हनुमान भरोसे भारत में हवाई सफर, यात्रियों से पैसा लूट रहीं कंपनियां और सुविधा के नाम पर जीरो
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हनुमान भरोसे भारत में हवाई सफर, यात्रियों से पैसा लूट रहीं कंपनियां और सुविधा के नाम पर जीरो

भारत में अब हवाई सफर लग्जरी नहीं बल्कि जुगाड़ बन चुका है. आज हमने हवाई सफर का एक विस्तृत विश्लेषण किया है. पढ़िए.

हनुमान भरोसे भारत में हवाई सफर, यात्रियों से पैसा लूट रहीं कंपनियां और सुविधा के नाम पर जीरो

आज DNA में पहला विश्लेषण देश के 18 करोड़ लोगों से सीधे तौर पर जुड़ा है. आजकल आप जब भी अपने परिवार, रिश्तेदार या दोस्तों के साथ हवाई सफर को लेकर कोई चर्चा करते हैं तो पहला सवाल यही होता है कि हवाई सफर सुरक्षित है या नहीं? पिछले गुरुवार को अहमदाबाद में प्लेन क्रैश हुआ, जिसमें 241 यात्रियों की मौत हो गई थी, इसके बाद रविवार को केदारनाथ में हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया, इस हादसे में भी पायलट समेत 7 यात्रियों की मौत हो गई. 

थोड़ी देर पहले दिल्ली से रांची आने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट को वापस दिल्ली डायवर्ट कर दिया गया है. तकनीकी कारणों से उस विमान को बीच रास्ते से वापस दिल्ली भेज दिया गया है. यानी अब हमारे देश में हवाई सफर भगवान भरोसे हो चुका है और यही संदेश देने के मकसद से कुछ लोग, सोशल मीडिया पर ऐसा वीडियो शेयर कर रहे हैं. जिसमें एक विमान है, विमान में अंधेरा है और सीट बेल्ट लगाकर बैठे यात्री हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं.

हम फिर से कहना चाहते हैं- ये वीडियो नया है या पुराना है, सवाल ये नहीं है. सवाल ये है कि क्या हमारे देश में विमान यात्रा का सच यही है. क्या अब आपकी उड़ान, हनुमान भरोसे ही होगी. क्या अब आपको भी बोर्डिंग पास के साथ-साथ हनुमान चालीसा लेकर विमान यात्रा की आदत डालनी पड़ेगी. यानी अब लोगों को हवाई सफर में तकनीक से ज्यादा हनुमान जी पर भरोसा है. आखिर ऐसा क्यों है? इसे आज हम आंकड़ों के साथ DECODE करेंगे.

एक मशहूर दोहा है- कबीर दास की उल्टी बानी, बरसे कंबल भीगे पानी, इस दोहे का मतलब है कि आसमान से पानी नहीं कंबल बरस रहा है और पानी जो सबको गीला कर देता है अब खुद ही भीग रहा है. हो सकता है आपने ये दोहा अपने माता-पिता, दादा-दादी या नाना-नानी से सुना हो. अकसर बोलचाल की भाषा में किसी चरित्र या घटना के विपरीत रूप को दिखाने के लिए इस दोहे का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन आज हम इस दोहे का इस्तेमाल एविएशन सेक्टर के लिए करना चाहते हैं. क्योंकि ज्यादा से ज्यादा कमाई दिन-दोगनी, रात-चौगुनी मुनाफे की चाहत में, देश की एविएशन कंपनियों के चाल-चरित्र बदल चुके हैं.

हवाई सफर लग्जरी नहीं, बल्कि जुगाड़ बन चुका है

आज के समय में हवाई सफर लग्जरी नहीं है, बल्कि जुगाड़ बन चुका है, हवाई सफर में अब आप समय की बचत नहीं कर सकते हैं. क्योंकि तकनीकी दिक्कतों की वजह से कई घंटे की देरी आम बात हो चुकी है. अब हवाई सफर में शांति, सुकून और आराम नहीं है. बल्कि बोर्डिंग पास लेने से लेकर फ्लाइट से उतरने तक अव्यवस्था की गारंटी बन चुका है.

  • आज हवाई उड़ान के दौरान AC बंद हो सकता है.

  • आज हवाई उड़ान के दौरान टॉयलेट खराब हो सकता है.

  • आज हवाई उड़ान के दौरान कभी भी आसमान से पानी टपक सकता है. सोचिए जरा फ्लाइट से पानी टपकने लगता है.

  • आज जब आप हवाई सफर कर रहे हैं तो मौसम खराब होने की वजह से आप दिल्ली की बजाय जयपुर पहुंच जाएंगे.

  • आजकल तो हवाई सफर के दौरान 30 हजार फीट की ऊंचाई पर टर्बुलेंस आना रोज की घटना हो गई है.

अहमदाबाद में हादसे के महज तीन दिन बाद एयर इंडिया के उसी मॉडल के विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर में आज फिर से तकनीकी दिक्कत आ गई. एयर इंडिया का विमान हांगकांग से दिल्ली आ रहा था लेकिन तकनीकी दिक्कतों की वजह से फ्लाइट रास्ते से ही हांगकांग लौट गई. इसी तरह से दुबई से जयपुर आ रही Air India का विमान तकनीकी खराबी के चलते 5 घंटे तक टेक ऑफ नहीं कर पाया. यात्रियों का आरोप है कि इस दौरान ना तो AC चलाई गई और ना ही पानी दिया गया. अब आप इस विमान के भीतर का वीडियो देखिए.

अब आप सोचिए जरा... दुबई से जयपुर के इस फ्लाइट का किराया 16 हजार रुपये है. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के मुताबिक हमारे देश में लोगों का औसत मासिक वेतन आमतौर पर 15 हजार से लेकर 20 हजार रुपये के बीच होता है. यानी एक व्यक्ति की पूरे महीने की सैलरी के बराबर हवाई किराया था, लेकिन सर्विस के तौर पर आपको एक थर्ड क्लास, जी हां एक थर्ड क्लास, खटारा बस से भी खराब सेवा दी जा रही है.

कौन-कौन सी फीस लेती हैं कंपनियां

आपके घर में अगर AC 2-3 साल पुराना हो जाता है तो आप उसकी तुरंत सर्विसिंग करवाते हैं, अगर ऐसा नहीं करेंगे तो AC ठीक से काम नहीं करेगा, लेकिन आजकल हमारे देश में 30 हजार फीट की ऊंचाई पर अक्सर विमान का AC ही बंद हो जाता है. अब आप कुछ और वीडियो देखिए इन सभी वीडियो में एक बात कॉमन है. उड़ान के दौरान घटिया हवाई सेवा. जब आप कोई टिकट बुक करते हैं तो आपसे Basic Fare, Airline fuel charge, Convenience fee, User development fee, Airport Development Fee, Passenger security fee, Passenger service fee जैसे कई अलग-अलग चार्ज लगाकर पैसे लिए जाते हैं. जब छठ का त्योहार होता है, जब दीवाली होती है, जब होली होती है, जब दुर्गापूजा होती, आपको तारीख याद हो या ना हो, एविएशन कंपनियों को सबकुछ याद होता है. फटाफट साल के शुरू में ही हर त्योहार से पहले टिकटें महंगी कर दी जाती है लेकिन सुविधा के दौर पर आपको क्या मिलता है.

सिर्फ पैसा कमाने पर कंपनियों का फोकस

आज एविएशन कंपनियों का फोकस सिर्फ पैसे कमाने पर है. एविएशन कंपनियों को इस बात का भरोसा हो चुका है कि भारत में बेहतर सर्विस नहीं देने पर कोई सख्त एक्शन नहीं होगा. आज एविएशन कंपनियों का व्यवहार प्रोफेशनल से ज्यादा चलता है. अब आपको हम कुछ आंकड़े दिखाने जा रहे हैं इसे बेहद ध्यान से देखिए. 2024 में 16 करोड़ (16.13) से ज्यादा भारतीय लोगों ने घरेलू हवाई सफर किया. 2024 में ही जनवरी के नवंबर के दौरान 6 करोड़ 64.5 से ज्यादा लोगों ने अंतरराष्ट्रीय हवाई सफर की. 6 करोड़ अंतरराष्ट्रीय हवाई सफर करने वाले लोगों में से 3 करोड़ लोगों ने (29.8/ 34.7 million) अंतरराष्ट्रीय हवाई सफर के लिए भारतीय एयरलाइंस कंपनियों पर भरोसा जताया था. आज हमारे देश में हर रोज औसतन साढ़े 4 लाख से ज्यादा लोग घरेलू उड़ान में सफर करते हैं.

लगातार बढ़ रहे हवाई मुसाफिर

पिछले साल हमारे देश में 17 नवंबर को एक रिकॉर्ड बनाया था. इस दिन 5 लाख 5 हजार लोगों ने एक दिन में हवाई यात्रा की थी. आज हर रोज 3 हजार से ज्यादा घरेलू फ्लाइट्स उड़ानें भरती हैं. जबकि हमारे देश में हर साल हवाई यात्रियों की संख्या 5-6 फीसदी बढ़ रही है, लेकिन एविएशन सेक्टर में सेफ्टी और बेहतर के सेवा के नाम पर मजाक किया जा रहा है इसे समझने के लिए आज आपको कुछ और आंकड़े बेहद ध्यान से देखने चाहिए.

हवाई यात्रियों की संख्या के मामले में भारत तीसरे नंबर पर

आज भारत पूरी दुनिया में हवाई यात्रियों की संख्या, हवाई उड़ान के लिहाज से तीसरे नंबर पर है. जबकि पहले नंबर पर अमेरिका और दूसरे नंबर पर चीन है. एक रिपोर्ट के मुताबिक फ्लाइट की देरी के मामले में भारत की स्थिति अच्छी नहीं है. अमेरिका में फ्लाइट के अधिकतम 5 मिनट की देरी के मामले 9.2 फीसदी है, जबकि भारत में 10.7 फीसदी है. अब फ्लाइट के ऑन टाइम यानी बिना देरी के सफर के आंकड़े को ध्यान को देखिए. अमेरिका में 70 फीसदी मामलों में फ्लाइट के उड़ान में देरी नहीं हुई थी.

किस देश में फ्लाइट की देरी कैसा हाल? 

जबकि भारत में 56 फीसदी मामलों में फ्लाइट ऑनटाइन टेकऑफ की. इसी तरह से भारत में 5 मिनट से लेकर 30 मिनट के देरी के मामले 25 फीसदी से ज्यादा थे. 2024 में ही हमारे देश में 3 घंटे तक की देरी के मामले 8 फीसदी थे. यानी हमारे देश में 100 में से 8 फ्लाइट 30 मिनट से ज्यादा देर होती है, जबकि 100 में से 44 फ्लाइट्स लेट से ही उड़ान भरती हैं. अमेरिका में 100 में से करीब 30 फ्लाइट देरी से उड़ान भरती हैं. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि हमारे देश में सर्विस के तौर पर आज फ्लाइट्स की हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है. फ्लाइट्स की देरी होना आम बात हो चुकी है. हमारे देश में जैसे-जैसे हवाई सफर करने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी ये दिक्कतें और बढ़ सकती है.

हेलीकॉप्टरों का भी है बुरा हाल

ये दिक्कतें ना सिर्फ विमान के साथ होती हैं बल्कि आजकल तो हेलिकॉप्टर क्रैश की घटनाएं भी डराने लगी है. आजकल हेलिकॉप्टर किसी ऑटो की तरह हो चुके हैं. रविवार को केदारनाथ धाम के पास एक हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया और इसमें पायलट समेत 7 लोगों की मौत गई, लेकिन क्या आपको पता है केदारनाथ में हर रोज कितनी उड़ानें उड़ती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक हेलिकॉप्टर हर रोज करीब 215 उड़ानें भरती है. अगर मौसम ठीक रहे तो इसकी संख्या बढ़कर 290 तक हो जाती हैं. DGCA ने एक हफ्ते पहले उड़ानों की संख्या कम करने के निर्देश दिए थे लेकिन सुनता कौन है, इसलिए तो हम बार-बार कहते हैं कि केदारनाथ में हेलीकॉफ्टर की हालत ऑटो और टैक्सी की तरह हो गई है. जितनी मर्जी, उतनी बार चलाओ, जितनी मर्जी, उतने लोगों को बिठाओ.

आजकल टिकट बुकिंग में क्या-क्या होता है

अब इसे देखिए, आज आपको विमान में आगे की सीट चाहिए तो ज्यादा पैसे दीजिए, विमान में विंडो सीट चाहिए तो एक्स्ट्रा पैसे दीजिए, विमान में ज्यादा लेग स्पेस वाली सीट चाहिए तो फिर से एक्स्ट्रा पैसे दीजिए, लैंडिंग के बाद जल्दी लगेज चाहिए तो एक्स्ट्रा पैसे दीजिए, सामान का वजन 1 किलो भी ज्यादा हो गया तो एक्स्ट्रा पैसे दीजिए, लेकिन फ्लाइट 3 घंटे देर हो गई तो कोई नाश्ता-लंच या डिनर नहीं मिलेगा, कोई सुविधा नहीं मिलेगी, काउंटर खाली मिलेगा और डिस्प्ले बोर्ड पर DELAYED लिखा मिलेगा.

पैसा जोड़कर करते हैं हवाई सफर और मिलता क्या है?

आज भी हमारे देश में फ्लाइट में सफर करना 100 करोड़ से ज्यादा लोगों का सपना है. जब भी कोई टिकट सस्ता मिलता है या कोई ऑफर आता है तो हमारे देश का आम आदमी तुरंत हवाई सफर के सपने को पूरा करने के लिए टिकट बुक कर लेता है. आपके आसपास भी कई ऐसे लोग होंगे जो साल भर पैसे जोड़कर हवाई सफर के लिए टिकट खरीदते हैं लेकिन जब वो हवाई सफर करते हैं तो पता चलता है कि AC काम नहीं कर रहा है, फ्लाइट देर हो गई है और ऐसे में एक आम आदमी का हवाई सफर डरावने सपने जैसा हो जाता है.

देश की कोई कंपनी टॉप लिस्ट में नहीं

आज हमारे देश में कोई भी एयरलाइंस कंपनी सुरक्षा के लिहाज से TOP 10 में नहीं है. एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक एयर न्यूजीलैंड दुनिया की सबसे सुरक्षित एयरलाइंस है.जबकि दुनिया की टॉप 25 सबसे सुरक्षित लो-कॉस्ट एयरलाइंस लिस्ट में भारत की एक मात्र एयरलाइंस इंडिगो है. इंडिगो भी 25 एयरलाइंस की इस लिस्ट में 19वें नंबर पर है. सोचिए जरा भारत के एविएशन इंडस्ट्री की क्या हालत है. वैसे लो-कॉस्ट एयरलाइंस की लिस्ट में छठें नंबर पर AirAsia भी है लेकिन ये कंपनी भारत के साथ-साथ मलेशिया में भी सेवा देती है.

ट्रेन के सफर की क्या हालत है? 

अब आपको एक और आंकड़ा दिखाते हैं, इसे ध्यान से देखिए, भारत में वित्त वर्ष 2024 से 2025 के बीच 715 करोड़ लोगों ने ट्रेन से यात्रा की. जी हां एक साल में 7 अरब से ज्यादा लोगों ने ट्रेन से सफर किया. जबकि पिछले साल भारत में 16 करोड़ लोगों ने घरेलू हवाई सफर किया था. मतलब हवाई सफर के मुकाबले 44 गुना ज्यादा लोगों ने ट्रेन से सफर किया.

आलोचना नहीं आत्ममंथन

अब आपको एक और आंकड़ा दिखाते हैं. रेल मंत्रालय के मुताबिक भारत में बीते 10 वर्षों में दुर्घटना की वजह से 748 लोगों की मौत हुई, जबकि भारत में बीते 15 वर्षों में 455 लोगों की हवाई दुर्घटना की वजह से मौत हो गई. यानी सीधे तौर इस आंकड़े से साफ होता है कि अरबों लोगों को हर साल यात्रा की सुविधा देना वाला भारतीय रेल सुरक्षा के मामले में एविएशन सेक्टर से सैंकड़ों गुना ज्यादा बेहतर है. हवाई दुर्घटनाओं में हमने हेलीकॉप्टर क्रैश की वजह से मरने वाले लोगों को शामिल नहीं किया है. इसीलिए जैसा कि हमने इस विश्लेषण के शुरुआत में कहा था कि अब हवाई यात्रा पायलट या ATC के भरोसे नहीं हनुमान चालीसा के भरोसे करना चाहिए. हमारे इस विश्लेषण को एविएशन कंपनियों को आलोचना के तौर पर नहीं बल्कि आत्ममंथन के तौर पर लेना चाहिए. क्योंकि हालात को बदलने की जिम्मेदारी एविएशन कंपनियों पर ही है. आपके साथ हवाई यात्रा के दौरान ऐसी कोई घटना हुई है तो हमें वीडियो के साथ हमारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जरूर बताएं.

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