DNA ANALYSIS: जानिए क्यों कोरोना काल में अपने दिल का ख्याल रखना है बेहद जरूरी
Advertisement
trendingNow1757089

DNA ANALYSIS: जानिए क्यों कोरोना काल में अपने दिल का ख्याल रखना है बेहद जरूरी

औसतन जीवन भर में दिल ढाई सौ करोड़ बार धड़कता है. शरीर के सभी अंगों तक खून पहुंचाने के लिए हृदय को लगभग उतनी ही शक्ति लगानी पड़ती है जितनी शक्ति आपको टेनिस की एक बॉल को पूरी तरह दबाने में लगानी पड़ती है. यानी दिल का काम आसान नहीं है.

DNA ANALYSIS: जानिए क्यों कोरोना काल में अपने दिल का ख्याल रखना है बेहद जरूरी

नई दिल्ली: आज हम आपके दिल का हालचाल जानेंगे. आपका दिल कभी घबराता होगा, कभी टूटता होगा. कभी दिल कहीं लगता होगा, तो कभी कहीं नहीं लगता होगा - ये सभी भावनाएं दिल से जुड़ी हुई हैं. इसलिए आज हम एक ऐसा विश्लेषण करेंगे जो आपके दिल को छू जाएगा. आपका हृदय यानी दिल. दिन रात धड़कता है, 24 घंटे मेहनत करता है और ये सिलसिला जीवन के आखिरी पलों तक चलता रहता है. यानी दिल जीवन की शुरुआत से इसके अंत तक आपके लिए अथक परिश्रम करता है. लेकिन दिल पर हाथ रखकर बताइएगा कि क्या आप अपने दिल का ख्याल भी इसी तरह रखते हैं? अगर आपका जवाब न है तो हमारा आज का विश्लेषण आपके लिए ही है.

29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे  (World Heart Day ) यानी विश्व ह्रदय दिवस मनाया जाता है.  विश्व ह्रदय दिवस की शुरुआत वर्ष 2000 में की गई थी ताकि हृदय रोगों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाई जा सके. इसलिए आज हम न सिर्फ आपको हृदय को स्वस्थ रखने के तरीके बताएंगे बल्कि ये भी बताएंगे कि क्यों दूसरों का दिल जीतने से पहले आपको अपना दिल जीतना चाहिए.

लेकिन सबसे पहले हम आपके साथ कुछ ऐसी बातें करना चाहते हैं जो संकट और समस्याओं के इस दौर में आपके दिल को हलका कर देंगी और आपके चेहरे पर मुस्कुराहट ले आएंगी. क्योंकि जब भी आप मुस्कुराते हैं या खुलकर हंसते हैं तो आपके दिल की धड़कनें तेज हो जाती हैं, आप गहरी सांसें लेने लगते हैं. इससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह तेज हो जाता है और आपका शरीर तरोताजा होने लगता है.

हमारी भावनाओं का केंद्र
जिस प्रकार सूर्य हमारे सौरमंडल के केंद्र में हैं और जिस प्रकार सूर्य की वजह से ही जीवन संभव हो पाता है. उसी प्रकार हमारा हृदय हमारे जीवन का आधार है और ये हमारी भावनाओं का केंद्र है. वैसे तो हृदय शरीर का एक अंग मात्र है. लेकिन भावनाओं से जुड़ा होने की वजह से कविताओं , कहानियों, शेर-ओ-शायरी और फिल्मों में भी इसे बहुत महत्व दिया गया है.

हृदय को अंग्रेजी में Heart कहते हैं. इसका अर्थ होता है किसी चीज या जगह का केंद्र और जो दिल हमारे शरीर में धड़कता है वो हमारी भावनाओं का केंद्र है. इसलिए जब आप खुश या दुखी होते हैं, या फिर आपको डर लगता है या घबराहट होती है तो तुरंत इसका असर आपके दिल पर पड़ता है और आपका दिल जोर जोर से धड़कने लगता है. यहां तक कि आजकल जब लोग किसी को मोबाइल फोन पर कोई मैसेज भेजते हैं और वो गलती से किसी दूसरे व्यक्ति के पास चला जाता है तो लोग अक्सर कहते हैं कि एक पल के लिए तो मुझे Mini Heart Attack आ गया था.

दुनिया में हर चीज दिल से जुड़ी है
कोई किसी की बात पर खुश होता है तो कहता है कि तुमने दिल जीत लिया. कोई दुखी होता है तो कहता है कि तुमने दिल तोड़ दिया. कोई भावनाओं की कद्र नहीं करता तो उसे पत्थर दिल कह दिया जाता है. जो दूसरों को रिझाने की कला जानता है उसे दिल फरेब कहा जाता है और जो लोगों को खुश रखना जानता है और जिसका स्वभाव अच्छा होता है उसे दिलदार कह दिया जाता है. इतना ही नहीं लोग कहते हैं- दिल में दर्द सा है, दिल नहीं लगता, दिल टूट गया है, दिल आ गया, दिल ले गया, दिल खुश हो गया, दिल मांगे मोर यानी दुनिया में हर चीज दिल से जुड़ी है, जीवन भी और मृत्यु भी. अगर दिल में टीस न हो, दिल लगता हो, दिल खुश हो तो आपको दिल का दौरा कभी नहीं पड़ेगा. लेकिन दिल कांच की तरह नाजुक होता है और इसके टूटने में जरा भी देर नहीं लगती.

दिल हर रोज 1 लाख 15 हजार बार धड़कता है
इस समय दुनिया संकट के जिस दौर से गुजर रही है उसकी वजह से लगभग हर इंसान का दिल भारी है, सबको भविष्य की चिंता सता रही है और लोग पूछ रहे हैं कि ये मुश्किल दौर कब बीतेगा. लेकिन दौर कैसा भी हो, एक न एक दिन वो बीत ही जाता है. मशहूर शायर फैज अहमद फैज ने शायद इसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए कहा था

दिल ना-उम्मीद तो नहीं, नाकाम ही तो है

लम्बी है गम की शाम, मगर शाम ही तो है.

यानी हो सकता है कि आपके रास्ते में असफलताएं आड़े आ रही हों. लेकिन नाउम्मीद होने की जरूरत नहीं है, गम की शाम कितनी भी लंबी क्यों ना हो, वो शाम है इसलिए एक न एक दिन बीत जाएगी और सवेरा जरूर होगा. ऐसा सवेरा जिसे देखकर आपके दिल को सुकून मिलेगा.

जीवन में मेहनत कैसे करनी चाहिए और कैसे बिना थके बिना रुके अपने लक्ष्य को पूरा करना चाहिए ये आप अपने हृदय से सीख सकते हैं. दिल आपके लिए बहुत दिल लगाकर मेहनत करता है. इसलिए इसके बारे में कुछ तथ्य जान लीजिए.

आपका दिल हर रोज 1 लाख 15 हजार बार धड़कता है और एक-एक धड़कन बेशकीमती होती है. आप चाहें लाखों करोड़ों रुपये ही क्यों न कमाते हों, आप एक धड़कन का भी नुकसान नहीं उठा सकते. क्योंकि इसी पर आपका जीवन टिका है.

महिलाओं के मुकाबले पुरुष आसानी से हार्ट अटैक का शिकार
आपका हृदय एक दिन में साढ़े 7 हजार लीटर खून शरीर में पंप करता है. इसका वजन लगभग 450 ग्राम होता है. लेकिन पुरुषों का दिल महिलाओं के मुकाबले 60 ग्राम ज्यादा भारी होता है. ये तो वजन की बात हुई, लेकिन आंकड़े कहते हैं कि महिलाओं के मुकाबले पुरुष आसानी से हार्ट अटैक का शिकार हो जाते हैं. हृदय शरीर की सभी धमनियों तक रक्त पहुंचाता है इन धमनियों की लंबाई 96 हजार किलोमीटर से ज्यादा होती है.

दिल का काम आसान नहीं
औसतन जीवन भर में दिल ढाई सौ करोड़ बार धड़कता है. शरीर के सभी अंगों तक खून पहुंचाने के लिए हृदय को लगभग उतनी ही शक्ति लगानी पड़ती है जितनी शक्ति आपको टेनिस की एक बॉल को पूरी तरह दबाने में लगानी पड़ती है. यानी दिल का काम आसान नहीं है. इसलिए सबसे पहले अपने दिल का ख्याल रखिए.

हृदय रोग भारत में होने वाली मौत के सबसे बड़े कारणों में से एक हैं. Indian Heart Association के मुताबिक भारत में हर साल 17 लाख लोगों की मौत दिल की बीमारियों की वजह से होती है. इनमें से 50 प्रतिशत हार्ट अटैक उन लोगों को आते हैं जिनकी उम्र 50 वर्ष से कम है, जबकि इनमें 25 प्रतिशत लोग 40 वर्ष से कम उम्र के होते हैं. एक आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2030 तक भारत में हृदय रोगों की वजह से हर साल ढाई करोड़ लोगों की मौत होगी.

समय-समय पर अपने हृदय की जांच कराएं
एक जमाने में दिल से जुड़ी बीमारियां ज्यादा उम्र के लोगों को ही हुआ करती थीं. हार्ट अटैक के शिकार भी ज्यादातर बुजुर्ग ही हुआ करते थे. लेकिन अब युवा भी बड़ी संख्या में हृदय रोगों का शिकार होने लगे हैं. इसकी वजह है भागदौड़ भरा जीवन, खाने-पीने की गलत आदतें, शराब और सिगरेट का इस्तेमाल, काम का प्रेशर, रिश्तों में कड़वाहट और डिप्रेशन. डॉक्टर्स की सलाह है कि अब 20 से 39 वर्ष के युवाओं को भी समय-समय पर अपने हृदय की जांच करानी चाहिए.

कोरोना वायरस के दौर में हृदय रोगों का खतरा और भी बढ़ गया है. विशेषज्ञ मानते हैं कि कोरोना वायरस के दौर में भारत में दिल के मरीजों की संख्या 10 से 20 प्रतिशत तक बढ़ गई है. ये संख्या इससे ज्यादा भी हो सकती है क्योंकि अस्पतालों में जगह न होने की वजह से और संक्रमण के डर से लोग अभी अस्पताल जाने से बच रहे हैं.

कोविड-19 लोगों के हृदय पर भी असर डाल रहा
अमेरिका के बहुत बड़े वैज्ञानिक डॉक्टर  एंथोनी फाउची (Anthony Fauci) ने चिंता जताई है कि कोविड-19 लोगों के हृदय पर भी असर डाल रहा है. डॉक्टर फाउची के मुताबिक कोरोना वायरस से संकमित व्यक्ति के दिल में सूजन आ सकती है और अक्सर इसका पता भी नहीं चलता. यहां तक कि जो लोग Asymptomatic हैं यानी जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं हैं उनके हृदय को भी संक्रमण की वजह से नुकसान हो सकता है. डॉक्टर फाउची का कहना है कि कई मामलों में तो हृदय को पहुंचे नुकसान की भरपाई शरीर कर लेता है. लेकिन कई मामलों में हृदय को हमेशा के लिए नुकसान हो जाता है. इसलिए कोरोना वायरस के दौर में दिल को स्वस्थ रखना और भी जरूरी हो गया है.

दिल शब्द सुनकर आपके मन में कुछ ऐसी तस्वीर उभरती होगी. अपने जीवन की हर भावना को आप इसी दिल से जोड़कर देखते हैं. दिल दीवाना भी है, पागल भी है और मासूम - दिल में दर्द भी होता है और दिल को प्यार भी आता है. खुशी, गम, प्यार, नफरत हर अहसास को हम दिल से जोड़कर ही देखते हैं. लेकिन शरीर में खून पंप करने वाली सबसे अहम मशीन दिल को भी देखभाल की जरूरत होती है. कोरोना संक्रमण के दौर में ये अहमियत और भी ज्यादा बढ़ जाती है.

कोरोना वायरस मरीजों पर स्टडी
दिल्ली के जीबी पंत अस्प्ताल की स्टडी में सामने आया है कि कोरोना वायरस, दिल के मरीजों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रहा है. ये भी देखने में आया है कि जो लोग दिल के मरीज नहीं हैं, उनके दिल पर कोरोना संक्रमण की वजह से बुरा असर पड़ा है. इस स्टडी ने भारत में दिल के मरीजों की चिंता को बढ़ा दिया है.

fallback

स्टडी में 45 और 80 के वर्ष की आयु के सात रोगियों पर अध्ययन किया गया और कोरोना के दिल पर पड़ने वाले असर से जुड़ी समस्याएं सामने आईं. एक स्वस्थ व्यक्ति की सामान्य हृदय गति 60 से 100 बीट प्रति मिनट के बीच होती है. लेकिन इन सात कोरोना पॉजिटिव रोगियों में हृदय की अधिकतम दर 42 बीपीएम और न्यूनतम 30 बीपीएम थी, जो बहुत कम थी.

इन सात मरीजों में से उनमें से पांच को पेसमेकर लगाने की जरूरत पड़ी. यह सभी मरीज दिल की बीमारी के इलाज के लिए अस्प्ताल आए थे. लेकिन इनके कोरोना टेस्ट पॉजिटिव पाए थे.

ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिसमे मरीज के परिवार वाले हार्ट अटैक के शक में उसे अस्पताल लाए लेकिन बाद में पता चला कि मरीज को हार्ट अटैक नहीं कोरोना की वजह से ब्लड क्लॉटिंग हुई यानी खून जम गया.

कोरोना दिल की मांसपेशियों की सूजन बढ़ा देता है. जिससे मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और उनमें खून जमने लगता है.

सामान्य मरीज में सर्दी, जुकाम आसानी से ठीक हो जाता है लेकिन इस वजह से दिल के मरीजों की सांस फूलने लगती है और उनकी मौत होने का खतरा बढ़ जाता है.

कोरोना काल मे फेफड़े और दिमाग के साथ साथ दिल के मरीज भी फिलहाल खराब दौर आए गुजर रहे हैं. कोरोना कुछ इस कदर शरीर के अंगों पर असर कर रहा है कि पूरी तरह स्वस्थ व्यक्ति भी कोरोना होने के बाद इन समस्याओं से जूझ रहे है.

fallback

दिल के मरीजों को कोरोना संक्रमण होने पर घबराने की जरूरत नहीं है-

- सबसे पहले तनाव को दूर करें.

- समय पर सभी दवाएं लेते रहें.

- ताजा गर्म खाना खाएं.

- पूरी नींद लें.

- रोज सैर और हल्की एक्सरसाइज करें.

लक्षणों को नजरअंदाज न करें
कोरोना के डर की वजह से अगर आप अस्पताल नहीं जा रहे हैं तो ये दिल के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. अपने लक्षणों को नजरअंदाज न करें. फोन पर डॉक्टर से सलाह लें और जरूरत पड़ने पर अस्पताल जाने में देर न करें.

fallback

फिल्मों के नामों में, गानों में, डायलॉग में और शायरी में आपने दिल शब्द का प्रयोग होते हुए देखा होगा. भारत में कैसे कई फिल्मों के नाम दिल पर ही आधारित होते हैं ये भी आपने देखा होगा. ऐसी ही कुछ फिल्मों के पोस्टर्स आप इस समय देख रहे हैं. यानी दिल के बगैर हर बात अधूरी है.

अब आपको हृदय को स्वस्थ रखने के कुछ टिप्स बताते हैं. विशेषज्ञ कहते हैं कि अलग अलग उम्र के लोगों को अपने दिल का ख्याल अलग अलग तरीकों से रखना चाहिए.

बचपन से लेकर 20 वर्ष तक की उम्र में दिल सबसे ज्यादा मजबूत होता है, इस उम्र में आप जितना खेलेंगे, कूदेंगे, उतना ही आपके हृदय का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा. साइकलिंग और व्यायाम के जरिए भी इस उम्र के लोग अपने दिल को स्वस्थ बना सकते हैं.

fallback

20 से 30 वर्ष की उम्र के लोगों को साइकलिंग, स्विमिंग और रनिंग करनी चाहिए. आप ये सारे व्यायाम 30 वर्ष की उम्र के बाद भी कर सकते हैं. लेकिन अगर आपने ये व्यायाम 35 या 40 वर्ष की उम्र के बाद शुरू किए हैं तो डॉक्टर्स सलाह देते हैं कि आप रनिंग और साइकलिंग न करें बल्कि सुबह शाम ब्रिस्क वॉक यानी तेजी से चहलकदमी करें और जिम में भी हल्के फुल्के व्यायाम ही करें.

21 से 40 वर्ष की उम्र ऐसी होती है जब आपको अपने स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा निवेश करना चाहिए. बैंक के फिक्स्ड डिपोजिट की तरह ये निवेश आपको बुढ़ापे में अच्छा रिटर्न देता है. यानी आप बुढ़ापे में स्वस्थ रहते हैं.

तेजी से बदलती लाइफस्टाइल ने लोगों के दिल को कमजोर बना दिया
दिल को स्वस्थ रखने के लिए ये सारे टिप्स अपनाना जरूरी है क्योंकि तेजी से बदलती लाइफस्टाइल ने लोगों के दिल को कमजोर बना दिया है. पिछले साल दिल्ली मुंबई और हैदराबाद, जैसे शहरों में एक स्टडी की गई थी जिसके मुताबिक यहां रहने वाले 64 प्रतिशत लोगों को हृदय रोग होने का खतरा है और इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है गलत लाइफस्टाइल.

जानकार मानते हैं कि 90 प्रतिशत से ज्यादा दिल की बीमारियों के लिए धूम्रपान और शराब पीने जैसी बुरी आदतें जिम्मेदार हैं.

यहां तक कि टीवी, मोबाइल फोन या कंप्यूटर की स्क्रीन पर रोजाना 4 घंटे से ज्यादा समय तक बैठे रहने वाले लोगों में दिल की बीमारी का खतरा 80 प्रतिशत तक बढ़ जाता है.

कनाडाउ में हुई एक स्टडी के मुताबिक जंक फूड, ज्यादा नमक और ज्यादा तेल वाला खाना खाने वालों में दिल की बीमारियों का खतरा 35 प्रतिशत तक बढ़ जाता है.

इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आप का हृदय जीवन भर आपका साथ दे तो आपको भी दिल पर हाथ रखके ये कसम खानी होगी कि आप अपने हृदय का जीवन भर ख्याल रखेंगे.

ये भी देखें-

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news