'कोरोना वैक्सीन' की रेस में अब इस अमेरिकी कंपनी की हुई एंट्री, सबको पीछे छोड़ किया ये दावा
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'कोरोना वैक्सीन' की रेस में अब इस अमेरिकी कंपनी की हुई एंट्री, सबको पीछे छोड़ किया ये दावा

बाजार पर पकड़ और दुनिया को पहली कोरोना वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) देने का खिताब हासिल करने की होड़ में फिलहाल ताबड़तोड़ घोषणाओं का दौर चल रहा है.

प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली: बाजार पर पकड़ और दुनिया को पहली कोरोना वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) देने का खिताब हासिल करने की होड़ में फिलहाल ताबड़तोड़ घोषणाओं का दौर चल रहा है. अमेरिका की 'फाइजर' और रुस की 'स्पूतनिक वी' के बाद अब अमेरिकी फार्मा कंपनी 'मॉडर्ना' ने अपनी कोरोना वैक्सीन के 94 प्रतिशत से ज्यादा कामयाब होने का दावा किया है.

दिलचस्प बात ये है कि फाइजर ने सबसे पहले अपनी वैक्सीन के 90 प्रतिशत तक कामयाब होने का दावा किया, तो अगले ही दिन रुस की स्पूतनिक वी ने दावा किया कि उनकी वैक्सीन 92 प्रतिशत तक कोरोना भगाने में कारगर है. इसके बाद तीसरा दावा करने वाली मॉडर्ना ने आज अपनी वैक्सीन के 94 प्रतिशत तक सुरक्षित होने का दावा किया है.

तापमान की रुकावट को मॉडर्ना ने किया दूर
फाइजर वैक्सीन के माइनस 70 डिग्री सेंटिग्रेट पर स्टोरेज करने को एक चुनौती माना जा रहा था. ऐसे में मॉडर्ना ने दावा किया है कि उनकी वैक्सीन साधारण फ्रिज के तापमान पर स्टोर हो सकती है और 6 महीने तक वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए उसे केवल माइनस 20 डिग्री सेंटिग्रेट की जरूरत होती है. 

अभी तक किसी भी वैक्सीन के मामले में ऐसा नहीं हुआ
लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि वैक्सीन कितनी सुरक्षित है इसका सही आंकलन इतनी जल्दी करना लगभग नामुमकिन होता है. ये सभी आंकलन अंतरिम विश्लेषण के आधार पर किए गए हैं. स्टडी के पूरा होने के बाद एक स्वायत्त एजेंसी उसका आंकलन करती है और फिर अपना निष्कर्ष निकालती है. अभी तक किसी भी वैक्सीन के मामले में ऐसा नहीं हुआ है.

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