Election Commission की नेताओं को चेतावनी, Corona Guidelines नहीं मानी तो रैलियों पर लगा दिया जाएगा Ban
चुनाव आयोग ने अपने पत्र में लिखा है कि प्रचार के दौरान या मंच पर भी मास्क पहनने के नियमों का पालन नहीं हो रहा है, जो पूरी तरह गलत है. नियमों का उल्लंघन करने वाले नेताओं और उम्मीदवारों के साथ चुनावी सभा में बड़ी संख्या में हिस्सा लेने वाले लोगों के भी संक्रमित होने का खतरा बना रहता है.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते मामलों के बीच चुनावी रैलियों में कोरोना नियमों की उड़ती धज्जियों को लेकर राजनीतिक दल आम जनता के निशाने पर हैं. अब चुनाव आयोग (Election Commission) ने भी इस मामले में सख्त रुख अख्तियार किया है. आयोग ने चुनाव प्रचार के दौरान स्टार प्रचारकों, नेताओं के मास्क (Mask) नहीं पहनने को लेकर सख्त हिदायत दी है. EC ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि यदि राजनीतिक दल कोरोना गाइडलाइंस (Corona Guidelines) का पालन नहीं करेंगे, तो उनकी सार्वजनिक बैठकों और रैलियों पर बैन लगा दिया जाएगा.
निर्देशों का नहीं हो रहा पालन
चुनाव आयोग ने सभी मान्यता प्राप्त दलों को लिखे पत्र में कहा है कि पिछले साल COVID-19 को लेकर जारी निर्देशों का गंभीरता से पालन किया जाना चाहिए. पत्र में आगे कहा गया है, ‘COVID-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और आयोग ने यह पाया है कि चुनावी बैठकों, प्रचार के दौरान आयोग के निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क जैसे नियमों की अवहेलना हो रही है’.
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Virus के प्रकोप का खतरा
पत्र में स्टार प्रचारकों, नेताओं या उम्मीदवारों द्वारा कोरोना संबंधी नियमों का पालन नहीं किए जाने का उल्लेख किया गया है. EC ने लिखा है कि प्रचार के दौरान या मंच पर भी मास्क पहनने के नियमों का पालन नहीं हो रहा है, जो पूरी तरह गलत है. नियमों का उल्लंघन करने वाले नेताओं और उम्मीदवारों के साथ चुनावी सभा में बड़ी संख्या में हिस्सा लेने वाले लोगों के भी संक्रमित होने का खतरा बना रहता है.
Court ने भेजा था नोटिस
चुनाव आयोग ने कहा कि उल्लंघन होने पर वह संबंधित उम्मीदवारों, स्टार प्रचारकों या नेताओं की जनसभाओं, रैलियों पर रोक लगाने से नहीं हिचकिचाएगा. गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव प्रचार के दौरान मास्क पहनने को लेकर दायर एक याचिका पर चुनाव आयोग और केंद्र को नोटिस भेजा था. कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होगी. याचिकाकर्ता ने ऐसे प्रचारकों और प्रत्याशियों को विधानसभा चुनावों में प्रचार से रोकने का अनुरोध किया है, जो COVID गाइडलाइन का बार-बार उल्लंघन कर रहे हैं.
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