DNA Analysis: शनि शिंगणापुर मंदिर में आस्था के लिए गैर हिंदू कर्मचारियों को निकाल दिया गया. वहीं उत्तर प्रदेश के संभल में आस्था के लिए एक मजार को लिफ्ट और शिफ्ट किया जा रहा है.
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DNA Analysis: शनि शिंगणापुर मंदिर में आस्था के लिए गैर हिंदू कर्मचारियों को निकाल दिया गया तो उत्तर प्रदेश के संभल में आस्था के लिए एक मजार को लिफ्ट और शिफ्ट किया जा रहा है. याकूब अली शाह की मजार एक हिस्सा सरकारी सड़क को कब्जा कर बनाया गया है. प्रशासन ने अवैध कब्जे को तोड़ने का नोटिस दिया है. मस्जिद कमेटी ने मजार को बचाने के लिए इसे शिफ्ट करने का फैसला किया है. मजार को शिफ्ट करने के लिए देसी जुगाड़ वाली तकनीक अपनाई जा रही है. किस जुगाड़ तकनीक से मजार को शिफ्ट किया जाएगा वो हम आपको विस्तार से बताएंगे.
अवैध अतिक्रमण
यहां सिर्फ मजार ही नहीं अवैध तरीके से मस्जिद भी बनाई गई थी. इससे पहले की योगी सरकार के बुलडोजर का एक्शन होता इंतजामिया कमेटी ने खुद ही अवैध मस्जिद को गिरा दिया. यहां हम आपको बताना चाहेंगे कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के दौरान 10 हजार से ज्यादा धार्मिक अतिक्रमण हटाया गया है. 10 हजार से ज्यादा दूसरे अतिक्रमण हटाए गए हैं. सरकार ने 8 हजार करोड़ से ज्यादा की जमीन अवैध कब्जे से मुक्त कराई है.
इस तकनीक का प्रयोग
संभल की मजार भी सड़क की जमीन को कब्जा कर बनाई गई थी. इसलिए मस्जिट कमेटी ने इसे शिफ्ट करने का फैसला किया है. जैसा की हमने आपको बताया कि मजार को शिफ्ट करने के लिए देसी जुगाड़ तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. मजार की नींव को जैक के जरिए ऊपर उठाया जाएगा. जैसे हम गाड़ी का पंक्चर टायर बदलने के लिए जैक से गाड़ी को ऊपर की तरफ लिफ्ट करते हैं ठीक उसी तरह मजार की नींव में जैक लगाकर उसे ऊपर उठाया जाएगा. फिर पहिया लगाकर बिल्डिंग को शिफ्ट किया जाएगा. हमने AI तकनीकी की मदद से आपके लिए ये सीन रिक्रिएट करने की कोशिश की है. कुछ इसी तरह मजार को शिफ्ट किया जाएगा.
पहले भी हो चुका है ऐसा
यहां हम आपको बताना चाहेंगे कि दुनिया में पहले भी कई धार्मिक स्थलों को शिफ्ट किया जा चुका है. वर्ष 1927 में कनाडा के नॉत्र डेम चर्च को बाढ़ से बचाने के लिए दूसरी जगह शिफ्ट किया गया था. वर्ष 1964 से 1968 के बीच डैम बनाने के लिए मिस्र के प्राचीन अबू सिम्बल टेंपल को शिफ्ट किया गया था. वर्ष 1970 में खदान के विस्तार के लिए पोलैंड में वैरोनिक चैपल को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया था. दिसंबर 2018 में तुर्किए के हसनकैफ शहर में बांध बनाने के लिए 600 साल पुरानी एय्यूबी मस्जिद को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया. तुर्किए में मस्जिद को शिफ्ट करने के लिए रोबोट ट्रांसपोर्टर की मदद ली गई थी. हालांकि संभल में मजार को शिफ्ट करने के लिए देसी जुगाड़ तकनीक का ही सहारा लिया जाएगा.