DNA ANALYSIS: JEE-NEET की आड़ में राजनीति, परीक्षा कैंसिल करवाने के लिए फैलाई जा रही ऐसी Fake News
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DNA ANALYSIS: JEE-NEET की आड़ में राजनीति, परीक्षा कैंसिल करवाने के लिए फैलाई जा रही ऐसी Fake News

आजकल परीक्षाओं को लेकर दुष्प्रचार चल रहा है. NEET और JEE के Exams को रद्द कराने की मांग बहुत सारे छात्र कर रहे हैं. इन छात्रों का कहना है कि कोरोना वायरस को देखते हुए अभी परीक्षा नहीं कराई जानी चाहिए.

DNA ANALYSIS: JEE-NEET की आड़ में राजनीति, परीक्षा कैंसिल करवाने के लिए फैलाई जा रही ऐसी Fake News

नई दिल्ली: आजकल परीक्षाओं को लेकर दुष्प्रचार चल रहा है. NEET और JEE के Exams को रद्द कराने की मांग बहुत सारे छात्र कर रहे हैं. इन छात्रों का कहना है कि कोरोना वायरस को देखते हुए अभी परीक्षा नहीं कराई जानी चाहिए. इससे बीमारी फैलने का खतरा है. NEET, JEE एग्जाम देशभर के इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए कराए जाते हैं. इन परीक्षाओं में 28 लाख से अधिक स्टूडेंट्स शामिल होने वाले हैं. ये सभी आने वाले चुनावों में शायद पहली बार वोट भी डालेंगे. ऐसे में राजनेताओं को लगा कि वोट मिलेंगे और वो इसमें फंस गए.

सुप्रीम कोर्ट से लेकर प्रधानमंत्री तक छात्रों की शिकायत 
Zee News का मानना है कि NEET और JEE परीक्षा टालने की मांग कर रहे छात्रों की बात सुनी जानी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट से लेकर प्रधानमंत्री तक छात्रों की शिकायत पहुंच चुकी है.

- केंद्र सरकार ने भरोसा दिलाया है कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूरी तरह पालन कराया जाएगा. ताकि छात्रों की सुरक्षा को कोई खतरा न रहे.

- सुप्रीम कोर्ट भी परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार कर चुका है. कोर्ट ने साफ कहा कि छात्रों का एक साल बर्बाद नहीं किया जा सकता.

- एक दिन पहले ही डेढ़ सौ से ज्यादा शिक्षाविदों और अध्यापकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. जिसमें अपील की गई है कि इम्तिहान रद्द करना गलत होगा.

- इसके बावजूद कांग्रेस और विपक्षी दलों की सरकार वाले राज्य NEET और JEE की परीक्षा का विरोध कर रहे हैं.

- देश की 6 राज्य सरकारों ने आज सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है. ये राज्य हैं- पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब और महाराष्ट्र.

- दिल्ली सरकार भी परीक्षा कराने का विरोध कर रही है. हालांकि वो सुप्रीम कोर्ट नहीं गई.

- सोशल मीडिया पर परीक्षा के विरोध में अभियान जारी है. ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जैसे सारे स्टूडेंट्स एग्जाम नहीं देना चाहते.

सोशल मीडिया पर कैंपेन 
हमने सोशल मीडिया पर चल रहे कैंपेन (campaign) की तह में जाकर सच जानने का फैसला किया. जो तथ्य हमारे हाथ लगे वो हैरान करने वाले हैं. इसमें कोई शक नहीं कि कई छात्र नहीं चाहते हैं कि परीक्षा हो, लेकिन बड़ी संख्या में छात्र ऐसे भी हैं जो इस सारे हंगामे से दूर अपनी पढ़ाई में जुटे हैं. उनके पास फेसबुक और ट्विटर के लिए समय ही नहीं है. एग्जाम कैंसिल कराने के लिए कई नकली ट्विटर और फेसबुक अकाउंट से पुरानी तस्वीरें शेयर की जा रही हैं.

Fake News का सहारा
हमने पाया कि NEET और JEE परीक्षा को कैंसिल कराने के लिए Fake News का सहारा लिया जा रहा है. सोशल मीडिया पर एक लड़की की तस्वीर सामने आई है. इस तस्वीर में एक लड़की की कलाई दिखाई गई है, जिसे उसने ब्लेड से काट लिया है. जांच में पता चला कि ये तस्वीर 2016 में पहली बार इंटरनेट पर अपलोड की गई थी. अब इसे कई फेक अकाउंट्स से यह कहते हुए ट्वीट किया जा रहा है कि NEET और JEE Exam के कारण मेरी दोस्त ने आत्महत्या की कोशिश की है. इन सारे ट्वीट की भाषा भी एक ही है. इनमें एक शब्द का भी हेरफेर नहीं मिलेगा.

एक लड़की का ये ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है. इसमें वो बता रही है कि मेरे पिता कोविड पॉजिटिव हैं. 3 सितंबर को मेरा JEE का एग्जाम है. लड़की ने अपने पिता की मेडिकल रिपोर्ट भी शेयर की है. फोटो पर जूम करके देखें तो पता चलेगा कि ये लाहौर के एक अस्पताल की रिपोर्ट है.

अब NEET के विरोध में छात्र-छात्राओं के माता-पिता का प्रदर्शन बताकर शेयर की जा रही इस तस्वीर को देखिए. इसमें कई लोग हाथों में तख्तियां लेकर खड़े हैं. जांच में पता चला कि ये प्रदर्शन 2018 का है. अभी ऐसा कोई प्रदर्शन नहीं हुआ है.

फेसबुक और ट्विटर अकाउंट भी फेक
इसी तरह बाढ़ की तस्वीरें भी हैं. सोशल मीडिया पर ऐसी ढेरों तस्वीरें शेयर की जा रही हैं. कहा जा रहा है कि बाढ़ से पूरा इलाका डूबा हुआ है ऐसे में छात्र परीक्षा देने कैसे जाएंगे. इन तस्वीरों की जांच करने पर पता चला कि ज्यादातर तस्वीर पुरानी हैं. इन्हें शेयर करने वाले फेसबुक और ट्विटर अकाउंट भी फेक हैं.

अब आप खुद ही समझ सकते हैं कि ये मामला सिर्फ छात्रों के भविष्य का नहीं है. छात्रों की आड़ में राजनीति भी हो रही है. क्योंकि ऐसी तस्वीरें शेयर करने वाले कई अकाउंट राजनीतिक दलों के आईटी सेल से जुड़े हुए हैं.

सुशांत सिंह राजपूत का मामला हो या छात्रों के इम्तिहान का, एक महीने के अंदर हमने देखा कि कैसे किसी मुद्दे को लेकर नकली माहौल बनाने की कोशिश होती है. दर्शक के तौर पर घर बैठे-बैठे आपको भी लगने लगता है कि यही हो रहा है. लेकिन सच कुछ और ही होता है.

बचपन से ही हमारे संस्कारों में यह बात डाल दी जाती है कि झूठ बोलना पाप है. झूठ बोलने वालों को कोई पसंद नहीं करता. लेकिन अब हमारे सामने झूठ का एक बिल्कुल नया अवतार है. इसे आज बिल्कुल नए तरीके से परोसा जा रहा है. नए जमाने के झूठ बोलने वाले अब मीडिया और सोशल मीडिया का इस्तेमाल सीख चुके हैं. ऐसा करने वाले राजनेता भी हैं और अभिनेता भी. ये वर्ष 2020 की चुनौतियां हैं, जिन्हें समझना हमारे लिए बहुत जरूरी है. वरना गुमराह करने वाले तैयार बैठे हैं.

परीक्षा कैंसिल हो गई तो क्या होगा?
मान लीजिए सरकार ने कह दिया होता कि कोरोना वायरस के कारण वो इस साल के लिए NEET, JEE की परीक्षा कैंसिल कर रही है. तो क्या होता? ऐसा ही विरोध तब भी हो रहा होता. बस विरोध का मुद्दा अलग होता. कलाई काटने की यही तस्वीरें तब ये कहकर शेयर की जा रही होतीं कि एग्जाम कैंसिल होने से दुखी होकर किसी ने आत्महत्या की कोशिश की है. इस सच से इनकार नहीं किया जा सकता कि लाखों छात्रों ने परीक्षा की तैयारी की है. उनका पूरा साल खराब नहीं किया जा सकता. अगर इस साल एडमिशन नहीं हुए तो अगले साल सीटें तो इतनी ही रहेंगी लेकिन परीक्षा देने वाले छात्रों की संख्या दोगुनी हो चुकी होगी. इसका नुकसान भी छात्रों को ही होगा.

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