EVM छेड़छाड़ पर आपस में भिड़े कांग्रेस नेता, मनीष तिवारी ने अमरिंदर सिंह को याद दिलाया 2010 का किस्सा
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EVM छेड़छाड़ पर आपस में भिड़े कांग्रेस नेता, मनीष तिवारी ने अमरिंदर सिंह को याद दिलाया 2010 का किस्सा

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ मुद्दे पर कांग्रेस के नेता आपस में ही भिड़ते नजर आ रहे हैं. अमरिंदर सिंह जहां चुनाव आयोग की वकालत कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने पंजाब के मुख्यमंत्री पर सवाल उठा दिया है.

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने अमरिंदर सिंह पर साधा निशाना. (एएनआई फोटो)

नई दिल्ली: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ मुद्दे पर कांग्रेस के नेता आपस में ही भिड़ते नजर आ रहे हैं. अमरिंदर सिंह जहां चुनाव आयोग की वकालत कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने पंजाब के मुख्यमंत्री पर सवाल उठा दिया है.

मनीष तिवारी ने गुरुवार (13 अप्रैल) को अमरिंदर सिंह पर हमला बोलते हुए उन्हें याद दिलाया कि किस तरह से उन्होंने 2010 और 2011 में बतौर पंजाब कांग्रेस समिति अध्यक्ष यह दिखाया था कि कैसे  ईवीएम से छेड़छाड़ किया जा सकता है.

उन्होंने कहा, 'जब 2010 और 2011 में अमरिंदर सिंह पंजाब कांग्रेस समिति के अध्यक्ष थे उस वक्त उन्होंने ईवीएम से कैसे गोलमाल किया जा सकता, इसका प्रदर्शन किया था.'  

अगर ईवीएम से छेड़छाड़ होती तो मैं सत्ता में नहीं होता : अमरिंदर

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार (12 अप्रैल) को कहा था कि अगर ईवीएम से छेड़छाड़ होती तो वह सत्ता में नहीं होते. उनका यह रुख कांग्रेस के रुख के विपरीत है जिसका कहना है कि मशीन से छेड़छाड़ संभव है.

उन्होंने बुधवार को यहां कहा, ‘अगर ईवीएम से छेड़छाड़ की गई होती तो मैं यहां नहीं बैठा होता. यहां अकाली होते.’ 

पूर्व कानून मंत्री वीरप्पपा मोईली के बाद अमरिंदर सिंह कांग्रेस के दूसरे वरिष्ठ नेता हैं जो ईवीएम के बचाव में उतरे हैं जबकि कांग्रेस का आरोप है कि मशीन से छेड़छाड़ हुई है. कांग्रेस ने मांग की है कि ईवीएम की जगह पुराने मतपत्रों का इस्तेमाल किया जाए.

पंजाब में विधानसभा की 117 सीटों में से 77 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज कर एक दशक से सत्ता में काबिज अकाली..भाजपा को बाहर का रास्ता दिखाया.

कांग्रेस अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर आरोप लगा रही है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से छेड़छाड़ हुई जिससे उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में भाजपा को विधानसभा चुनाव जीतने में सहयोग मिला.

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