'जानलेवा हथियार' हैं शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले : अदालत
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'जानलेवा हथियार' हैं शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले : अदालत

दिल्ली की एक अदालत ने शराब के नशे में गाड़ी चलाने के लिए एक युवक को दी गयी तीनों दिनों की कैद की सजा को रद्द करने से इनकार करते हुए कहा कि ऐसे चालक ‘जानलेवा हथियार’ हैं।

नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने शराब के नशे में गाड़ी चलाने के लिए एक युवक को दी गयी तीनों दिनों की कैद की सजा को रद्द करने से इनकार करते हुए कहा कि ऐसे चालक ‘जानलेवा हथियार’ हैं।

अदालत ने कहा कि शराब पीकर गाड़ी चलाना एक बड़ी समस्या बन गयी है जिससे शारीरिक विकलांगता और जान की क्षति पहुंच सकती है और पीड़ितों एवं उनके परिवार वालों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है। साथ ही इससे राष्ट्र की अर्थव्यवस्था के लिहाज से भारी नुकसान भी हो सकता है।

जिला न्यायाधीश रेखा रानी ने दिल्ली के रहने वाले गौरव सिंह की अपील खारिज करते हुए यह सब कहा। सिंह को 15 मई को शराब के नशे में दोपहिया वाहन चलाते पाया गया था। न्यायाधीश ने उसे सजा पूरी करने के लिए हिरासत में लिए जाने का आदेश दिया।

एक रेस्त्रां में काम करने वाले 22 वर्षीय सिंह को एक जिला मजिस्ट्रेट ने तीन दिनों की कैद की सजा और शराब पीकर गाड़ी चलाने एवं चालान के समय वैध लाइसेंस एवं बीमा के कागजात ना दिखा पाने के लिए 3,500 रपए का जुर्माना भी लगाया।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि ‘मानव जीवन अनमोल है और सड़क इस्तेमालकर्ताओं को संविधान के अनुच्छेद 21 द्वारा जीवन एवं आजादी के मौलिक अधिकार की गारंटी मिली है। अदालत ने कहा, राष्ट्रीय अपराध रिकार्डस के अनुसार भारत में होने वाले सड़क हादसों के पीछे शराब पीकर गाड़ी चलाना एक प्रमुख कारण है। संविधान ने स्वतंत्रता और जिम्मेदारी को साथ साथ रखा है। जो जिम्मेदारी का उल्लंघन करते हैं वह स्वतंत्रता का अपना अधिकार खो देते हैं।

 

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