भारतीय हमेशा से ही सौहार्द में रहते आए हैं : टाटा
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भारतीय हमेशा से ही सौहार्द में रहते आए हैं : टाटा

देश के प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा ने रविवार को कहा कि भारतीय हमेशा से ही सौहार्द में रहते आए हैं तथा शिक्षा व रोजगार संतुष्टि असहिष्णुता की बढ़ती घटनाओं पर काबू पाने में मददगार होगी। टाटा ने यहां कहा, ‘शिक्षा व रोजगार संतुष्टि ऐसे मुद्दे हैं जो कि असहिष्णुता को समाप्त करने या घटाने में मददगार होंगे क्योंकि इसकी जगह ज्ञान ले लेगा।’

भारतीय हमेशा से ही सौहार्द में रहते आए हैं : टाटा

मुंबई : देश के प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा ने रविवार को कहा कि भारतीय हमेशा से ही सौहार्द में रहते आए हैं तथा शिक्षा व रोजगार संतुष्टि असहिष्णुता की बढ़ती घटनाओं पर काबू पाने में मददगार होगी। टाटा ने यहां कहा, ‘शिक्षा व रोजगार संतुष्टि ऐसे मुद्दे हैं जो कि असहिष्णुता को समाप्त करने या घटाने में मददगार होंगे क्योंकि इसकी जगह ज्ञान ले लेगा।’

टाटा ने यहां अमेरिका स्थित गैर सरकारी संगठन खान अकेडमी के साथ गठजोड़ की घोषणा की। इस अवसर पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘हमारा देश सौहार्द से रहा है...हमें साथ काम करना है, हमें साथ रहना है और इसके लिए हमें अपने चारों तरफ की दुनिया में बढ़ती असहिष्णुता में योगदान नहीं करना है।’

उल्लेखनीय है कि गोमांस रखने के संदेह में सितंबर में दादरी (उत्तर प्रदेश) में एक मुस्लिम व्यक्ति की हत्या कर, एम एम कुलबर्गी जैसे तर्कशील समर्थकों की हत्या जैसी घटनाओं से राष्ट्रीय स्तर पर इस बहस ने जोर पकड़ा है कि क्या देश में सहिष्णुता में कमी आई है।

टाटा ने हालांकि इस बहस में औपचारिक रूप से शामिल होने से इनकार किया। अब तक राष्ट्रप्ति प्रणब मुखर्जी, रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन, इन्फोसिस के संस्थापक एन नारायणमूर्ति व बायकान की प्रमुख किरण मजूमदार शॉ जैसी हस्तियां इस मुद्दे को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज करा चुकी हैं। इस मुद्दे पर अनेक फिल्म निर्माता, लेखक व अकादमिक हस्तियों ने विरोध जताया है। अनेक लोग सरकारी पुरस्कार भी लौटा चुके हैं।

टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने कहा, ‘मैं असहिष्णुता के मुद्दे में नहीं पड़ना चाहता जैसा कि इसे इस समय देश में टेलीविजन पर दिखाया जा रहा है।’ खान अकादमी के मुख्य कार्यकारी सलमान खान ने भी कहा कि असहिष्णुता नहीं बढ़े यह सुनिश्चित करने में शिक्षा प्रमुख कुंजी होगी। सलमान खान का संबंध भारत से ही है और उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा ही खुाद को ‘बहुत ही सहिष्णु स्थल’ के रूप में दिखाया है।

 

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