Drugs Case: जेल में भगवान राम-सीता की किताबें पढ़कर वक्त गुजार रहे आर्यन खान!
सूत्रों के हवाले से खबर है कि मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान अपना ज्यादातर समय भगवान राम और माता सीता से जुड़ी किताबें पढ़कर बिताते हैं.
मुंबई: ड्रग्स केस (Drug Case) में गिरफ्तार बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) इस वक्त आर्थर रोड जेल में बंद हैं. लगातार उनकी जमानत को लेकर अर्जियां लगाई जा रही हैं, लेकिन अब तक सफलता हाथ नहीं लगी है. इसी बीच आर्यन से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है.
भगवान राम की किताबें पढ़ रहे आर्यन
आर्थर रोड जेल से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इन दिनों आर्यन खान जेल में भगवान राम और माता सीता की किताब पढ़ रहे हैं. ये दोनों अलग-अलग किताबे हैं. ये माना जाता है कि सिर्फ हिंदू धर्म में ही नहीं बल्कि पूरी मानवता में भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है, जो एक आर्दश पुत्र, आदर्श पिता, आदर्श पति, आदर्श राजा समझे जाते हैं. भगवान राम का आदर्श जीवन किसी भी व्यक्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत होता है. ऐसे में जेल में ट्रायल कैदी के तौर पर बंद शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान का भगवान राम और माता सीता की किताब पढ़ना, ड्रग्स की इस घटना के बाद उनके जीवन पर पढ़े असर की ओर इशारा करता है.
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26 अक्टूबर को मिल सकती है जमानत
बताते चलें कि जेल में बंद किसी भी शख्स के पास ये मौका होता है कि वो जेल ऑथोरिटी से बात करके जेल की लाइब्रेरी से किताबें लेकर पढ़ सकता है. ऐसे में आर्यन ने इस मौके का इस्तेमाल करते हुए अपने लिए कुछ किताबें मंगाई हैं और वो अपना ज्यादा समय इन किताबों को पढ़ने में ही व्यतीत करते हैं. 26 अक्टूबर तक आर्यन खान को जेल में ही रहना है. उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई अगले मंगलवार को बॉम्बे हाई कोर्ट में होगी. लोगों का ऐसा मानना है कि इस बार आर्यन को जमानत मिल सकती है, और वो जेल से बाहर आ सकते हैं. हालांकि मंगलवार को कोर्ट क्या फैसला सुनाती है, इसका सभी को इंतजार रहेगा.
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जेल में कैदियों से मिलने के नियम
जेल अधिकारियों ने ज़ी मीडिया से बातचीत में बताया कि आर्थर रोड जेल के भीतर एक मीटिंग रूम बना हुआ है. इसके अंदर जाने से पहले रिश्तेदार को एक रजिस्टर में अपनी एंट्री करनी होती है और सुरक्षाकर्मियों को अपना पहचान पत्र दिखाना होता है. इसके बाद रिश्तेदार को मुलाकात रूम में जाने की इजाजत मिलती है. मुलाकात रूम में रिश्तेदार अपने साथ मोबाइल फोन या कोई भी सामान लेकर नहीं जा सकता. अधिकारियों ने बताया कि मुलाकात रूम में कैदी और रिश्तेदार के बीच लोहे की एक ग्रिल, और ग्रिल के दोनों तरफ पारदर्शी कांच लगा होता है. कैदी और रिश्तेदार में इंटरकॉम से बातचीत होती है. आपको बता दें कि इस मुलाकात के लिए अदालत से इजाजत लेने की जरूरत नहीं पड़ती.
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