DNA ANALYSIS: चीन ने वुहान शहर से वायरस के सारे सबूत क्यों मिटाए ?
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DNA ANALYSIS: चीन ने वुहान शहर से वायरस के सारे सबूत क्यों मिटाए ?

आज चीन इस बात से इनकार कर रहा है कि वो इस Virus के लिए जिम्मेदार है. 

DNA ANALYSIS: चीन ने वुहान शहर से वायरस के सारे सबूत क्यों मिटाए ?

नई दिल्ली: कल हमने आपको Corona Virus का सच छिपाने वाले चीन की कुछ हैरान कर देने वाली तस्वीरें दिखाई थीं और आज हम आपको चीन की उन Animal Markets में लेकर चलेंगे, जिन्हें corona जैसे जानलेवा Viruses का गढ़ माना जाता है. 

आज चीन इस बात से इनकार कर रहा है कि वो इस Virus के लिए जिम्मेदार है लेकिन इसी जनवरी में चीन के CENTRE FOR DISEASE CONTROL AND PREVENTION के डायरेक्टर GAO FU (गाओ फू) ने जो कहा था वो मैं आपको बताना चाहता हूं..उन्होंने चीन के अखबार Global times को कहा था कि इस नए Corona Virus का जन्म वुहान की उस Sea Food Market में हुआ है, जहां अवैध रूप से जंगली जानवर बेचे जाते हैं. 

आज की तारीख में चीन की ये Wet Markets कुछ इस तरह से दिखाई देती हैं. इन बाजारों को नीले रंग के Partitions से ढक दिया गया है ताकि इनकी सच्चाई दुनिया ना देख पाए. चीन के अधिकारी यहां गोपनीय तरीके से काम कर रहे हैं, पुलिस आने जाने वालों की निगरानी कर रही है. कुछ लोग कह रहे हैं कि चीन के लिए इन बाजारों को खोलना आसान नहीं होगा लेकिन ये बात सच से बहुत दूर है. 

क्योंकि कुछ Reports के मुताबिक चीन में जंगली जानवरों को अब Online भी बेचा जा रहा है.  हालांकि चीन ने पिछले कुछ महीनों में ऐसे 17 हजार से ज्यादा Accounts बंद कर दिए हैं, जो जानवरों के Online व्यापार से जुड़े थे.  लेकिन ये सब चीन का दिखावा है, क्योंकि कई Reports के मुताबिक पश्चिमी चीन में ऐसे बाजार एक बार फिर से खुल गए हैं और वहां चमगादड़, खरगोश, बिल्लियां और कुत्ते तक बेचे जा रहे हैं. 

पूरी दुनिया चीन को कई बार चेतावनी दे चुकी है कि उसके ये बाजार खतरनाक वायरसों का केंद्र बन सकते हैं लेकिन जैसा कि आप जानते हैं, चीन किसी की नहीं सुनता. 

2007 में एक मेडिकल जनरल में भी दावा किया गया था कि चीन के बाजारों में बिकने वाले Horse-Shoe प्रजाति के चमगादड़ों से SARS और Corona जैसे Virus फैल सकते हैं. लेकिन चीन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी. रिपोर्ट में ये भी कहा गया था कि जंगली जानवर खाने की चीन के लोगों की आदतों ने चीन के कई इलाकों को Time Bombs में बदल दिया है... जो कभी भी फट सकता है और दिसंबर 2019 में ये Time Bomb..Corona की शक्ल में वाकई पूरी दुनिया पर फट गया. 

चीन को क्या खाना है ये चीन के ऊपर है, लेकिन जंगली जानवर खाने की चीन की आदत पूरी दुनिया पर भारी पड़ रही है.
दुनिया की चेतावनियों और वायरस के खतरे के बावजूद में चीन में एक बार फिर से जंगली जानवरों की बिक्री शुरू हो गई है.

ये चीन की हुनान सी फूड मार्केट की तस्वीरें हैं और यहीं से कोरोना वायरस के संक्रमण का पहला मामला सामने आया था. लेकिन चीन में ऐसे सैकड़ों बाजार हैं, जहां जंगली जानवर बेचे जाते हैं. चीन की सरकार ने 24 फरवरी को ऐसे सारे बाजारों को बंद करने का आदेश दिया था लेकिन चीन ने वुहान की सी फूड मार्केट को साफ करने के बहाने वायरस के सारे सबूत भी मिटा दिए ताकि किसी को पता ना चले कि यहां हुआ क्या था? और दुनिया को संकट में डालने के बाद चीन अब एक बार फिर इन बाजारों को खोलने की तैयारी कर रहा है.

इस नीले रंग के पार्टिशन के पीछे ही वुहान की बदनाम सी फूड मार्केट है. चीन ने यहां की सुरक्षा व्यवस्था बहुत कड़ी कर दी है..लेकिन चीन के लोगों का जंगली जानवर खाने का शौक फीका नहीं पड़ा है.

जब एक विदेशी अखबार के पत्रकारों ने दक्षिण पश्चिमी चीन के गुलिन में एक ऐसी ही मार्केट का दौरा किया तो सनसनीखेज खुलासा हुआ. पत्रकारों ने पाया कि इस मार्केट में अब भी जंगली जानवर धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं और इनमें कोरोना वायरस का वाहक माने जाने वाले चमगादड़ भी हैं. 

चीन के ही मेडिकल एक्सपर्ट्स ने जनवरी 2019 में चेतावनी दी थी कि हॉर्स शू प्रजाति के चमगादड़ों से कोरोना जैसे खतरनाक वायरस फैलने का अंदेशा है लेकिन चीन ने इस चेतावनी को भी नजर अंदाज कर दिया और आज नतीजा दुनिया के सामने है. 

चीन की रिपोर्ट जिसपर लाल रंग से Virsuses लिखा है .जैसे इतना ही काफी नहीं था, चीन ने जानलेना Viruses का एक बैंक भी बना लिया. चीन में ऐसी बहुत सारी Virology Labs हैं, जहां इन पर शोध होता है इनमें वुहान का Wuhan Institute Of Virology भी शामिल है. जिसके बारे में कहा जाता है कि एशिया का सबसे बड़ा Virus Bank है. 

खतरा इस बात का है कि चीन की ज्यादातर Virology Labs सुरक्षा के मानकों पर खरी नहीं उतरती. इसलिए पूरी दुनिया के लिए ये एक खतरे की तरह हैं. 

ऐसे वायरस पर सिर्फ सेफ्टी 4 श्रेणी की लैब्स में शोध होने चाहिए. लेकिन चीन की मीडिया में आए वीडियोज़ से ये साफ है कि वहां ऐसे खतरनाक वायरसों पर शोध सेफ्टी 2 श्रेणी की लैब्स में भी होते हैं.  ऐसी लैब्स के पास खतरनाक वायरसों की जांच और इन पर शोध करने के लिए ज़रूरी सुरक्षा नहीं होती. 

कोरोना वायरस के संक्रमण से साफ है कि चीन को नियमों की परवाह नहीं है. अब चीन के लोग ही इसकी तुलना यूक्रेन के चर्नोबिल में हुई परमाणु त्रासदी से कर रहे हैं. उस हादसे में कई लोगों की जान गई थी और इसके लिए सरकारी की लापरवाही और गैरजिम्मेदारी ही जिम्मेदार थी. चीन ने दुनिया पर परमाणु बम तो नहीं छोड़ा है..लेकिन दुनिया को एक ऐसे खतरे में डाल दिया जिसकी कीमत हज़ारों लोग अपनी जान देकर चुका रहे हैं. 

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