क्या आप सोशल मीडिया पर अपने बच्चे की फोटो अपलोड करने से पहले लेते हैं उसकी इजाजत?
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क्या आप सोशल मीडिया पर अपने बच्चे की फोटो अपलोड करने से पहले लेते हैं उसकी इजाजत?

प्रमुख साइबर सिक्योरिटी फर्म मैकफी के एक सर्वे से पता चला है कि भारतीय पैरेंट्स अपने बच्चों की फोटो उनकी सहमति के बिना सोशल मीडिया पर अपलोड करते हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्ली: प्रमुख साइबर सिक्योरिटी फर्म मैकफी के एक सर्वे से पता चला है कि भारतीय पैरेंट्स अपने बच्चों की फोटो उनकी सहमति के बिना सोशल मीडिया पर अपलोड करते हैं. उन्हें इस बात का भी पता नही होता कि उनके बच्चों की फोटो ऑनलाइन पोस्ट करने के नतीजे क्या हो सकते हैं. 

'दि एज ऑफ कन्सेंट' नाम के इस सर्वे में पाया गया कि भारत में 40.5 प्रतिशत माता-पिता हर दिन कम से कम एक बार सोशल नेटवर्किंग साइट पर अपने बच्चे की तस्वीर या वीडियो अपलोड करते हैं. ऐसी सबसे ज्यादा पोस्ट मुंबई में की जाती हैं. दूसरी ओर 36 प्रतिशत माता-पिता सप्ताह में एक बार अपने बच्चों की फोटो अपलोड करते हैं.

फोटो अपलोड करने के खतरे 
सर्वे में पाया गया कि 62 प्रतिशत माता पिता बच्चों की फोटो अपलोड करते समय उनकी सहमति लेने की परवाह नहीं करते हैं. हालांकि इनमें से कई ने माना कि उनके बच्चों की तस्वीर पोस्ट करने से उनका पीछा, साइबरबुलिंग, किडनैपिंग और बाल यौन शोषण तक हो सकता है.

ज्यादा माता-पिता मानते हैं कि उन्हें बच्चों की सहमति के बिना उनकी फोटो या वीडियो अपलोड करने का अधिकार है. फर्म ने कहा है कि इस बारे में पैरेट्स को ज्यादा जिम्मेदार बनने की जरूरत है. सर्वे के मुताबिक 67 प्रतिशत पैरेट्स अपने बच्चों की फोटो स्कूल यूनीफार्म में अपलोड करते हैं, जबकि वो इस बात को नजरअंदाज करते हैं कि इससे उनकी निजी जानकारी उजागर होती है और उनकी पीछा करना ज्यादा आसान हो जाता है.

सर्वे में दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू में एक महीने से 16 साल तक के बच्चों के 1000 पैरेंट्स से रायशुमारी की गई. मैकफी ने सावधान किया है कि बच्चों की फोटो अपलोड करते समय 'यूजर लोकेशन' ऑफ रहना चाहिए, ताकि उनकी गोपनीयता बनी रहे.

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