मई के बाद Lockdown हटा लिया जाना चाहिए?
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DNA ANALYSIS: क्या भारत में तीन मई के बाद Lockdown हटा लिया जाना चाहिए?

सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन सवालों पर राज्य सरकारों की राय जानने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की है.

DNA ANALYSIS: क्या भारत में तीन मई के बाद Lockdown हटा लिया जाना चाहिए?

क्या भारत में तीन मई से लॉकडाउन (Lockdown) हटा लिया जाना चाहिए? या अभी भारत के करोड़ों लोगों को कई और दिन इसके दायरे में रहना होगा .  सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन सवालों पर राज्य सरकारों की राय जानने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की है . कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ ये चौथी बातचीत थी जिसमें गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद थे . बैठक में प्रमुख तौर से तीन बिंदुओं पर चर्चा हुई .

1. अलग-अलग राज्यों में कोरोना संक्रमण की क्या स्थिति है ?
2. केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से 20 अप्रैल को दी गईं रियायतों का कोरोना संक्रमण पर क्या असर हुआ ?
3. 3 मई के बाद Lockdown को लेकर राज्य सरकारों की क्या राय है ?

करीब तीन घंटे चली बैठक में नौ राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने विचार, प्रधानमंत्री के सामने रखे . इनमें से तीन राज्य, मेघालय, ओडिशा और गोवा, Lockdown को तीन मई के बाद भी बढ़ाना चाहते हैं . ओडिशा ने तो Lockdown को और एक महीने बढ़ाने का सुझाव दिया है . हालांकि बैठक में आम राय ये बनी है कि तीन मई के बाद, तुरंत Lockdown खत्म किये जाने के हालात नहीं हैं . प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्रियों को कहा है कि Lockdown खोलने को लेकर एक व्यापक नीति तैयार करनी होगी. कोरोना महामारी लंबे समय तक रहेगी और इसके मामलों में जून-जुलाई में तेजी आ सकती है, जिसे ध्यान में रखकर तैयारी की जानी चाहिए . राज्य तय करें कि 3 मई के बाद Red, Green और Orange Zone में Lockdown का स्वरुप कैसा हो?

नियमों में शर्तों के साथ ढील
कुल मिलाकर इस बैठक का सार ये निकलता है कि तीन मई के बाद, Lockdown पूरी तरह खत्म नहीं होने वाला . हालांकि Lockdown के नियमों में धीरे-धीरे ढील दी जा सकती है लेकिन वो भी शर्तों के साथ.  तो देश को 3 मई के बाद भी Lockdown के लिए तैयार रहना चाहिए . हालांकि आपको इसमें कई और रियायतें जरूर मिल सकती हैं . लेकिन ये इस बात पर निर्भर करेगा कि आपके इलाके में कोरोना संक्रमण कितना गंभीर है.

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तीन श्रेणियों में विभाजन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के करीब 736 जिलों को कोरोना केसों की संख्या के आधार पर तीन श्रेणियों में बांटा है.

रेड जोन (Red Zone): जहां से सबसे अधिक कोरोना केस सामने आ रहे हैं, ये वो हॉटस्‍पॉट हैं जहां चार दिन से भी कम समय में मामले दोगुने हो रहे हैं या जहां राज्यों के 80 प्रतिशत मामले दर्ज हो रहे हैं . इस वक्त देश के करीब 23 प्रतिशत यानी 170 जिले Red Zone में हैं.

ऑरेंज जोन (Orange Zone): जहां पर काफी कम मामले सामने आ रहे हैं. अगर किसी रेड जोन में लगातार 14 दिन तक कोई नया केस नहीं आता तो उसे ऑरेंज जोन घोषित कर दिया जाता है . इस वक्त देश के 207 जिले, इस जोन में हैं .

ग्रीन जोन (Green Zone): अगर किसी इलाके में 28 दिन तक कोई नया मामला सामने नहीं आता है तो उसे ग्रीन जोन में शामिल कर लिया जाता है. देश में इस वक्त इस जोन में 359 जिले हैं .

ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश के पचास प्रतिशत से ज्यादा जिलों में कोरोना संक्रमण के केस सामने आ चुके हैं . दिल्ली के 11 में से 9 जिले रेड जोन में हैं . महाराष्ट्र में 11, गुजरात में 5, राजस्थान में 11, पंजाब में 4, मध्य प्रदेश में 5 और उत्तर प्रदेश में 9 जिले रेड जोन में हैं .

राज्यों की राजधानियों की बात करें तो चेन्नई, जयपुर, भोपाल, मुंबई और चंडीगढ़ भी हॉटस्‍पॉट हैं . दक्षिण भारत में आंध्र प्रदेश के 11 और तमिलनाडु के 22 जिले हॉटस्‍पॉट की लिस्ट में शामिल हैं .

ऐसे में अगर आप रेड जोन में है तो 3 मई के बाद आपको कुछ और वक्त सख्त लॉकडाउन में ही गुजारना पड़ सकता है  क्योंकि 3 मई के बाद अगर लॉकडाउन में रियायतें मिलेंगी भी तो वो सिर्फ ऑरेंज और ग्रीन जोन में आने वाले जिलों में ही लागू होंगी. वैसे 20 अप्रैल को भी ऑरेंज और ग्रीन जोन में शर्तों के साथ कुछ आर्थिक गतिविधियों की छूट दी जा चुकी है .

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