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नई दिल्ली: अब आपके काम की खबर. केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (Ayushman Bharat Digital Mission) के तहत डिजिटल हेल्थ आईडी (Digital Health ID) योजना को लॉन्च कर दिया है. भारत सरकार की इस स्कीम के तहत देश के हर व्यक्ति का एक Digital Health ID बनाया जाएगा. इसके तहत आप देश के किसी भी डॉक्टर और किसी भी अस्पताल में इलाज करा सकेंगे. इसमें आपकी सारी हेल्थ रिपोर्ट्स (Health Reports) एक जगह पर सुरक्षित रहेगी जिन्हें कहीं से भी एक्सेस किया जा सकेगा.
इस हेल्थ आईडी (Health ID) में एक 14 अंकों का यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (Unique Identification Number) होगा. जिसे आप आधार कार्ड या मोबाइल नंबर से जनरेट (Generate) कर सकते हैं. इस हेल्थ आईडी के जरिए आपके स्वास्थ्य से जुड़ी सभी जानकारियों जैसे लैब रिपोर्ट्स (Lab Reports) और डॉक्टर के पर्चे (Prescriptions) को डिजिटली स्टोर कर सकते हैं इसमें इस बात की भी जानकारी दर्ज होगी कि जो दवा आप ले रहे हैं. उसका आपके स्वास्थ्य पर कितना असर हुआ है.
इससे किसी व्यक्ति के इलाज की बेहतर योजना बनाई जा सकेगी और इलाज पर आने वाला खर्च भी कम होगा. क्योंकि आम तौर पर जब आप एक डॉक्टर से सलाह लेने के बाद किसी दूसरे डॉक्टर के पास जाते हैं तो आपसे आपकी मेडिकल हिस्ट्री (Medical History) मांगता है और कई बार आपको सारे टेस्ट फिर से कराने पड़ते हैं.
लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आपकी हेस्थ की सारी डिटेल किसी के भी हाथ लग जाएंगी. इन जानकारियों को सिर्फ आपकी मर्ज़ी से ही देखा जा सकता है, इसके लिए आपके मोबाइल फोन पर एक OTP आएगा और इस OTP को दर्ज करने के बाद ही आपकी हेल्थ रिपोर्ट्स को कोई डॉक्टर या स्वास्थ्य कर्मी देख सकता है.
ये डिजिटल हेल्थ आईडी भारत के नागरिक मुफ्त में बना सकते हैं. यानी इसके लिए आपको कोई फीस नहीं देनी होगी, इसके अलावा इस डिजिटल हेल्थ आईडी को अनिवार्य नहीं किया गया है. आप अपनी डिजिटल हेल्थ आईडी बनाना चाहते हैं या नहीं ये आपकी मर्जी पर है.
वैसे तो ये हेल्थ आईडी पूरी तरह से सुरक्षित होगी, लेकिन ये आशंका भी है कि कुछ प्राइवेट कंपनियां इस डाटा का गलत इस्तेमाल कर सकती हैं. इसके लिए सरकार को डाटा प्रोटेक्शन (Data Protection) जैसे कानूनों को लागू करना होगा.
कुल मिलाकर इस मिशन का मकसद है कि देश में हेल्थ केयर (Health Care) सिस्टम डिजिटल हो जाए. मरीज से लेकर डॉक्टर तक और देश के हर एक अस्पताल से लेकर फॉर्मेसी तक सारे रिकॉर्ड्स एक क्लिक पर मौजूद होंगे. ये सिस्टम एक्टिव हो चुका है और इसके जरिए आप अभी अपनी Health ID बना सकते हैं हैं. अगर आपके पास मोबाइल फोन नहीं है या आप इंटरनेट इस्तेमाल करना नहीं जानते. तो जल्द ही आपके नजदीकी अस्पताल या क्लीनिक मौजूद डॉक्टर भी आपके लिए ये काम कर पाएंगे.
पिछले वर्ष अगस्त के महीने में Digital Health Mission को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया गया था. इसके तहत 6 केंद्र शासित प्रदेश जैसे अंडमान निकोबार, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली, दमन दीव, लद्दाख, लक्षद्वीप और पुडुचेरी में कई लोगों को ऐसे डिजिटल हेल्थ आईडी जारी हो चुके हैं.
इस तरह की डिजिटल हेल्थ आईडी दुनिया के 120 देशों में जारी किए जाते हैं. हालांकि कुछ साल पहले नीदरलैंड ( Netherlands) में Data चोरी की आशंका की वजह से मरीजों के रिकार्ड्स को नष्ट कर दिया गया था. यानी भारत को इस दिशा में आगे बढ़ने लिए अभी काफी मेहनत करनी होगी.
लेकिन जो देश एक दिन में करोड़ों लोगों को वैक्सीन लगा सकता है और मिनटों में उनके वैक्सीनेशन (Vaccination) का डिजिटल सर्टिफिकेट (Digital Certificate) जारी कर सकता है. उस देश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में ये डिजिटल क्रांति क्रांति असंभव नहीं है. इसके लिए बस आम लोगों में जागरूकता और सरकारों में ईमानदारी की जरूरत होगी.