DNA ANALYSIS: PM मोदी के बिना ट्रंप अमेरिका में नहीं बन सकते राष्ट्रपति! जानिए क्यों?
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DNA ANALYSIS: PM मोदी के बिना ट्रंप अमेरिका में नहीं बन सकते राष्ट्रपति! जानिए क्यों?

आपके मन में सवाल होगा कि दोबारा अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के लिए Trump को प्रधानमंत्री मोदी की मदद की जरूरत क्यों पड़ी? 

DNA ANALYSIS: PM मोदी के बिना ट्रंप अमेरिका में नहीं बन सकते राष्ट्रपति! जानिए क्यों?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप भारत की अपनी दो दिवसीय यात्रा के समापन के बाद दिल्ली से रवाना हो गए. अब आपको बताते हैं कि ट्रंप की पहली भारत यात्रा से अमेरिका को क्या फायदा हुआ? वर्ष 2020 में अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के लिए Trump की पार्टी Republican और विपक्षी पार्टी Democratic के बीच कड़ा मुकाबला है. इस बार भी Trump अपनी चुनावी जीत को बरकरार रखना चाहते हैं. और इसके लिए उन्हें भारतीय मूल के लोगों के वोट की जरूरत होगी.

आपके मन में सवाल होगा कि दोबारा अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के लिए Trump को प्रधानमंत्री मोदी की मदद की जरूरत क्यों पड़ी? एक सर्वे के मुताबिक वर्ष 2016 के चुनाव में 77 प्रतिशत भारतीय मूल के लोगों ने Democratic पार्टी की उम्मीदवार Hillary Clinton को वोट दिया था. और सिर्फ 16 प्रतिशत ने Trump का साथ दिया था. भारतीय मूल के लोग अमेरिका की जनसंख्या का सिर्फ 1 प्रतिशत हैं लेकिन राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने में ये हमेशा आगे रहे हैं.

यानी भारतीय मूल के लोगों के वोट और उनका समर्थन Trump के लिए महत्वपूर्ण है. अगर भारतीय मूल के 15 लाख वोट Trump को मिले तो वर्ष 2020 में उनकी जीत आसान हो सकती है. और मोदी का साथ ट्रंप को अमेरिका में रहनेवाले भारतीय मूल के लोगों का वोट दिला सकता है. और सबसे बड़ी बात ये है कि भारत आकर ट्रंप प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी दोस्ती की मदद से भारत और अमेरिका संबंध को नई ऊंचाइयों पर ले गए हैं.

राष्ट्रपति ट्रंप वापस अमेरिका जाकर भारत के साथ हुई डिफेंस डील को अपनी जीत बताकर पेश करेंगे. क्योंकि इस रक्षा समझौते से अमेरिका की कंपनी को बिजनेस और वहां के लोगों को नौकरियां मिलेंगी.भारत की सैन्य ताकत बढने में अमेरिका का भी फायदा है. क्योंकि शक्तिशाली भारत की मदद से अमेरिका अपने प्रतिद्वंदी चीन का मुकाबला करना चाहता है.

अब आप ये भी जान लीजिए कि भारत को इस दौरे से क्या फायदा मिला है.
सबसे पहले आतंकवाद के मुद्दे पर ट्रंप ने भारत को अपना समर्थन दिया और ये पाकिस्तान की एक बड़ी कूटनीतिक हार की तरह है. नागरिकता कानून के मुद्दे पर पिछले कुछ समय से विदेशी मीडिया लगातार भारत के खिलाफ नकारात्मक रिपोर्टिंग कर रहा है. लेकिन यहां भी ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी का साथ दिया. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि भारत और अमेरिका के रणनीतिक संबंध और बेहतर हो रहे हैं . 

आज अमेरिका और भारत के बीच जो सबसे महत्वपूर्ण समझौता हुआ वो था रक्षा समझौता इस समझौते के तहत भारत दुनिया के सबसे ताकतवर हेलिकॉप्टर अपाचे को अमेरिका से खरीदेगा. युद्ध के मैदान में Apache की एक मिसाइल दुश्मन के 70 टन वजनी टैंक को भी नष्ट कर देती है. ये अटैक हेलीकॉप्टर Line of Control के पार आतंकवादियों के लॉन्च पैड को भी निशाना बना सकता है. और Apache की मदद से भारत की हवाई हमला करने की ताकत पहले से ज्यादा घातक होगी.

अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप अपने देश रवाना हो चुके हैं. और थोड़ी देर में वो अमेरिका के लिए उड़ान भरेंगे. लेकिन इस दौरान उन्होंने उन तमाम मुद्दों पर बात की जो इन दिनों भारत में हिंसा और विवाद का विषय बने हुए ऐसा ही एक मुद्दा नए नागरिकता कानून से जुड़ा है. आज जब एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप से इस पर सवाल पूछा गया को उन्होंने साफ कहा कि CAA भारत का अंदरूनी मामला है और प्रधानमंत्री मोदी भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर शानदार काम कर रहे हैं.

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