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Uddhav Thackeray freaked out At EC: चुनाव आयोग (ईसी) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला पार्टी गुट को असली शिवसेना घोषित किया और उसे 'धनुष और तीर' चिन्ह आवंटित किया. इसके बाद से उद्धव ठाकरे और उनके समर्थक बौखलाए हुए हैं. शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्हें अब शीर्ष चुनाव निकाय पर भरोसा नहीं है. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग को "चुनाव चूना आयोग" कहा जाना चाहिए.
ठाकरे ने मराठी भाषा दिवस के अवसर पर पार्टी के एक कार्यक्रम में कहा, "चुनाव आयोग फर्जी है. इसे 'चुनाव चूना आयोग' कहा जाना चाहिए. हमने इसमें भरोसा खो दिया है." शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा कि चुनाव आयोग को पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर अपना फैसला नहीं देना चाहिए था, जब सुप्रीम कोर्ट में इससे जुड़ी सुनवाई चल रही थी.
आज बिर्ला मातोश्री सभागृह,मुंबई येथे स्थानीय लोकाधिकार समिती महासंघाच्या सुवर्णमहोत्सवी वर्षानिमित्त मराठी भाषा गौरव दिनी आयोजित 'मराठी भाषा दिवस' कार्यक्रम संपन्न झाला. या कार्यक्रमात पक्षप्रमुख श्री. उद्धवसाहेब ठाकरे यांनी उपस्थितांशी संवाद साधला. pic.twitter.com/ySniMN0TLl
— ShivSena - शिवसेना Uddhav Balasaheb Thackeray (@ShivSenaUBT_) February 27, 2023
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने पार्टी के संस्थापक दिवंगत रामविलास पासवान के बेटे चिराग और पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के गुटों को शिवसेना की तरह के विवाद में एक-एक सिंबल दिया था. हालांकि, दोनों गुट इस पर चुप हैं क्योंकि वे सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ हैं.
एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक ढोंगी हैं: उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे और उनके समर्थकों पर भी हमला किया और कहा कि वे "रेंगने वाले" थे जो खुद को मेजबान वृक्ष समझने लगे थे. शिंदे समूह पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए ठाकरे ने कहा कि जिनके पास मूल्य नहीं हैं वे चोरी का सहारा लेते हैं.
शिंदे ने पिछले साल जून में ठाकरे के खिलाफ बगावत की थी, जिसने शिवसेना को विभाजित कर दिया और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को गिरा दिया. जिसमें शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस भी शामिल थी.
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(एजेंसी इनपुट के साथ)