DNA: अयोध्या में जगह- जगह पर शराब के ठेके, रामपथ पर मदिरालय की भरमार, क्या भक्ति से ज्यादा जरूरी है बिक्री?
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DNA: अयोध्या में जगह- जगह पर शराब के ठेके, रामपथ पर मदिरालय की भरमार, क्या भक्ति से ज्यादा जरूरी है बिक्री?

DNA Analysis: 800 करोड़ से भी ज्यादा की लागत से राम मंदिर तक श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम बनाने के लिए रामपथ बनाया गया है. हालांकि रामपथ पर जगह- जगह ठेके हैं. सवाल ये खड़ा होता है कि क्या भक्ति से ज्यादा जरूरी राजस्व है?

DNA: अयोध्या में जगह- जगह पर शराब के ठेके, रामपथ पर मदिरालय की भरमार, क्या भक्ति से ज्यादा जरूरी है बिक्री?

DNA Analysis: DNA में अगली खबर का विश्लेषण हम गोस्वामी तुलसीदास के एक दोहे से करना चाहते हैं. रामचरितमानस के उत्तरकांड में कलियुग को लेकर गोस्वामी तुलसीदास जी लिखते हैं "कलिमल ग्रसे, धर्म सब लुप्त भए" जिसका अर्थ है कि कलियुग में धर्म नष्ट हो जाता है और पाप बढ़ जाते हैं.गोस्वामी तुलसीदास जी ने कलियुग का जो वर्णन किया था उसे आप श्रीरामनगरी अयोध्या के रामपथ पर देख सकते हैं.

रामपथ 800 करोड़ से भी ज्यादा की लागत से राम मंदिर तक श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम बनाने के लिए इस पूरे कॉरीडोर को तैयार किया गया है. लेकिन इस भक्तिमार्ग पर जहां चारों तरफ राम का नाम होना चाहिए. वहां हर एक किलोमीटर पर मदिरा की दुकान है. जगह जगह अंग्रेजी शराब की दुकान और भयंकर ठंडी बीयर के बोर्ड लगे हुए हैं.

यहां 14 किलोमीटर में 13 शराब के ठेके हैं. शराब के ठेके तो हैं हीं यहां जगह जगह शराब की बोतलें बिखरी पड़ी हैं. लोग खुलेआम शराब पी भी रहे हैं. हमने रामलला के धाम में रामपथ पर शराब की दुकानों का DNA टेस्ट किया है. सुना आपने सरेआम शराब पीने वाला ये आदमी क्या कह रहा था. शराब का ठेका खुला है तो वो पी रहा है खैर सरेआम शराब पीना तो अपने आप में एक अपराध है. लेकिन सवाल तो यहां ये भी उठता है कि रामपथ पर शराब के ठेके खोले क्यों गए हैं. राम पथ पर शराब की दुकानों का काम क्या है यही सवाल संत समाज और श्रद्धालु भी पूछ रहे हैं.

 

संत समाज स्थानीय निवासी शराब की दुकानों को बंद करने की मांग कर रहे हैं. श्रद्धालु भी इस बात से परेशान हैं कि उन्हें शराबियों के बीच से होकर राम मंदिर जाना पड़ रहा है. अयोध्या नगर निगम ने भी राज्य सरकार को शराब बैन करने का प्रस्ताव भेजा है लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि इस मांग को माना क्यों नहीं जा रहा है.रामपथ पर शराब के ठेकों का शटर डाउन क्यों नहीं किया जा रहा है. क्या शराब की बिक्री से राजस्व जुटाना प्रभु श्री राम की भक्ति से ज्यादा जरूरी है.

एक तरफ जहां अयोध्या के रामपथ पर शराब की दुकानों को बंद करने की मांग हो रही है. तो वहीं दूसरी तरफ अमेठी ने पीने के नाम पर नया रिकॉर्ड कायम कर दिया है. अमेठी में एक महीने में इतनी ज्यादा शराब बिक गई कि आबकारी विभाग भी हैरान-परेशान है. अमेठी जिले में मई महीने के 31 दिनों में 32 करोड़ की शराब बिक गई. यानी हर दिन 1 करोड़ 3 लाख 22 हजार 580 रुपये की शराब बिकी है. शराब की बिक्री में अमेठी जिले का नाम मंडल में प्रथम और पूरे उत्तर प्रदेश में सातवें स्थान पर रहा. यहां राजस्व लक्ष्य 24.50 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया था लेकिन लोग इससे 30 परसेंट ज्यादा शराब पी गए.

अमेठी में पहले बीयर की 43 और अंग्रेजी शराब की 47 दुकानें थीं लेकिन नए लाइसेंस में अब कंपोजिट दुकानें खोली गई हैं. जहां बीयर और शराब एक ही दुकान पर मिल रही है. माना जा रहा है कि इसी सुविधा का अमेठी वासियों खूब फायदा उठाया. अरविंदर सिंह की एक ग़ज़ल है
खास कानून से ये रस्म बना दी जाए. शराब जो न पिए उसको सजा दी जाए. लगता है इस गाने को अमेठी में शराब पीने वालों ने सच मान लिया और लोगों ने ऐसे शराब पी है कि रिकॉर्ड बना दिया

रिकॉर्ड की बात हो रही है तो आपको योगी सरकार का एक नया रिकॉर्ड बताते हैं. यूपी ने महिला सुरक्षा के मामले में बड़ी उपलब्धि हासिल की है. भारत सरकार की इंवेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम फॉर सेक्सुअल ऑफेंस यानी ITSSO की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश महिला संबंधी अपराधों के निपटारे में पहले स्थान पर है. इस रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2018 से जून 2025 के बीच यूपी में महिलाओं के खिलाफ अपराध के जितने भी मामले दर्ज हुए हैं.. उनमें से 98.6% मामलों में एक्शन लिया गया है. 2018 में यूपी इस मामले में सातवें स्थान पर था.. लेकिन आज 2025 के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है. अगर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में 60 दिन के भीतर चार्जशीट दर्ज करने की बात करें तो योगी सरकार में 88.50 CASES में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है. 2018 में इस रैंकिंग में उत्तर प्रदेश 10वें स्थान पर था लेकिन ताजा रैंकिंग में यूपी तीसरे नंबर पर है. सत्ता में आते ही योगी आदित्यनाथ ने ये साफ कर दिया था की महिला सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है. कई बार सीएम योगी ने महिला सुरक्षा को लेकर सख्त संदेश भी दिया है. ये योगी आदित्यनाथ की नीति का ही असर है की यूपी में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में रैपिड एक्शन हो रहा है. उम्मीद है बाकी राज्य भी इसी तरह फास्ट ट्रैक एक्शन लें.

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