केंद्र सरकार ने कोरोना काल में नई रोजगार योजना को मंजूरी दे दी है. रोजगार योजना के तहत केंद्र सरकार एक अक्टूबर 2020 को या उसके बाद और 30 जून, 2021 तक शामिल सभी नए कर्मचारियों को दो वर्ष की अवधि के लिए सब्सिडी प्रदान करेगी.
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नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कोरोना काल में नई रोजगार योजना को 22,810 करोड़ रुपए के व्यय की मंजूरी दी है. इस योजना का मकसद कंपनी जगत को नई नियुक्तियों के लिए प्रोत्साहित करना है. श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने बुधवार (9 दिसंबर) को कहा इस बारे में जानकारी दी है. गंगवार ने कहा ‘आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना’ (Atmanirbhar Bharat Rojgar Yojana) के तहत सरकार दो साल तक कंपनियों और अन्य इकाइयों द्वारा की गई नई नियुक्तियों के लिए EPF में कर्मचारी और नियोक्ता (Employees and Employers) दोनों की ओर से अंशदान करेगी. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 2023 तक 22,810 करोड़ रुपए खर्च होंगे और इससे करीब 58.5 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा.
15 हजार से कम मासिक वेतन पाने वालों को मदद
श्रम मंत्री ने कहा, 'कोविड-19 महामारी के बीच आत्मनिर्भर भारत योजगार योजना न सिर्फ नए रोजगार सृजन की ओर आवश्यक प्रोत्साहन दे रही है बल्कि सीधे उद्योगों के रूप में उन्हें वित्तीय मदद पहुंचाने का भी काम किया जा रहा है. गंगवार ने बताया, 'इस योजना के तहत हमने उन कर्मचारियों को चुना हैं, जिनका मासिक वेतन 15,000 रुपए से कम है. इस योजना के माध्यम से हम गरीब कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बताने का काम करते हैं. यह योजना उन सब पर लागू होगी, जो 1 अक्टूबर, 2020 से 30 जून 2021 तक नौकरी पर रखे जाएंगे. इनका 24 फीसद ईपीएफ अंशदान सरकार देगी.'
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1 अक्टूबर से शामिल होने वाली कर्मचारियों को मिलेगी सब्सिडी
इस योजना अवधि में लगभग 58.5 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलने की संभावना है. रोजगार योजना के तहत केंद्र सरकार एक अक्टूबर 2020 को या उसके बाद और 30 जून, 2021 तक शामिल सभी नए कर्मचारियों को दो वर्ष की अवधि के लिए सब्सिडी प्रदान करेगी. आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘जिस कंपनी में 1000 कर्मचारी हैं वहां केन्द्र सरकार दो वर्ष की अवधि के लिए 12 प्रतिशत कर्मचारी योगदान और 12 प्रतिशत नियोक्ता योगदान वेतन भत्तों का 24 प्रतिशत ईपीएफ में योगदान देगी.’’