वाशिंगटन: अमेरिकी कांग्रेस (US Congress) ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को जाते जाते तगड़ा झटका दिया है. संसद के उच्च सदन ने देश के रक्षा खर्च फंड यानी नेशनल डिफेंस अथॉराइजेशन एक्ट पर लगे राष्ट्रपति ट्रंप के वीटो को खारिज कर दिया है. हैरानी की बात ये रही कि वीटो खारिज कराने में उनकी ही रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों की प्रमुख भूमिका रही. डोनाल्ड ट्रंप ने बीते बुधवार को नेशनल डिफेंस ऑथोराइजेशन एक्ट पर वीटो किया था. हालांकि उस दौरान राष्ट्रपति के सलाहकारों ने उन्हें ऐसा करने से बचने की सलाह दी थी.


पहला मौका जब खारिज हुआ वीटो 


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मौजूदा राष्ट्रपति की रुखसती को लेकर लंबे समय कयासों का दौर जारी है. चार साल के कार्यकाल में ट्रंप ने आठ विधेयकों (ACT) पर वीटो किया. इसलिए वो विधेयक कानूनी शक्ल नहीं ले सके. साल के आखिर में उनका दांव उलटा पड़ गया क्योंकि संसद ने एकजुट होकर राष्ट्रपति का वीटो खारिज कर दिया. ट्रंप के फैसले से नाराज सीनेट ने वोटिंग की और 81-13 के बहुमत से ट्रंप का वीटो खारिज कर दिया था. वोटिंग के दौरान ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने भी वीटो को रद्द करने के पक्ष में वोटिंग की.


डिफेंस अथॉराइजेशन एक्ट पर तकरार की वजह


अमेरिकी संसद ने देश की डिफेंस पॉलिसी को लेकर अगले साल के लिए 740 अरब डॉलर के बजट को मंजूरी दी थी. ट्रंप ने इसके कुछ प्रावधानों पर आपत्ति जताते हुए वीटो लगाया और बिल साइन करने से मना कर दिया. दरअसल ट्रंप को अफगानिस्तान और यूरोप से अमेरिकी सैनिकों की वापसी को लेकर तय हुए प्रावधानों पर नाराजगी थी. 


डेमोक्रेट्स ने कहा था राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा


डेमोक्रेटिक पार्टी ने विधेयक पर लगाए वीटो को लेकर राष्ट्रपति की जबर्दस्त आलोचना की थी. संसद के लोवर हाउस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की स्पीकर नैंसी पलोसी ने कहा था कि ट्रंप के इस फैसले से देश की राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में आ गई थी. 


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