नई दिल्लीः देश के 11वें ज्योर्तिलिंगा श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने की तारीख का ऐलान हो चुका है. कोरोना काल के प्रकोप के दौरान भी केदारनाथ धाम में भक्तों का कापी आना-जाना लगा रहा. हालांकि अब मंदिर बंद होने में कुछ दिन शेष रह गए हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सर्दियों के मौसम को ध्यान में रखते हुए केदारनाथ धाम के कपाट 16 नवंबर 2020 को बंद हो जाएंगे. 


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भगवान केदारनाथ के कपाट 16 नवंबर को सुबह 8:30 बजे बंद होने वाले हैं. द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर (Madmaheshwar) के कपाट 19 नवंबर को सुबह 7:30 बजे बंद होंगे. वहीं, तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ (Tungnath) के कपाट 4 नवंबर को सुबह 11:30 बजे ही बंद किए जाएंगे.


इन धामों के भी जल्द बंद होंगे कपाट
श्री बद्रीनाथ धाम (Badrinath Temple) के कपाट 19 अक्टूबर दोपहर 3 बजकर 35 मिनट पर बंद किए जाएंगे. दोनों मंदिरों के दर बंद होने की तिथि पूरे विधि-विधान से ज्योतिषीय गणना/पंचांग गणना (astrological calculation) के बाग घोषित की गई है. शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर और मार्कण्डेय तीर्थ मक्कूमठ में यह घोषणा की गई है. वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट 16 नवंबर को भैयादूज पर्व पर दोपहर 12.15 बजे शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे. 


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उत्तराखंड के प्रसिद्ध धाम में हर रोज जा सकते 3000 श्रद्धालु
इस बार उत्तराखंड (Uttarakhand) के प्रसिद्ध धाम, बदरीनाथ और केदारनाथ के दर्शन की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को बढ़ाया गया है. अब हर रोज 3,000 यात्री कर मंदिर के दर्शन कर सकते हैं. उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड (Uttarakhand Char Dhaam Devasthanam Board) के आदेश के अनुसार, गंगोत्री धाम (Gangotri Dham) के लिए श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या 900 और यमुनोत्री धाम (Yamunotri Dham) के लिए 700 कर दी गई है. हेलीकॉप्टर सेवा के इस्तेमाल से इन धामों का दर्शन करने आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या इसमें शामिल नहीं है. ऐसे में