EVM से छेड़छाड़ का महा चैलेंज जारी, एनसीपी और माकपा के हैकर्स चुनाव आयोग के दफ्तर में मौजूद
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EVM से छेड़छाड़ का महा चैलेंज जारी, एनसीपी और माकपा के हैकर्स चुनाव आयोग के दफ्तर में मौजूद

ईवीएम पर उठे सवालों के बीच ईवीएम महा चैलेंज सुबह 10 बजे से जारी है. अभी तक की जानकारी के मुताबिक चुनाव आयोग ने कुल 14 ईवीएम चुनौती के लिए सामने रखे हैं. आज की चुनौती को स्वीकार करते हुए केवल दो ही दलों के प्रतिनिधि पहुंचे हैं. माकपा और एनसीपी के प्रतिनिधियों को को चार-चार ईवीएम दिये गए हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली : ईवीएम पर उठे सवालों के बीच ईवीएम महा चैलेंज सुबह 10 बजे से जारी है. अभी तक की जानकारी के मुताबिक चुनाव आयोग ने कुल 14 ईवीएम चुनौती के लिए सामने रखे हैं. आज की चुनौती को स्वीकार करते हुए केवल दो ही दलों के प्रतिनिधि पहुंचे हैं. माकपा और एनसीपी के प्रतिनिधियों को को चार-चार ईवीएम दिये गए हैं.

कहा जा रहा है कि ये लोग इथिकल हैकर्स हैं और इलेक्ट्रॉनिक फील्ड से हैं. हालांकि माकपा पहले भी कह चुकी है कि चुनाव आयोग का ईवीएम टैंपर प्रूफ है, लेकिन वह एक मौके का इस्तेमाल करना चाहती हैं और देखना चाहती है कि क्या ऐसा हो सकता है. इस महा चुनौती के आयोजन से मीडिया को अलग रखा गया है.

 

इस खुले हैकेथॉन के जरिए चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया है कि वे अपने विशेष प्रतिनिधियों के जरिए उन आरोपों को साबित करें जिनकी वजह से वे ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप लगा रहे हैं. इस चैलेंज को केवल दो राष्ट्रीय पार्टियां एनसीपी और माकपा हिस्सा लेंगी. उधर नैनीताल हाई कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय निर्वाचन आयोग के ईवीएम चैलेंज के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया. 

हाई कोर्ट का कहना है कि चुनाव आयोग को पूरा अधिकार है कि वह अपना संदेह दूर करे. हाई कोर्ट के इस फैसले को आयोग की जीत के तौर पर देखा जा रहा है. इस चैलेंज के लिए निर्वाचन आयोग ने देश भर से 14 ईवीएम मंगाई हैं. आयोग ने उन राज्यों से मशीनें मंगाई हैं, जहां हाल में चुनाव संपन्न हुए. पंजाब के पटियाला, बठिंडा, उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद व उत्तराखंड के देहरादून में इस्तेमाल हुई ईवीएम मंगवाया गया है.

चुनाव आयोग पहले ही साफ कर चुका है कि ये ईवीएम चैलेंज होगा, लेकिन इसे हैकॉथन नहीं कहा जा सकता. बता दें कि आप ने ईवीएम का मदरबोर्ड चेंज करने की इजाजत मांगी थी, लेकिन आयोग ने इसे खारिज कर दिया था। कहा कि अगर मदरबोर्ड ही चेंज कर दिया तो वो असली ईवीएम कैसे रहेगा.

शनिवार को दोनों पार्टियों को चार-चार मशीनें दी जाएंगी. सुबह दस बजे से उनका समय शुरू होगा और दोपहर दो बजे तक चार घंटों के दौरान उन्हें साबित करना होगा कि ईवीएम से छेड़छाड़ करके चुनाव परिणाम को प्रभावित किया जा सकता है.

यह दो चरणों में होगा। पहले चरण में पार्टियों को यह साबित करना होगा कि ईवीएम में छेड़छाड़ करके प्रत्याशी या पार्टी विशेष को फायदा पहुंचाया गया. उन्हें कंट्रोल यूनिट में मौजूद परिणाम को बदलकर दिखाना होगा. इसके लिए वह मशीनों के बटनों का इस्तेमाल कर सकेंगे। साथ ही मोबाइल व ब्लूटूथ जैसी डिवाइस के प्रयोग की भी आजादी होगी.

दूसरे चरण में उन्हें साबित करना होगा कि विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल की गई मशीनों में चुनाव से पहले छेड़छाड़ की गई थी। दोनों दलों के लिए दो अलग-अलग काउंटर स्थापित किए जा रहे हैं.

आप का कहना है कि चुनाव आयोग ने कभी भी हैकाथन की बात नहीं की थी. EC ने हमेशा ही ईवीएम चैलेंज की बात की है. आम आदमी पार्टी के टेक ग्रुप ने फैसला किया है कि अपनी खराब मशीन के चैलेंज को वह 3 जून को आयोजित करेंगे. इसमें वह देश के सभी एक्सपर्ट और चुनाव आयोग के एक्सपर्ट को भी आमंत्रित करते हैं.

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