रेलवे होटल घोटाला: मनी लॉन्ड्रिंग केस में लालू प्रसाद के दूसरे दामाद राहुल पर ED का शिकंजा
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रेलवे होटल घोटाला: मनी लॉन्ड्रिंग केस में लालू प्रसाद के दूसरे दामाद राहुल पर ED का शिकंजा

एजेंसी ने राहुल यादव के खाते से उनकी सास और लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी के खाते में ‘धन का संदिग्ध अंतरण’ पाया है.

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने रेलवे होटल आवंटन घोटाला मामले में धन शोधन के आरोपों की अपनी जांच के सिलसिले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद के एक अन्य दामाद राहुल यादव को अब तलब किया है. एजेंसी ने राहुल यादव के खाते से उनकी सास और लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी के खाते में ‘धन का संदिग्ध अंतरण’ पाया है. इससे लालू प्रसाद के परिवार पर संकट और गहरा गया है. राहुल यादव लालू की चौथी बेटी रागिनी के पति हैं. एजेंसी सूत्रों ने बताया कि उन्हें बुधवार (17 जनवरी) को यहां मामले के जांच अधिकारी के पास बयान दर्ज कराने के लिये तलब किया गया है.

  1. राहुल यादव लालू की चौथी बेटी रागिनी के पति हैं.
  2. 2017 जुलाई में लालू प्रसाद, उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था.
  3. दामाद राहुल पर रेलवे होटल आवंटन घोटाला मामले में धन शोधन का आरोप.

एजेंसी धन शोधन के एक अन्य मामले में लालू प्रसाद के एक अन्य दामाद और मीसा भारती के पति शैलेश कुमार की भूमिका की पहले ही जांच कर रही है. यह मामला एक फर्म-मेसर्स मिशैल पैकर्स एंड प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड की कथित दागदार संपत्तियों की खरीद से संबंधित है. इस फर्म का संबंध राजद की राज्यसभा सदस्य मीसा और उनके पति शैलेश कुमार से है. उन्होंने बताया कि नये सम्मन के जरिये ईडी तकरीबन एक करोड़ रुपये के अंतरण के बारे में राहुल यादव से स्पष्टीकरण चाहती है. इसके अलावा वह इस मामले में घिरी कंपनी-डिलाइट मार्केटिंग से संबंधित कुछ अन्य सवालों के जवाब चाहती है.

केंद्रीय जांच एजेंसी ने इससे पहले राबड़ी देवी और उनके पुत्र तेजस्वी यादव से इस मामले में पूछताछ की थी. तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार की पिछली महागठबंधन की सरकार में उप मुख्यमंत्री थे. नीतीश ने बाद में राजद के साथ संबंध तोड़ लिया था और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली थी.

ईडी ने पिछले साल जुलाई में लालू प्रसाद, उनके परिवार के सदस्यों और अन्य के खिलाफ धन शोधन निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. उससे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक प्राथमिकी दर्ज की थी और लालू प्रसाद और अन्य की संपत्तियों की कई जगह तलाशी ली थी.

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