DNA Analysis: अहमदाबाद में Boeing 787 ड्रीमलाइनर विमान हादसे की वजहों का पता लगाया जा रहा है. इस बीच इस हादसे की तस्वीर देखने के बाद आपमें से कई लोग ऐसे भी होंगे जिन्हे हवाई यात्रा करने में डर लग सकता है.
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DNA Analysis: अहमदाबाद में Boeing 787 ड्रीमलाइनर विमान हादसे की वजहों का पता लगाया जा रहा है. इस बीच इस हादसे की तस्वीर देखने के बाद आपमें से कई लोग ऐसे भी होंगे जिन्हे हवाई यात्रा करने में डर लग सकता है. हो सकता है आज डीएनए देख रहे हमारे कुछ दर्शकों के अंदर भी एक फोबिया बैठ गया हो और वो भी भविष्य में हवाई यात्रा से बचने की कोशिश करें लेकिन आज आपको एक बात और जाननी चाहिए दुनिया में हवाई यात्रा को ही यात्रा का सबसे सुरक्षित माध्यम माना जाता है.
इसकी सबसे बड़ी वजह है हवाई हादसों की संख्या का बेहद कम होना हवाई उड़ानों और हादसों की संख्या को आधार बनाया जाए तो एक करोड़ दस लाख विमानों में सिर्फ एक विमान हादसे का शिकार होता है. जबकि रेल यात्रा में 5 लाख ट्रेन यात्राओं में कोई एक ट्रेन हादसे का शिकार होती है. सड़कों पर कार से सफर के दौरान 5000 यात्राओं में एक कार हादसे का शिकार हो जाती है. वहीं बाइक या स्कूटी से कहीं आने जाने पर ये आंकड़ा 1000 यात्राओं में 1 हादसे तक बढ़ जाता है यानि दुनिया में होने वाले हादसों की संख्या के लिहाज़ से हवाई यात्रा सबसे सुरक्षित है.
आज आपको ये भी समझना चाहिए हवाई यात्राओं को इतना सुरक्षित कैसे बनाया जाता है एविएशन सेक्टर में 'zero tolerance for error' नीति होती है यानि किसी भी तरह की चूक की गुंजाइश नहीं छोड़ी जाती. हवाई सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक बनाए गए हैं. जिनके तहत हर उड़ान से पहले टेक्निकल चेक, ईंधन की जांच. मौसम विश्लेषण, और पायलट ब्रीफिंग अनिवार्य होती है. आधुनिक विमान ऑटो-पायलट, रडार, GPS, और Traffic Collision Avoidance System जैसी तकनीकों से लैस होते हैं. जो हादसे की आशंकाओं को लगभग खत्म कर देती है.
इसके अलावा विमान का डिज़ाइन इस तरह बनाया जाता है जो उसे बिजली गिरने, पक्षी टकराने, इंजन फेल होने जैसी स्थितियों से बचाने में सक्षम होता है. प्लेन उड़ाने वाले पायलटों को भी हजारों घंटे की ट्रेनिंग, वास्तविक उड़ान जैसे अभ्यास के लिए सिम्युलेटर ड्रिल, और मेडिकल टेस्ट से गुजरना होता है. केबिन क्रू को भी आपातकालीन परिस्थितियों के लिए नियमित प्रशिक्षण दिया जाता है. यात्री विमानों में दो इंजन, दो सिस्टम और बैकअप व्यवस्था होती है मतलब एक इंजन खराब हो जाए, तो विमान दूसरे इंजन से लैंड कर सकता है. टेक-ऑफ और लैंडिंग से पहले मौसम की पूरी रिपोर्ट भी ली जाती है मौसम खराब होता है तो रास्ता बदला जा सकता है.
एविएशन सेक्टर में 'zero tolerance for error' इसलिए भी रखा जाता है क्योंकि हवाई हादसे में किसी भी यात्री के बचने की संभावना बहुत कम होती है. आज आपको ये भी जानना चाहिए जब आसमान में ऐसे विमान हादसे होते हैं तो यात्रियों के साथ क्या-क्या होता है. किस तरह उनको बचने का मौका ही नहीं मिलता अहमदाबाद में हादसे का शिकार विमान सिर्फ 625 फीट की उंचाई तक गया था । लेकिन कई बार हवाई हादसे जमीन से 30 हजार फीट तक की ऊंचाई पर भी होते हैं.
ऐसी स्थिति में हवाई जहाज़ की जमीन से टकराने की गति 200 से 300 किलोमीटर प्रति घंटे तक होती है. इस दौरान जहाज़ के ज्यादातर यात्रियों की मौत जमीन से विमान के टकराने के बल यानि इम्पैक्ट फोर्स से हो जाती है. हवाई हादसे के वक्त कई यात्रियों की मौत हार्ट फेल की वजह से भी हो जाती है. जमीन से टकराने के बाद हवाई जहाज़ के ईंधन में आग लगने से धमाका होता है. इसमें जलने या धुएं से भी यात्रियों की मौत हो जाती है. आज आपको ये भी जानना चाहिए आसमान में कई हजार फीट की उंचाई से नीचे गिरने वाला हवाईजहाज़ कैसे एक बम का गोला बन जाता है.
आज हादसे का शिकार हुए Boeing 787 Dreamliner में लगभग 1 लाख 26 हजार लीटर जेट फ्यूल होता है. एक लाख लीटर जेट फ्यूल के एक साथ जलने से लगभग 1 टन TNT के बराबर ऊर्जा निकलती है. जिसका असर 70 तोप के गोलों के बराबर होता है. यानि ऐसा हादसा किसी छोटे भवन को पूरी तरह तबाह कर सकता है. इतने जेट फ्यूल के एक साथ जलने से 100 फीट ऊंची आग की लपटें उठती हैं आज भी धमाके के बाद आग की उंची लपटें देखी गईं. इस धमाके का असर 150 से 200 मीटर तक हो सकता है.
ऐसे हादसों में कोई चमत्कार ही यात्रियों को बचा सकता है आज भी ऐसा ही एक चमत्कार हुआ. रमेश विश्वास कुमार की जान इस हादसे में बच गई इससे पहले 1972 में एक सर्बियन एयर होस्टेस वेंसा वुलोविक 33 हजार फीट की उंचाई से गिर कर बच गई थीं. विमान में धमाका हुआ था. वेंसा विमान के पिछले हिस्से में मौजूद थीं धमाके के बाद विमान का ये हिस्सा धीरे-धीरे पेड़ों और बर्फीले इलाके पर गिरा. यह इतिहास में सबसे ऊँचाई से गिरने के बाद जीवित बचने का रिकॉर्ड है.
हादसों के दौरान ऐसे चमत्कार कभी कभी होते हैं इसलिए जरूरी है हादसों को होने से रोका जाए. इसके लिए किसी भी देश की एवशिएन इंडस्ट्री का मजबूत होना बहुत जरूरी है. आज आपको भारत की एविएशन इंडस्ट़ी की मौजूदा स्थिति को भी समझना चाहिए. भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू हवाई यातायात बाजार है. 2024 में भारत में 30 करोड़ लोगों ने हवाई यात्रा की ये संख्या दुनिया के 192 देशों की जनसंख्या से ज्यादा है लेकिन इसके बावजूद भारत की एविएशन इंडस्ट्री की हालत बहुत अच्छी नहीं है.
भारत में 29 साल के अंदर यानि पिछले तीन दशकों में 27 एयरलाइंस बंद हुई हैं. इसमें किंगफिशर, जेट एयरवेज़ और गो फर्स्ट जैसी कंपनियां शामिल हैं. सेवाओं में खामियों की बात करें तो साल 2023 में लगभग 25 हजार फ्लाइट्स तकनीकी खामी बताकर कैंसिल कर दी गईं थीं. जिसमें इंजन फेलियर. सप्लाई चेन बाधा या फिर पायलट की कमी को वजह बताया गया लेकिन किराया बढ़ाने के मामले में एयरलाइंस काफी आगे रहीं भारत में पिछले 2 साल के अंदर घरेलू किराए में 40 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है.
इसके बावजूद साल 2024 में भारत की एविएशन इंडस्ट्री को लगभग 1 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है. सुरक्षा की बात करें तो कई बड़ी एयरलाइंस ने 13 मामलों में फर्जी सुरक्षा आडिट रिपोर्ट जमा करवाई जिसे खुद डीजीसीए ने स्वीकार किया. यानि सुरक्षा मामलों में भी धांधली की गई. इसके अलावा भारत के एविएशन सेक्टर में Maintenance, Repair और Overhaul की सेवाएं भी ज्यादातर विदेशी कंपनियों पर निर्भर हैं.
ये आंकड़े बताते हैं यात्रियों की बढ़ती संख्या भारत की एविएशन इंडस्ट्री के पंखों को मजबूत कर रही है लेकिन ऊंची उडान भरने के लिए उसे सही दिशा और निगरानी की सख्त जरूरत है. दुनिया में जहां भी लापरवाही होती है वहां पर हादसे हो जाते हैं. आज आपको पिछले कुछ वर्षों में हुए बड़े विमान हादसों के बारे में भी जानना चाहिए भारत के अलावा अमेरिका और चीन जैसे देशों में भी हादसे हुए हैं जहां पर एविएशन सेक्टर भारत की तुलना में काफी अच्छी स्थिति में है.
जनवरी 2025 में अमेरिका के अंदर अमेरिकन ईगल फ्लाइट 5342 की UH‑60 हेलिकॉप्टर से नदी के ऊपर टक्कर हुई. इस हादसे में 67 लोगों की मौत हो गई. दिसंबर 2024 में साउथ कोरिया में जेजू एयर फ्लाइट 2216 हादसे का शिकार हुई..जिसमें 179 लोगों की मौत हुई. इसी महीने अजरबैजान एयरलाइंस की Flight 8243 हादसे का शिकार हुई..और 38 यात्री मारे गए. अगस्त 2024 में ब्राज़ील के साओ पाउलो में विमान हादसा हुआ.जिसमें 62 यात्री मारे गए. जनवरी 2023 में नेपाल के पोखरा में येती एयरलाइंस की फ्लाइट क्रैश हुई. कुल 72 लोगों की मौत हुई. मार्च 2022 में चीन के Guangxi में विमान हादसा हुआ जिसमें 132 लोगों की जान चली गई. यानि दुनिया के हर कोने में फ्लाइट हादसे का शिकार हुईं लेकिन इनकी वजह अलग अलग रहीं.