EC ने कड़ी चेतावनी देकर कही ये बात
आदेश में कहा गया है कि चुनाव आयोग ने घोष को कड़ी चेतावनी दी है, और उन्हें आदर्श आचार संहिता लागू होने के दौरान सार्वजनिक टिप्पणी करते समय इस तरह के बयान देने से परहेज करने की सलाह दी. पाबंदी 15 अप्रैल के शाम सात बजे से 16 अप्रैल के शाम सात बजे तक प्रभावी होगी. इस दौरान घोष प्रचार नहीं कर पाएंगे. आदेश में कहा गया कि घोष ने ‘काफी भड़काऊ टिप्पणी की जिससे कानून-व्यवस्था पर गंभीर असर पड़ सकता है और इससे चुनाव प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है.’
TMC की शिकायत पर EC ने की कार्रवाई
गौरतलब है कि आयोग ने मंगलवार को घोष के कथित बयान के लिए उन्हें नोटिस जारी किया था. सीतलकूची में मतदान के दौरान केंद्रीय बलों की गोलीबारी में चार लोगों की मौत के बाद घोष ने यह टिप्पणी की थी. जिसके बाद तृणमूल कांग्रेस ने घोष के बयान के खिलाफ निर्वाचन आयोग का रुख किया था. नोटिस में घोष की कथित टिप्पणी का जिक्र किया गया है, ‘अगर कोई हद पार करेगा तो आपने सीतलकूची में देख लिया कि क्या हुआ. कई जगहों पर सीतलकूची जैसी घटना होगी.’
ये भी पढ़ें:- मोस्ट अवेटेड इलेक्ट्रिक स्कूटर Chetak की हुई वापसी, 2000 रुपये में ऐसे करें बुकिंग
'TMC नेताओं ने बनाया डर का माहौल'
नोटिस के जवाब में घोष ने कहा, 'पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान हिंसा की घटनाएं हुई है.' घोष ने अपने जवाब में आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं द्वारा डर और खौफ का माहौल बनाया गया है जिससे पारदर्शी, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव की प्रक्रिया बाधित हुई है. घोष ने कहा कि पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते उनका फर्ज है कि वह अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ खड़ा रहें और मतदाताओं को बेखौफ होकर मतदान करने के लिए प्रेरित करें.
ये भी पढ़ें:- पुलिस के सामने 'गैस' छोड़ना शख्स को पड़ा भारी, मिली ये सजा
अपने बयान पर घोष ने जताया खेद
साथ ही कहा कि आचार संहिता, निर्वाचन कानून या भारतीय दंड संहिता की अवज्ञा वाला बयान देने की कभी उनकी मंशा नहीं थी. घोष ने आयोग से कहा कि वह गड़बड़ी पैदा करने वाले और कानून-व्यवस्था पर नकारात्मक असर डालने वाले बदमाशों और असमाजिक तत्वों को नसीहत देना चाहते थे. घोष ने अपने बयान के लिए खेद भी जताया है.
LIVE TV