नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बीच देश कई आपदाओं से जूझ रहा है. अब हरियाणा के रोहतक में भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 2.4 मापी गई है. अभी तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं मिली है. 


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जम्मू कश्मीर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.0 है. ये भूकंप कटरा से 84 किलोमीटर पूर्व में आया. 



बता दें कि कोरोना महामारी के बाद से देश में कई भूकंप (Earthquake) आए हैं. हरियाणा में ऐसा कई बार हुई है. दिल्ली भी हरियाणा से सटा हुआ ही है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या दिल्ली कोरोना महामारी के बीच भूकंप के झटकों को झेल सकता है? 


इस सवाल का जवाब ये है कि भूकंप के झटकों को झेलने के लिए दिल्ली (Delhi) तैयार नहीं है. नॉर्थ, साउथ और ईस्ट तीनों एमसीडी ने 30 साल या इससे ज्यादा पुरानी हाई-राइज बिल्डिंगों को नोटिस जारी किया था, अब उनमें से कुछ की ऑडिट रिपोर्ट आई है और ये रिपोर्ट काफी चौंकाने वाली है. इसमें 90 प्रतिशत बिल्डिंगों के बीम और कॉलम में दरार पाई गई है. ये इमारतें भूकंप के तेज झटकों को नहीं झेल सकती हैं. साउथ और नॉर्थ एमसीडी ने अभी तक करीब 100-100 और ईस्ट एमसीडी ने 66 इमारतों को नोटिस जारी किया है.


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बता दें कि साउथ एमसीडी ने नेहरू प्लेस में बने 16 मंजिला मोदी टावर, 17 मंजिला प्रगति देवी टावर, 15 मंजिला अंसल टावर, 17 मंजिला हेमकुंट टावर को स्ट्रक्चरल ऑडिट के लिए नोटिस जारी किया है. आश्रम चौक पर बनी नैफेड बिल्डिंग, सफदरजंग एन्क्लेव एरिया में स्थित कमल सिनेमा और जनकपुरी के भारती कॉलेज को भी नोटिस जारी किया गया है.


कुल मिलाकर साउथ एमसीडी एरिया में करीब 100 बिल्डिंगों को नोटिस जारी किया गया है, जिनमें ग्रुप हाउसिंग सोसायटी, स्कूल और कॉमर्शियल बिल्डिंग्स हैं. नॉर्थ एमसीडी ने भी 6 जोन में करीब 100 ऐसी बिल्डिंगों को नोटिस जारी किया है. इसके अलावा ईस्ट एमसीडी द्वारा 66 बिल्डिंगों को नोटिस जारी किया गया है.


दिल्ली में कुछ इलाके तो ऐसे हैं जहां बनी इमारतों को देखकर आप डर जाएंगे. कॉलोनी में आपको कोई एक घर ऐसा नजर नहीं आएगा जिसमें दरारें ना हों. आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर भूकंप के तेज झटके आते हैं तो इन इमारतों और इसमें रहने वाले लोगों का क्या हाल होगा.