Congress CWC Meeting: हालिया चुनाव में बुरी तरह हारने के बाद अब कांग्रेस आत्ममंथन के दौर में है. शुक्रवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हमें तुरंत चुनावी नतीजों से सबक लेते हुए संगठन के स्तर पर अपनी सभी कमजोरियों और खामियों को दुरुस्त करने की जरूरत है, ये नतीजे हमारे लिए संदेश हैं. इस बैठक में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और वायनाड से लोकसभा सांसद प्रियंका गांधी भी मौजूद रहे. लेकिन ये दोनों ही बीच बैठक में ही निकल गए. अब इसे लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.


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'बयानबाजी हमें पहुंचाती है नुकसान'


वहीं मल्लिकार्जुन खड़गे ने बैठक में कहा, आपसी एकता की कमी और एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी हमें काफी नुकसान पहुंचाती है. जरूरी है कि हम सख्ती से अनुशासन का पालन करें और एकजुट रहें. इसके बाद कांग्रेस CWC की बैठक से निकले दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि राजधानी में आम आदमी पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा. पार्टी सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. साल 2025 में दिल्ली विधानसभा चुनाव होने हैं. 


'लेने होंगे कठोर फैसले'


खरगे ने महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों में हार को पार्टी के लिए बड़ा झटका करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि अब जवाबदेही तय करने के साथ ही कठोर फैसले लेने होंगे. उन्होंने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में यह भी कहा कि पार्टी नेताओं को अनुशासन का सख्ती से पालन करना चाहिए और पार्टी को पुराने ढर्रे की राजनीति से हर बार सफलता नहीं मिल सकती.


चुनावों में कांग्रेस को मिली करारी हार 


खरगे ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) ने चुनावी प्रक्रिया को संदिग्ध बना दिया है और ऐसे में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करवाना निर्वाचन आयोग का संवैधानिक दायित्व है.  कांग्रेस और उसके सहयोगियों को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है. इससे पहले उसे हरियाणा में भी आश्चर्यजनक हार का सामना करना पड़ा था. खरगे ने कई प्रदेशों में पार्टी के भीतर गुटबाजी की ओर इशारा करते हुए कहा, 'सबसे अहम बात जो मैं बार-बार कहता हूं कि आपसी एकता की कमी और एक-दूसरे के ख़िलाफ़ बयानबाजी हमें काफी नुकसान पहुंचाती है.' खरगे ने कहा, 'जब तक हम एक हो कर चुनाव नहीं लड़ेंगे, आपस में एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी का सिलसिला बंद नहीं करेंगे, तो अपने विरोधियों को राजनीतिक शिकस्त कैसे दे सकेंगे? 


'माहौल हमारे पक्ष में था लेकिन...'


खरगे ने कहा, 'चुनावों में माहौल हमारे पक्ष में था. लेकिन केवल माहौल पक्ष में होना भर जीत की गारंटी नहीं. हमें माहौल को नतीजों में बदलना सीखना होगा. क्या कारण है कि हम माहौल का फ़ायदा नहीं उठा पाते?' उन्होंने इस बात पर जोर दिया, 'हमें पर्याप्त मेहनत करने के साथ समयबद्ध तरीके से रणनीति बनानी होगी. हमें अपने संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करना होगा. हमें मतदाता सूची बनाने से लेकर वोट की गिनती तक रात-दिन सजग, सचेत और सावधान रहना होगा. हमारी तैयारी आरंभ से मतगणना तक ऐसी होनी चाहिए कि हमारे कार्यकर्ता और ‘सिस्टम’ मुस्तैदी से काम करें.'