ड्रैगन की नई चाल : डोकलाम में चीन ने बनाए सैन्‍य परिसर, जनरल रावत बोले- हम उनका सामना करेंगे
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ड्रैगन की नई चाल : डोकलाम में चीन ने बनाए सैन्‍य परिसर, जनरल रावत बोले- हम उनका सामना करेंगे

नई तस्‍वीरों में चीन के एक अन्‍य निर्माण स्‍थल पर भी खाइयां देखी गई हैं. इन सभी जगहों पर सैन्‍य संरचनाओं और परिसरों को देखा सकता है. वहां H के निशान के साथ दो हेलीपैड भी साफ देखे जा सकते हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डोकलाम इलाके में चीन अब सैन्‍य शिविर का निर्माण कर रहा है. (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली : भारत और चीन के बीच डोकलाम इलाके को लेकर कई महीनों तक चले विवाद के बाद अब 'ड्रैगन' ने नई चाल चली है. चीन इस इलाके में अब सैन्‍य शिविर का निर्माण कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नई सैटेलाइट तस्‍वीरों में देखा गया है कि चीन इस विवादित क्षेत्र में सैन्‍य छावनी बना रहा है. इन तस्‍वीरों से साफ है कि भूटान जिस इलाके पर अपना दावा करता है, चीन उसी क्षेत्र में निर्माण कार्य को अंजाम दे रहा है और पूर्व-पश्चिम रोड के किनारे चीन के कई निर्माण देखे जा सकते हैं. बता दें कि डोकलाम में 5 महीने पूर्व 70 दिनों तक भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने थी.

  1. डोकलाम में 5 महीने पूर्व 70 दिनों तक भारत-चीन की सेनाएं आमने-सामने थीं.
  2. सेना को कोई 'गंभीर समस्या' नजर नहीं आ रही- जनरल रावत
  3. कोई गंभीर समस्या नजर नहीं आ रही, लेकिन तैयार रहना चाहिए- बिपिन रावत

नई तस्‍वीरों में दो हेलीपैड भी साफ देखे जा सकते हैं
नई तस्‍वीरों में चीन के एक अन्‍य निर्माण स्‍थल पर भी खाइयां देखी गई हैं. इन सभी जगहों पर सैन्‍य संरचनाओं और परिसरों को देखा सकता है. वहां H के निशान के साथ दो हेलीपैड भी साफ देखे जा सकते हैं.

जनरल रावत ने कहा, चीन ने आधारभूत संरचना विकास से जुड़े कुछ काम किए
उधर, भारत के थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने विवादित क्षेत्र में चीन की ओर से कुछ आधारभूत संरचना विकास के काम करने की खबरों के बीच कहा कि 'उन्होंने (चीन ने) आधारभूत संरचना विकास से जुड़े कुछ काम किए हैं, जोकि ज्यादातर अस्थायी प्रकृति के हैं, लेकिन उनके सैनिक लौट गए हैं और आधारभूत संरचना कायम है, तो कोई अंदाजा ही लगा सकता है कि वे वहां वापस आएंगे या ठंड के कारण वे अपने उपकरण वापस नहीं ले जा सके'. 

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भारत एवं चीन नियमित बातचीत कर रहे हैं- बिपिन रावत
थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आज कहा कि डोकलाम के बाद के घटनाक्रम में सेना को कोई 'गंभीर समस्या' नजर नहीं आ रही, क्योंकि भारत एवं चीन नियमित बातचीत कर रहे हैं और 'सौहार्द' लौट आया है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारत के सुरक्षा बल किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. जनरल रावत ने इस बात पर भी जोर दिया कि पीएलए के सैनिक उत्तरी डोलाम (डोकलाम) इलाके में उतनी बड़ी तादाद में नहीं हैं, जितनी संख्या में वह (भारत-चीन) गतिरोध के वक्त थे. जनरल रावत ने कहा, 'लेकिन हम भी वहां हैं. यदि वे आते हैं तो हम उनका सामना करेंगे'. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच तनाव कम करने का तंत्र काफी अच्छे तरीके से काम कर रहा है.

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कोई गंभीर समस्या नजर नहीं आ रही, लेकिन तैयार रहना चाहिए- सेना प्रमुख
थलसेना प्रमुख ने कहा कि '‘डोकलाम की घटना के बाद हमने सीमा पर तैनात अपने जवानों की बैठक शुरू कर दी है. हम नियमित तौर पर मिल रहे हैं, बातचीत हो रही है, जमीनी स्तर पर कमांडरों के बीच संवाद जारी है और डोकलाम (की घटना) से पहले रहा सौहार्द लौट आया है'. थलसेना प्रमुख ने कहा, 'हमें कोई गंभीर समस्या नजर नहीं आ रही, लेकिन इसके लिए तैयार रहना चाहिए'. 

उल्‍लेखनीय है कि पिछले साल डोकलाम इलाके में भारत और चीन के बीच दो महीने से ज्यादा तक गतिरोध रहा था. अरुणाचल प्रदेश के ट्यूटिंग में भी चीनी लोगों की ओर से सड़क निर्माण की एक घटना सामने आई थी, लेकिन इसे पिछले हफ्ते सुलझा लिया गया था.

(इनपुट भाषा से भी)

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