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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) को आज (31 मार्च) सुबह 10 बजे दिल्ली में नार्थ ब्लॉक में रिपोर्ट करना था, लेकिन वो नहीं आए. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार उन पर अनुशासनात्मक कारवाई करने की तैयारी में है.
सवाल ये है कि किसी भी राज्य में तैनात IAS अधिकारियों के खिलाफ केंद्र क्या करवाई कर सकता है? जानकारों के मुताबिक अगर कोई अधिकारी राज्य में तैनात है तो उसको सेन्ट्रल डेपुटेशन से लेकर उस पर कारवाई के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होती है. ऐसे में राज्य चाहे तो सेंट्रल डेपुटेशन के केंद्र के आदेश को मानने से इंकार कर सकती है. यही नहीं अगर केंद्र राज्य में तैनात किसी भी अधिकारी को दिल्ली समन करता है तो ऐसे मामले में भी राज्य सरकार की सहमति जरूरी है. अलपन बंद्योपाध्याय को ममता सरकार ने दिल्ली जाने की अनुमति नहीं दी थी.
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कुछ महीने पहले बंगाल में एक चुनावी रैली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) के काफिले पर हुए पथराव पर केंद्र सरकार ने बंगाल के तीन IPS अधिकारियों को दिल्ली बुलाया था, लेकिन ममता बनर्जी सरकार ने केंद्र के इस आदेश को ठुकराते हुए उन्हें गृह मंत्रालय भेजने से मना कर दिया था. ऑल इंडिया सर्विस रूल 6 (1) के मुताबिक किसी भी अधिकारी को सेंट्रल डेपुटेशन के लिए राज्य की सहमति लेनी जरूरी है.
बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) को राज्य सरकार के कहने पर केंद्र सरकार की सहमति के आधार पर उन्हें तीन महीने का सेवा विस्तार (एक्सटेंशन) दिया हुआ है, ऐसे में उनके एक्सटेंशन को केंद्र रद्द कर सकता है. बता दें कि अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) का कार्यकाल आज (31 मई) खत्म हो रहा था, लेकिन कोविड-19 के प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए इन्हें 3 महीने का एक्सटेंशन दिया गया है.
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1. केंद्र अलपन बंद्योपाध्याय के तीन महीने के सर्विस एक्सटेंशन को रद्द कर सकता है.
2. केंद्र अलपन बंद्योपाध्याय को एक बार फिर से बुला सकता है.
3. केंद्र सरकार अलपन बंद्योपाध्याय को कारण बताओ नोटिस जारी कर ये पूछ सकता है, क्यों न उन पर अनुशात्मक करवाई की जाए.
अब हम आपको ये बताते हैं कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) को लेकर अचानक इतना बड़ा विवाद कैसे खड़ा हो गया? क्यों उनका तबादला दिल्ली किया गया और क्यों उन्हें बंगाल से रिलीव नहीं किया जा रहा है? हम आपको बंगाल में पिछले 72 घंटे में बदले घटनाक्रम को समझाते हैं.
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को यास तूफान (Cyclone Yaas) के बाद नुकसान को लेकर समीक्षा बैठक की. कलाईकुंडा में हुई इस बैठक में राज्यपाल जगदीप धनखड़ के अलावा बीजेपी नेता शुवेंदु अधिकारी मौजूद थे, लेकिन बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) इस मीटिंग में पहुंची ही नहीं. प्रधानमंत्री से मिलने ममता बनर्जी तय वक्त से 30 मिनट की देरी से पहुंचीं. दीघा के लिए 20 हजार करोड़ की मांग करते हुए एक रिपोर्ट सौंपी और रवाना हो गईं. उस वक्त ममता बनर्जी के साथ बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय भी मौजूद थे. वह सीएम के साथ आए और साथ ही चले भी गए.
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