गोविंद तुपे, मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में ड्रग्स के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने औरंगाबाद, नांदेड़ समेत कई जिलों में छापेमारी की है. मुंबई के कई इलाकों में आसानी से ड्रग्स मिल रहा है. सुशांत सिंह राजपूत केस से लेकर आर्यन खान केस तक एंटी नारकोटिक्स सेल और एनसीबी ने मुंबई में करोड़ों रुपये की ड्रग्स बरामद कर कई गिरफ्तारियां की हैं. इसके बावजूद मुंबई शहर के कई इलाकों में ड्रग्स आसानी से उपलब्ध है. नशे के सौदागर युवाओं के खून में ड्रग्स का जहर घोलने पर आमादा है.


अब तक बरामद हुई करीब 3500 किलो ड्रग्स


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मुंबई पुलिस ने पिछले तीन साल में करोड़ों की कीमत की करीब 3500 किलो ड्रग्स पकड़ी है. सुशांत सिंह राजपूत केस से लेकर आर्यन खान केस तक कई बड़ी गिरफ्तारियां भी हुई हैं. लेकिन इन सबके बाद क्या मुंबई में ड्रग्स का धंधा बंद हो गया? इसका पता लगाने के लिए हमारी टीम मुंबई के कई इलाकों में अपने खुफिया कैमरे के साथ पहुंची.


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जानिए ड्रग पैडलर ने क्या-क्या बताया?


ड्रग्स के धंधे का पर्दाफाश करने के लिए सबसे पहले हमारी टीम मानखुर्द के लल्लूभाई कंपाउंड में पहुंची. यहां हम एक मीडिएटर के जरिए पहुंचे जिसने हमें मिलवाया बिलाल नामक शख्स से. जब हमने उससे पूछा कि क्या ड्रग्स मिल जाएगी तो सुनिए उसका जवाब क्या था?


रिपोर्टर- एमडी ड्रग्स का रेट क्या है?


ड्रग पैडलर- एमडी का 1800 रुपये का बुक है.


रिपोर्टर- उसमें कितना होता है?


ड्रग पैडलर- उसमें एक बुक आता है. लेंगे तो समझ में आएगा.


रिपोर्टर- बटन कितने में मिलेगा?


ड्रग पैडलर- बटन 250 रुपये में आता है. तुम बोलो वैसा कर देंगे.


रिपोर्टर- ये क्या है?


ड्रग पैडलर- ये चरस है. हजार रुपये तोला.


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रिपोर्टर- ये क्या है?


ड्रग पैडलर- ये गांजा है?


रिपोर्टर- गांजा कैसा है?


ड्रग पैडलर- ये 150 रुपये की पुड़िया है?



रिपोर्टर- रेट फिक्स है क्या?


ड्रग पैडलर- फिक्स है. भाई कोरोना में तुम्हें सस्ता मिल रहा है और जगह जाओगे तो महंगा मिलेगा.


इसके बाद हमारी टीम गोवंडी के शिवाजीनगर और चेंबुर में पहुंची. वहां भी हमें बड़ी आसानी से ड्रग्स का सौदागर मिल गया. वो पैसे लेकर सब कुछ मुहैया करवाने को तैयार था. आइए आपको बताते हैं कि नशे के मार्केट में किस ड्रग्स का क्या भाव था?


ड्रग्स का रेट कार्ड


एमडी- 1800 रुपये में एक बुक (एक बुक मतलब एक ग्राम सफेद पाउडर, ये सबसे महंगी और तगड़े नशेवाली ड्रग्स मानी जाती है)


चरस- 1000 रुपये में एक अंटा (एक अंटा यानी तीन से चार ग्राम चरस की गोली)


गांजा- 100 से 150 रुपये में एक पुड़िया.


कोको- 250 रुपये में एक बोतल (ये खांसी की दवा है जिस पर बिना प्रेस्क्रिप्शन के बेचने पर प्रतिबंध है)


बटन- 150 रुपये में 6 गोली (ये ऐसा नशा है जिसमें पूरे दिन्न दिमाग सुन्न सा रहता है)


मीनार- 60 रुपये में चार गोलियां (नशे की गोलियां)


हमारे खुफिया कैमरे पर रिकार्ड ये तस्वीरें चौंकाने वाली थी. आपने जाना कि तमाम जांच एजेंसियों की ड्रग्स के खिलाफ मुहिम के बावजूद नशे के सौदागरों को कानून का कोई खौफ नहीं और वो अपने ड्रग्स के धंधे को धड़ल्ले से चला रहे हैं.


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