ED ने IAF Pilatus विमान मनी लॉन्ड्रिंग केस में 14 जगहों पर की छापेमारी, जानिए पूरा मामला
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ED ने IAF Pilatus विमान मनी लॉन्ड्रिंग केस में 14 जगहों पर की छापेमारी, जानिए पूरा मामला

प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने शुक्रवार (7 अगस्त) को भारतीय वायुसेना  (India air force) के लिए खरीदे गए 75 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट  (Pilatus basic trainer aircraft) की खरीद में भ्रष्टाचार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कई ठिकानों पर छापेमारी की है.

ED ने IAF Pilatus विमान मनी लॉन्ड्रिंग केस में 14 जगहों पर की छापेमारी, जानिए पूरा मामला

नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने शुक्रवार (7 अगस्त) को भारतीय वायुसेना  (India air force) के लिए खरीदे गए 75 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट  (Pilatus basic trainer aircraft) की खरीद में भ्रष्टाचार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कई ठिकानों पर छापेमारी की है. ईडी ने दिल्ली, गुरुग्राम और सूरत में कम से कम 14 ठिकानों पर छापेमारी की है.  ED के अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली में 12, गुरुग्राम और सूरत में एक-एक जगह पर रेड डाली है. उन्होंने बताया कि ED ने इस डील की जांच के लिए मनी लॉन्ड्रिंग (Money laundering law) का मामला दर्ज किया है. ईडी द्वारा की जा रही ये कार्रवाई धनशोधन रोकथाम कानून (Prevention of Money Laundering) के तहत सबूत जुटाने के लिए की जा रही है. 


  1. ED के ये छापे रॉबर्ट वाड्रा के करीबी संजय भंडारी के ठिकानों पर मारे गए हैं
  2. सीबीआई ने अज्ञात वायुसेना और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों 
  3. CBI ने जून 2019 में एयरफोर्स को 75 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट दिलाने के नाम पर कमीशन लेने के आरोप का मामला दर्ज किया था

ED के ये छापे रॉबर्ट वाड्रा के करीबी संजय भंडारी के ठिकानों पर मारे गए हैं. बता दें कि ईडी ने संजय भंडारी को भगोड़ा घोषित करवाने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की है. दरअसल, यह केस एयरफोर्स के बेसिक ट्रेनर विमानों की खरीदारी से जुड़े फर्जीवाडे और उसकी कीमत में हुई अनियमितता से जुड़ा है. इस डील के लिए स्विट्जरलैंड की कंपनी पिलेट्स एयरक्राफ्ट लिमिटेड (pilatus aircraft ) सहित उसके कई अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. सीबीआई ने भी इस केस को लेकर एक FIR दर्ज की है. 

CBI ने डीलर संजय भंडारी सहित स्विट्जरलैंड की कंपनी पिलेट्स एयरक्राफ्ट लिमिटेड (Pilatus Aircrafts Ltd) के साथ रक्षा मंत्रालय और भारतीय वायु सेना के अज्ञात अधिकारियों और संजय भंडारी के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इससे पहले सीबीआई पिछले साल जून में 2,895 करोड़ के पिलाटस सौदे में एक आपराधिक केस दर्ज कर चुकी है.  सीबीआई के अनुसार, वायु सेना ने 75 मूल प्रशिक्षक विमानों की खरीद के लिए 16 दिसंबर, 2009 को एक करार किया था.  

CBI ने जून 2019 में एयरफोर्स को 75 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट दिलाने के नाम पर कमीशन लेने के आरोप में FIR दर्ज की थी. सीबीआई के मुताबिक 339 करोड़ रुपये तक की रिश्वत का भुगतान कुछ अज्ञात वायुसेना और रक्षा मंत्रालय ( Defence Ministry) के अधिकारियों को प्रभावित करने के लिए किया गया था, जो खरीद प्रक्रिया से जुड़े थे. सीबीआई का आरोप है कि स्विट्जरलैंड की पिलेट्स एयरक्राफ्ट लिमिटेड सौदे के लिए बोली लगाने वालों में से एक थी, जिसने डिफेंस प्रोक्योरमेंट का उल्लंघन करते हुए जून 2010 में सर्विस प्रोवाइडर एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करके बिमल सरीन और भंडारी के साथ आपराधिक साजिश रची थी.  गौरतलब है कि साल 2009 में हुए इस करार के लिए Pilatus Aircrafts Ltd ने बोली लगाई थी. इसी मामले की जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारियां ईडी को मिली हैं जिसके बाद 14 जगहों पर रेड डाली गई है.

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