आज हम एक ऐसा बड़ा खुलासा करेंगे जिसे जानने के बाद पूरी दुनिया ये मानने पर मजबूर हो जाएगी कि पाकिस्तान ही आतंकवादियों की सबसे बड़ी शरण स्थली है और दुनिया के तमाम बड़े आतंकवादी पाकिस्तान की ही आतंकवाद वाली फैक्ट्री से निकलते हैं.
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नई दिल्ली: आज हम एक ऐसा बड़ा खुलासा करेंगे जिसे जानने के बाद पूरी दुनिया ये मानने पर मजबूर हो जाएगी कि पाकिस्तान (Pakistan) ही आतंकवादियों की सबसे बड़ी शरण स्थली है और दुनिया के तमाम बड़े आतंकवादी पाकिस्तान की ही आतंक वाली फैक्ट्री से निकलते हैं. ज़ी न्यूज़ ने आपको पुलवामा आतंकवादी हमले (Pulwama Terrorist Attack) में दाखिल की गई NIA की चार्जशीट के बारे में बताया था. इस चार्जशीट के मुताबिक पुलवामा हमले की योजना पाकिस्तान में बनाई गई थी और इसका मास्टर माइंड था, आतंकवादी संगठन जैश के मोहम्मद का चीफ मसूद अजहर (Masood Azhar) . जो इस समय दाऊद इब्राहिम की तरह पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहा है.
पाकिस्तान की मदद से फल-फूल रहा आतंकवादी संगठन
पुलवामा हमले में मसूद अजहर समेत 19 आतंकवादी शामिल थे, जिनमें से सात पाकिस्तानी थे और इन लोगों ने मिलकर पुलवामा में आतंकवादी घटना को अंजाम दिया था जिसमें CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे. लेकिन पाकिस्तान अब तक मसूद अजहर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पाया है. जबकि संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका जैसे देश उसे एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर चुके हैं. लेकिन दुख की बात ये है कि अमेरिका जैसे देश और संयुक्त राष्ट्र भी पाकिस्तान से अब तक ये नहीं पूछ पाए हैं कि आखिर वो मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई कब करेगा ? इसलिए आज हम एक एक करके आपको उन सबूतों के बारे में बताएंगे जिनसे साबित होता है कि मसूद अजहर न सिर्फ पाकिस्तान में मौजूद है बल्कि वहां उसका आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद, पाकिस्तान की मदद से ही फल-फूल रहा है.
जैश ए मोहम्मद एक बहुत बड़ा आतंकवादी संगठन है और मसूद अजहर इसे अकेले नहीं चलाता, बल्कि इसमें उसका पूरा परिवार उसकी मदद करता है. आज हम आपको मसूद अजहर की फैमिली ट्री के बारे में बताएंगे.
आतंक का कारोबार
मसूद अजहर का भाई है, मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर. जैश ए मोहम्मद के सारे आतंकवादी हमले इसी की देखरेख में होते हैं.
इसके बाद हैं, अम्मार अलवी और तल्हा सैफ. ये दोनों भी मसूद अजहर के भाई हैं. अम्मार अलवी कश्मीर के अलावा अफगानिस्तान में भी आतंकवादियों को ट्रेनिंग देता है जबकि तल्हा सैफ जैश ए मोहम्मद के प्रोपेगेंडा को भारत समेत पूरी दुनिया में फैलाने का काम करता है.
मसूद अजहर का बड़ा भाई इब्राहिम अजहर Indian Airlines के विमान IC 814 की हाईजैकिंग में भी शामिल था. वहीं मसूद अजहर का एक और सहयोगी मुफ्ती असगर खान PoK में मुजफ्फराबाद का रहने वाला है और जैश ए मोहम्मद ने कश्मीर में आतंकवाद फैलाने की सारी जिम्मेदारी इसी को दी हुई है.
मसूद अजहर के बड़े भाई इब्राहिम अजहर का एक बेटा भी था जिसका नाम था उस्मान हैदर. उस्मान हैदर को भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने अक्टूबर 2018 में कश्मीर में मार गिराया था. एक और नाम है तल्हा रशीद का जो मसूद अजहर के रिश्तेदार अब्दुल रशीद का बेटा है और इसे भी वर्ष 2017 में सुरक्षा एजेंसियों ने कश्मीर में एक एनकाउंटर के दौरान मार डाला था.
यानी परिवारवाद सिर्फ राजनीति और फिल्मों में नहीं है, बल्कि आतंकवादी भी आतंक का अपना कारोबार चलाने की जिम्मेदारी सबसे पहले अपने परिवार के लोगों की ही सौंपते हैं.
अफजल गुरू के नाम से मस्जिद
जैश ए मोहम्मद का हेडक्वार्टर पाकिस्तान के बहावलपुर में है. इसे वहां मरकज उस्मान ओ अली के नाम से जाना जाता है.
इसके अलावा जैश ए मोहम्मद के कुछ ठिकाने PoK की राजधानी मुजफ्फराबाद में भी हैं. जिसे वहां बिलाल मरकज और जामिया मस्जिद कहकर बुलाया जाता है.
पाकिस्तान में भारत की संसद पर हमले के दोषी आतंकवादी अफजल गुरू के नाम से मस्जिद भी है. ऐसी ही एक मस्जिद बलोचिस्तान की राजधानी क्वेटा में है. जिसका नाम रखा गया है जामिया मस्जिद अफजल गुरु शहीद.
जैश ए मोहम्मद और दूसरे आतंकवादी संगठन सिर्फ PoK और पाकिस्तान में ही अपने आतंकवादियों को ट्रेनिंग नहीं देते, बल्कि ये लोग इसके लिए अफगानिस्तान की जमीन का भी इस्तेमाल करते हैं.
अफगानिस्तान के नान गरहर में ऐसे सात ट्रेनिंग कैंप हैं. इनमें से 4 सीधे तालिबान के नियंत्रण में हैं जहां जैश ए मोहम्मद के आतंकवादियों को ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है. जबकि तीन सीधे जैश के नियंत्रण में हैं. इन कैंपों को खोगयानी कैंप वन, खोगयानी कैंप टू और दरगाह कैंप कहा जाता है.
इसके अलावा पाकिस्तान के पेशावर में सुनन बिन सलमा नाम का एक मदरसा है और इसी मदरसे में शिक्षा के नाम पर लोगों के मन में भारत के प्रति नफरत पैदा की जाती है.
पुलवामा हमले के 12 दिनों के बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट पर एयर स्ट्राइक की थी और वहां मौजूद जैश ए मोहम्मद के हेडक्वार्टर और ट्रेनिंग कैंपों को तबाह कर दिया था.
जैश ए मोहम्मद समेत कई आतंकवादी संगठन अब भी पाकिस्तान में फल-फूल रहे हैं और फिर भी पाकिस्तान इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा.
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