DNA Analysis: बुधवार को डॉनल्ड ट्रंप के बुलावे पर दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा अमेरिका दौरे पर पहुंचे थे. ये दौरा मुख्य रूप से दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने पर था. लेकिन मीटिंग के दौरान एक पत्रकार ने दक्षिण अफ्रीका में कथित श्वेत नरसंहार को लेकर मुद्दा उठा दिया.
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DNA Analysis: आज हम आपसे एक सवाल पूछना चाहते हैं. अगर आपके घर कोई मेहमान आता है तो आप क्या करते हैं. उनसे चाय-नाश्ता पूछते हैं. मेहमानों के आते ही बच्चों को गरमा-गरम समोसा, रसगुल्ले और कोल्ड ड्रिंक लाने के लिए भेजते हैं. ये हमारी संस्कृति है. जहां मेहमान को भगवान माना जाता है. अतिथि देवो भव: के संस्कार हैं हमारे. हमारे यहां तो बिनबुलाए मेहमान को भी बहुत इज्जत दी जाती है.
लेकिन आज हम आपको दुनिया के सबसे शक्तिशाली मुल्क के सबसे शक्तिशाली पद पर बैठे शख्स की मेहमाननवाजी दिखाते हैं. डॉनल्ड ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपित सिरिल रामफोसा को अपने घर यानी व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया. व्हाइट हाउस की परंपरा के मुताबिक ओवल ऑफिस में दोनों के बीच द्वीपक्षीय वार्ता हुई. वहां दुनियाभर के पत्रकार जमा हुए.
लेकिन यहां डॉनल्ड ट्रंप ने जो किया उसकी उम्मीद भी किसी ने नहीं की. डॉनल्ड ट्रंप अपने मेहमान से ऐसे ऐसे सवाल पूछने लगे जिससे वो असहज हो गए. ऐसा लग रहा था जैसे ट्रंप दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति का वेलकम करने नहीं बल्कि बेइज्जत करने की तैयारी के साथ आए हों.
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— Zee News (@ZeeNews) May 22, 2025
ये पहली बार नहीं है जब डॉनल्ड ट्रंप ने अपने मेहमान को घर बुलाकर बेइज्जत किया है. इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ भी वो ऐसा कर चुके हैं. लेकिन ट्रंप ऐसा करते क्यों है.. आज हम ट्रंप की इसी आदत का विश्लेषण करेंगे.
सबसे पहले आपको हालिया घटना बता दें. बुधवार को डॉनल्ड ट्रंप के बुलावे पर दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा अमेरिका दौरे पर पहुंचे थे. ये दौरा मुख्य रूप से दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने पर था. लेकिन मीटिंग के दौरान एक पत्रकार ने दक्षिण अफ्रीका में कथित श्वेत नरसंहार को लेकर मुद्दा उठा दिया. दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति ने इस सवाल का जवाब देने की कोशिश की. लेकिन डॉनल्ड ट्रंप ने इसके बाद जो किया उसने सभी को चौंका दिया. उन्होंने ओवल ऑफिस की लाइटें बंद करवा दी.
ट्रंप दक्षिणी अफ्रीकी राष्ट्रपति को. दक्षिण अफ्रीका में अश्वेत लोगों के खिलाफ हुए कथित आंदोलन के वीडियोज दिखाने लगे. डोनल्ड ट्रंप ने पहले से ही सारे वीडियोज को एडिट करवा के रखा था. यानी सिरिल रामफोसा को अपमानित करने की उनकी मंशा साफ-साफ दिख रही थी
ट्रंप यहीं नहीं रुके. वापस जब लाइटें ऑन हुईं तो ट्रंप कई अखबारों के आर्टिकल लेकर बैठे थे. जिसमें अश्वेत लोगों की मौत की खबरें थीं. ट्रंप एक एक कर के सारे आर्टिकल दिखाने लगे. बीते 10-15 मिनट से एक के बाद एक, आरोपों के बाण झेल रहे दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति का चेहरा पूरी तरह से उतर चुका था. उन्हें देखकर कोई भी कह सकता है कि वो यहां आने के अपने फैसले पर पछता रहे थे. लेकिन ट्रंप रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे. वो सवाल पर सवाल दागते जा रहे थे. आखिरकार दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति ने बड़ी ही विनम्रता के साथ उन्हें पूरा मामला समझाया और इन आरोपों का जवाब भी दिया.
ये पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने घर बुलाकर किसी अंतरराष्ट्रीय नेता को बेइज्जत किया है. इससे पहले फरवरी के महीने में भी व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में ट्रंप ने अपने मेहमान. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को पूरी दुनिया के सामने बेइज्जत किया था. तीन साल से रूस से जंग लड़ रहे जेलेंस्की अमेरिकी राष्ट्रपति से मदद मांगने आए थे. लेकिन यहां उन्हें फटकार लगा दी गई. तब राष्ट्रपति ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वांस दोनों एक साथ जेलेंस्की पर टूट पड़े थे.
डोनल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल को देखें तो उनके तेवर इस बार कुछ अलग ही लग रहे हैं. उनके व्यवहार में कई ऐसे बदलाव आए हैं जो बहुत सारे लोगों को पसंद नहीं आ रहे हैं.
- ट्रंप ओवर कॉन्फिडेंट हो गए हैं, क्योंकि वो बिना सोचे समझे कुछ भी बोल देते हैं.
- ट्रंप का लिबास कई बार खटकता है. हाल ही में पोप फ्रांसिस की अंतिम यात्रा में जहां हर कोई ब्लैक सूट में गया था. ट्रंप ब्लू सूट पहनकर पहुंचे थे.
- ट्रंप ओवर अग्रेसिव लगने लगे हैं..क्योंकि राष्ट्रपति बनते ही उन्होंने कई देशों पर अचानक टैरिफ बढ़ाने की धमकी दे दी थी..
- कुछ लोग तो ट्रंप को RUDE भी कहने लगे हैं.. जिसका ताजा नमूना आपने देख ही लिया.
- ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में एक और बात नोट करने वाली है.. वो ये की ट्रंप अब बिना तथ्यों के कुछ भी बोल जाते हैं..
हम ये क्यों बता रहे हैं अब आपको दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति के साथ हुए एपिसोड के जरिए भी समझा देते हैं. ट्रंप ने दावा किया की द. अफ्रीका में श्वेत किसानों का कत्ल हो रहा है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि दक्षिण अफ्रीका में रेसिज्म यानी रंगभेद का पुराना इतिहास रहा है, लेकिन श्वेत किसानों के नरसंहार का जो दावा ट्रंप कर रहे हैं. उसकी कहानी आपको आंकड़ों के जरिए दिखाते हैं.
दक्षिण अफ्रीका के सरकारी आंकड़े कहते हैं कि वहां औसतन हर साल 27000 मर्डर रिकॉर्ड किए जाते हैं. जिनमें से श्वेत किसानों की हत्या के सिर्फ 1% मामले हैं. एक और आंकड़ा बताता है कि अक्टूबर से दिसंबर 2024 के बीच वहां 6,953 हत्याएं दर्ज की गईं. जिनमें से श्वेत किसान की हत्या का सिर्फ 1 मामला है.
मानवाधिकार संस्थाएं, जैसे एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वॉच ने भी माना कि किसानों की हत्या तो हो रही है लेकिन इसमें नस्लीय हिंसा का कोई एंगल नहीं है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ट्रंप ने ये मुद्दा उठाया क्यों? इस मुद्दे के बहाने अपने मेहमान को ओवल ऑफिस में मीडिया के सामने बेइज्जत किया क्यों. अमेरिका की राजनीति में भी श्वेत-अश्वेत का मामला काफी लंबे वक्त से चला आ रहा है. ऐसे में ये नैरेटिव ट्रंप के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. उन्होंने पहले भी वाइट सुप्रीमेसी को हवा दी थी और कई गुट उनके सपोर्ट में आए थे. ऐसे में माना जा रहा है कि ट्रंप ने अपने राजनीतिक हित के लिए सिरिल रमाफोसा को बेइज्जत किया.
लेकिन कुछ लोग ऐसी आदतों को SADISTIC PLEASURE यानी परपीड़क आनंद से भी जोड़कर देख रहे है. जिसमें किसी शख्स को किसी की बेइज्जती करने में आनंद आता है. सुकून मिलता है. ट्रंप के इस कार्यकाल को हमने गौर से देखा है. और हमारी इसी OBSERVATION से हम ये भी कह सकते हैं कि ट्रंप की याद दाश्त भी कमजोर होती जा रही है. तभी तो अमेरिका के राष्ट्रपति होते हुए किसी दूसरे देश के राष्ट्रपति से RACISM यानी रंगभेद पर सवाल पूछ रहे हैं.