जर्मनी ने दुर्गा की दुर्लभ मूर्ति लौटाई भारत को
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जर्मनी ने दुर्गा की दुर्लभ मूर्ति लौटाई भारत को

जर्मनी ने जम्मू कश्मीर से दो दशक पहले लापता हुई दसवीं शताब्दी की दुर्गा की एक दुर्लभ मूर्ति भारत को सोमवार को लौटा दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसके लिए जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल का आभार व्यक्त किया। जम्मू-कश्मीर के एक मंदिर से लापता हुई यह मूर्ति जर्मनी के एक संग्रालय में पाई गई थी।

जर्मनी ने दुर्गा की दुर्लभ मूर्ति लौटाई भारत को

नई दिल्ली : जर्मनी ने जम्मू कश्मीर से दो दशक पहले लापता हुई दसवीं शताब्दी की दुर्गा की एक दुर्लभ मूर्ति भारत को सोमवार को लौटा दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसके लिए जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल का आभार व्यक्त किया। जम्मू-कश्मीर के एक मंदिर से लापता हुई यह मूर्ति जर्मनी के एक संग्रालय में पाई गई थी।

भारत की यात्रा पर आईं जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने यहां हैदराबाद हाउस में मोदी को इस मूर्ति को सौंपा।

दसवीं शताब्दी की दुर्गा की यह मूर्ति मर्हिषासुरमर्दिनी अवतार में है। संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मोदी ने मर्केल और जर्मनी के लोगों का इसे भारत को लौटाए जाने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘यह (दुर्गा) बुराई पर विजय का प्रतीक है।’ सरकारी सूत्रों ने बताया कि मर्हिषासुरमर्दिनी को 1990 के दशक में जम्मू कश्मीर के पुलवामा के एक मंदिर से चुरा लिया गया था। इस संदर्भ में एक एफआईआर दर्ज की गई थी।

वर्ष 2012 में एएसआई को खबर मिली कि यह मूर्ति जर्मनी के स्टटगार्ट के लिंडेल संग्रहालय में देखी गई है। इसके बाद केन्द्र सरकार ने इस वापस लाने की प्रक्रिया शुरू की और पिछले साल इस सिलसिले में एएसआई के दो अधिकारियों ने स्टटगार्ट का दौरा भी किया।

इस मूर्ति के भारत का होने के साक्ष्य के रूप में एफआईआर को पेश किया गया और सरकार ने जर्मनी के संबंधित प्राधिकार के समक्ष इस मामले को रखा। ऐसा संदेह है कि इस मूर्ति की विदेश में तस्करी किए जाने में भारतीय कलाकृतियों के कुख्यात सौदागर सुभाष कपूर का हाथ है। कपूर को 2011 में जर्मनी में गिरफ्तार किया गया था।

 

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