बीजेपी ने चुनाव आयोग के साथ सर्वदलीय बैठक में कहा कि वह संसद में महिला आरक्षण विधेयक पेश किये जाने के बारे में भी आशावादी है.
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नई दिल्ली : बीजेपी ने कहा कि चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों के चुनाव खर्च की सीमा तय करने की जगह बेहतर पारदर्शिता पर विचार करना चाहिए. बीजेपी ने चुनाव आयोग के साथ सर्वदलीय बैठक में यह भी कहा कि वह संसद में महिला आरक्षण विधेयक पेश किये जाने के बारे में भी आशावादी है.
इसमें कहा गया है कि राजनीतिक दलों के राजनीतिक प्रचार अभियान एजेंडा आधारित और दृष्टि पत्रों से मार्गदर्शित होते हैं. अगर इसे किसी भी रूप में सीमित किया गया तो यह निश्चित तौर पर जाति और व्यक्तिगत प्रभाव आधारित राजनीति को प्रोत्साहित करेगा. इसलिए, चुनाव आयोग खर्च को सीमित करने की जगह बेहतर पारदर्शिता पर विचार कर सकता है. बीजेपी का प्रतिनिधित्व पार्टी महासचिव भूपेंद्र यादव ने किया.
कांग्रेस ने राजनीतिक दलों के चुनाव खर्च की सीमा तय करने का समर्थन किया है.
बाद में जारी एक वक्तव्य के अनुसार बीजेपी ने यह भी कहा कि किसी राजनीतिक दल का अभियान चुनाव में भागीदारी के लिए मतदाताओं को प्रोत्साहित और प्रभावित करता है. बीजेपी ने कहा कि 20,000 रुपये से अधिक के सभी चंदे अब रिपोर्ट हो रहे हैं तो धन और खर्चे के उनके स्रोतों को रिपोर्ट करना उम्मीदवारों और दलों पर छोड़ा जाना चाहिये.
पार्टी ने कहा कि राजनीतिक दल अपने वोटिंग समर्थन आधार और सदस्यता के आधार पर चंदा जुटाते हैं. कॉरपोरेट और धनवान लोगों का चंदा और क्राउड फंडिंग उसके वोटर आधार का नतीजा है. बीजेपी ने हालांकि कहा कि किसी राजनैतिक दल के खर्च की सीमा के मुद्दे पर कई कारकों को ध्यान में रखते हुए व्यापक चर्चा होनी चाहिये.