बंगाल: भ्रष्ट डॉक्टर ने डेथ सर्टिफिकेट के लिए मांगी रिश्‍वत, इंश्योरेंस क्लेम में भी चाहिए हिस्सा
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बंगाल: भ्रष्ट डॉक्टर ने डेथ सर्टिफिकेट के लिए मांगी रिश्‍वत, इंश्योरेंस क्लेम में भी चाहिए हिस्सा

मिदनापुर के पानीपारुल सरकारी अस्पताल में एक शख्स की इलाज के दौरान मौत हो जाती है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया जाता है. अस्पताल के डॉक्टरों ने डेथ सर्टिफिकेट जारी करने के लिए पीड़ित से एक हजार रुपये की मांग की. 

प्रतीकात्मक.

नई दिल्ली: अगर किसी को डेथ सर्टिफिकेट चाहिए तो सरकारी अस्पताल के डॉक्टर को 1000 रुपये देने होंगे. वहीं, अगर किसी मरे हुए शख्स का लाइफ इंश्योरेंस के जरूरी कागजात की जरूरत होगी, तो अस्पताल प्रबंधन क्लेम की राशि का 10 फीसदी मांगता हैा. अगर उनको हिस्सा नहीं मिला तो वे सर्टिफिकेट ही जारी नहीं करेंगे. यह पढ़ने में अजीब लग रहा होगा, लेकिन पश्चिम बंगाल में सरकारी अस्पतालों की हालत कुछ ऐसी ही है.

ताजा मामला ईस्ट मिदनापुर के एग्रा थाने का है. यहां पानीपारुल सरकारी अस्पताल है जहां एक शख्स की इलाज के दौरान मौत हो जाती है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया जाता है. अस्पताल के डॉक्टरों ने डेथ सर्टिफिकेट जारी करने के लिए पीड़ित से एक हजार रुपये की मांग की. डॉक्टरों को जब पता चलता है कि मृत व्यक्ति का इंश्योरेंस हुआ है तो क्लेम की राशि में भी 10 फीसदी की मांग की. बता दें, डेथ सर्टिफिकेट के बिना क्लेम नहीं किया जा सकता है. 

इस मामले की खबर आसपास के क्षेत्र में सभी को हो गई है. हर कोई डॉक्टर की इस हरकत से सकते में हैं. पीड़ित परिवार का कहना है कि हम गरीब लोग हैं, लेकिन डॉक्टरों ने हमारी एक भी नहीं सुनी. 300 रुपये देकर उसे सफेद पेपर डेथ सर्टिफिकेट बना कर दे दिया गया है. इस बात की पूरी संभावना है कि इंश्योरेंस कंपनी इस पेपर की वैलिडिटी पर सवाल उठाये और क्लेम का पैसा देने से मना कर दे.

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