निकिता (Nikita Tomar) की गलती सिर्फ इतनी थी कि इसने तौसीफ नाम के एक लड़के से शादी करने से इनकार कर दिया था. 21 वर्ष का तौसीफ पिछले कई वर्षों से निकिता से एकतरफा प्यार करता था और वो पहले भी कई बार निकिता के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश कर चुका था
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नई दिल्ली: 23 अप्रैल 1931 को महात्मा गांधी का एक लेख यंग इंडिया मैगजीन में छपा था. इसमें महात्मा गांधी ने लिखा था कि दूसरों के धर्म को कम करके नहीं आंकना चाहिए और किसी का धर्म परिवर्तन करने की कोशिश करना बीमार मानसिकता की पहचान है. इसी बीमार मानसिकता ने देश की राजधानी दिल्ली के पास हरियाणा के फरीदाबाद जिले में 20 वर्ष की एक लड़की की जान ले ली. इस लड़की का नाम निकिता तोमर है (Nikita Tomar) और निकिता की गलती सिर्फ इतनी थी कि इसने तौसीफ नाम के एक लड़के से शादी करने से इनकार कर दिया था. 21 वर्ष का तौसीफ पिछले कई वर्षों से निकिता से एकतरफा प्यार करता था और वो पहले भी कई बार निकिता के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश कर चुका था और उसका पीछा भी किया करता था.
लेकिन सोमवार 26 अक्टूबर को ये एकतरफा प्यार उस समय मर्डर में बदल गया जब तौसीफ और उसके दोस्त रेहान ने कॉलेज में परीक्षा देकर घर लौट रही निकिता को सरेआम गोली मार दी. ये वारदात बल्लभगढ़ (Ballabgarh) के अग्रवाल कॉलेज के पास की है. दोनों आरोपी कुछ देर तक निकिता के कॉलेज से बाहर आने का इंतजार करते हैं और फिर जैसे ही निकिता अपनी एक सहेली के साथ इस सड़क से गुजरती है, तौसीफ उसे पकड़कर जबरदस्ती गाड़ी में बैठाने की कोशिश करता है. निकिता खुद को बचाने की कोशिश करती है और गाड़ी से दूर भागने लगती है लेकिन तभी तौसीफ निकिता के सिर में गोली मारकर उसकी हत्या कर देता है और इसके बाद तौसीफ का दोस्त रेहान फटाफट ड्राइविंग सीट पर बैठ जाता है और दोनों मौका-ए-वारदात से फरार हो जाते हैं.
मामला लव जेहाद और धर्म परिवर्तन से जुड़ा है?
निकिता अपने परिवार के साथ फरीदाबाद में रहती थी और ग्रेजुएशन करके एक दिन आईएएस ऑफिसर बनना चाहती थी. लेकिन उससे एकतरफा प्यार करने वाले तौसीफ ने उसकी जान ले ली और एक परिवार पूरी तरह से बिखर गया. ये वारदात देश की संसद से सिर्फ 35 किलोमीटर दूर हुई है. लेकिन इस वारदात ने ये साबित कर दिया है कि इस देश की संसद में बनने वाले तमाम कानून भी देश की एक बेटी को बचाने के लिए काफी नहीं हैं. इस घटना के बाद निकिता के परिवार और रिश्तेदारों ने पास की सड़क पर जाम लगा दिया और प्रशासन से न्याय दिलाने की मांग की. जब ये सब हो रहा था इसी बीच तौसीफ अपने दोस्त रेहान के साथ हरियाणा के मेवात में एक गांव में जाकर छिप गया. लेकिन पुलिस इन दोनों की पहचान कर चुकी थी पुलिस ने पहले मेवात से मुख्य आरोपी तौसीफ को गिरफ्तार किया और फिर कुछ घंटों के बाद इस मर्डर में शामिल दूसरे आरोपी रेहान को भी मेवात के रेवासन गांव से गिरफ्तार कर लिया गया. हरियाणा का मेवात इलाका इस पूरी कहानी के केंद्र में है. जब Zee News की टीम फरीदाबाद पहुंची और हमारी टीम ने निकिता के परिवार से बात की तो परिवार ने आरोप लगाए कि ये मामला लव जेहाद (Love Jihad) और धर्म परिवर्तन (Religion change) से जुड़ा है, क्योंकि आरोपी तौसीफ, निकिता से शादी करके उसका जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराना चाहता था. वर्ष 2018 से ही तौसीफ, निकिता से जबरदस्ती कर रहा था.
तौसीफ पहले भी निकिता को परेशान किया करता था
इस हत्याकांड को लेकर दायर की गई FIR की एक कॉपी में साफ साफ लिखा है कि तौसीफ पहले भी निकिता को परेशान किया करता था. लेकिन ये इस मामले की पहली FIR नहीं है. वर्ष 2018 में निकिता के परिवार ने तौसीफ के खिलाफ एक FIR दर्ज कराई थी. 2 अगस्त 2018 को दर्ज की गई इस FIR में निकिता के परिवार ने तौसीफ पर निकिता के अपहरण का आरोप लगाया था. लेकिन इसके बाद एक स्थानीय पंचायत में तौसीफ और निकिता के परिवार के बीच समझौता हो गया था और ये शिकायत वापस ले ली गई थी. लेकिन इसके बाद भी तौसीफ ने निकिता को परेशान करना नहीं छोड़ा और कल ये पूरा मामला निकिता की हत्या तक पहुंच गया.
निकिता तोमर एक होनहार छात्रा थी जिसे 12वीं की बोर्ड की परीक्षा में 95 प्रतिशत अंक मिले थे. निकिता कॉलेज में आखिरी वर्ष की पढ़ाई कर रही थी और वो भविष्य में IAS ऑफिसर बनना चाहती थी. लेकिन तौसीफ ने निकिता और उसके परिवार के सारे सपनों को तोड़ दिया.
फिलहाल हरियाणा पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए एक स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम का (Special Investigation Team) का गठन कर दिया है और ये पता लगाने की कोशिश हो रही है कि इस हत्याकांड के पीछे की असली वजह क्या है. लेकिन अब तक जो कुछ सामने आया है और निकिता के परिवार ने जो आरोप लगाए हैं, उनसे यही लगता है होता है कि तौसीफ न सिर्फ निकिता को लगातार परेशान कर रहा था, बल्कि वो उसका धर्म परिवर्तन भी कराना चाहता था. निकिता ने इससे इनकार किया और उसे अपनी जान देकर इस इनकार की कीमत चुकानी पड़ी.
एकतरफा एजेंडे की पोल खुल गई
निकिता का अंतिम संस्कार तो कर दिया गया. लेकिन इस मामले ने एक बार फिर एकतरफा एजेंडे की पोल खोल दी है. आपको ध्यान होगा कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक 20 साल की लड़की के साथ गैंगरेप हुआ था, जिसके कुछ दिनों बाद लड़की की मौत हो गई थी. उस मामले में नेताओं ने पीड़ित और आरोपियों की जाति ढूंढ ली थी और क्योंकि पीड़ित दलित थी और आरोपी ऊंची जाति के थे. इसलिए तमाम नेताओं ने हाथरस में अपनी राजनीति की दुकाने सजा ली थीं और कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा राजनैतिक पर्यटन करने के लिए हाथरस पहुंच गए थे. लेकिन आज राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा निकिता की हत्या पर पूरी तरह से चुप हैं और उनकी इस चुप्पी का राज तौसीफ के नाम और उसके राजनैतिक कनेक्शन में छिपा है.
नेताओं की चुप्पी का राजनैतिक कनेक्शन
हमें जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक तौसीफ के चचेरे भाई हरियाणा के नूंह से कांग्रेस के विधायक हैं. जिनका नाम है- आफताब अहमद, आफताब अहमद हरियाणा में कांग्रेस की सरकार में परिवहन मंत्री भी रह चुके हैं. आफताब के पिता खुर्शीद अहमद भी कांग्रेस से 5 बार विधायक और 1 बार सांसद भी रहे. खुर्शीद अहमद 3 बार हरियाणा सरकार में मंत्री भी रहे.
आफताब के दादा चौधरी कबीर अहमद भी दो बार विधायक रहे हैं, जबकि तौसीफ के एक चाचा जावेद अहमद ने हरियाणा के पिछले विधानसभा चुनाव में बीएसपी की टिकट पर सोहना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. यानी तौसीफ एक राजनैतिक खानदान से आता है और नेताओं की चुप्पी का राज उसके इसी राजनैतिक कनेक्शन और उसके नाम में छिपा है.
हाथरस की बेटी को न्याय किसी भी कीमत पर मिलना चाहिए. लेकिन उसी न्याय की हकदार निकिता और उसके जैसी करोड़ों बेटियां और महिलाएं भी हैं. निकिता लव जेहाद की शिकार हुई या फिर तौसीफ ने उसे एकतरफा प्यार में असफल होने की वजह से मारा. इसका पता लगाने के लिए आज हमारी टीमें फरीदाबाद से लेकर मेवात तक पहुंच चुकी हैं.
जिस देश में बेटियों को देवी मानकर पूजा की जाती है. उसी देश में धर्म बदलने से मना करने पर एक होनहार बेटी की हत्या कर दी गई. तौसीफ और रेहान मिलकर निकिता को जबरदस्ती गाड़ी में बिठाने की कोशिश करते हैं और जब निकिता इस जबरदस्ती का विरोध करती है तो उसे गोली मार देते हैं. यहां निकिता की गलती सिर्फ इतनी थी कि उसने तौसीफ से शादी करने और अपना धर्म बदलने से मना कर दिया था.
निकिता के परिवार के मुताबिक उनकी बेटी की हत्या लव जेहाद की मजहबी साजिश के लिए हुई है. यानी ये सिर्फ एकतरफा प्यार का मामला नहीं है, यहां एक हिंदू बेटी की हत्या धर्म परिवर्तन के लिए की गई है. इसलिए अब हैदराबाद मॉडल की तर्ज पर निकिता के आरोपियों को सजा देने की मांग भी हो रही है.
निकिता तोमर के भाई ने कहा कि तौसीफ 2018 में भी वो निकिता पर प्रेशर बनाता था कि धर्म परिवर्तन करके शादी कर लो. जब उसे किडनैप करके लेकर गया था. इस बार भी उसने गाड़ी से निकलते ही धर्म परिवर्तन
के लिए दबाव बनाया और जब निकिता नहीं मानी तो उसको गोली मार दी.
मजहबी साजिश की शुरुआत
इस मजहबी साजिश की शुरुआत आज से दो वर्ष पहले साल 2018 में ही हो गई थी. तब इसी तौसीफ ने निकिता का अपहरण किया था, लेकिन समाज के कलंक के डर से तब निकिता के परिवार ने समझौता कर लिया था और यहीं उनसे एक बड़ी गलती हो गई.
हरियाणा पुलिस ने मुख्य आरोपी तौसीफ को सोमवार 26 अक्टूबर की रात को ही गिरफ्तार कर लिया था और दूसरे आरोपी रेहान की गिरफ्तारी 27 अक्टूबर को निकिता के परिवारवालों के विरोध-प्रदर्शन के बाद हुई. प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली-मथुरा हाईवे को जाम कर दिया था.
हरियाणा पुलिस ने इस हत्या की जांच के लिए SIT गठित कर दी है. हालांकि निकिता का परिवार आरोपियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग कर रहा है. निकिता तोमर के भाई का दावा है कि राजनीतिक दबाव के कारण इस मामले के आरोपियों को मदद मिल सकती है.
अब इस मामले पर राजनीति शुरु हो गई है और एक बेटी की हत्या पर हो रही ये सियासत भी देश देख रहा है. हालांकि देश में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो तर्क देंगे कि भारत में लव जेहाद जैसा कुछ नहीं है लेकिन यहां सवाल उस मजहबी कट्टरता का है, जिसमें कभी बल्लभगढ़ में निकिता तोमर तो कभी दिल्ली में राहुल की हत्या कर दी जाती है. बीच सड़क पर जान ले ली जाती है और देश का टुकड़े-टुकड़े गैंग, मोमबत्ती गैंग और बुद्धिजीवी पत्रकार सिर्फ उन्हीं मुद्दों की बात करते हैं जो उनके एजेंडे को पूरा करती है.