Satya Pal Malik Latest Statement Against Modi Government: मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा कर 3 अक्टूबर को रिटायर हो गए. इसके साथ ही वे खुलकर मोदी सरकार के खिलाफ खड़े हो गए हैं. अपनी रिटायरमेंट के एक दिन बाद सत्यापाल मलिक मंगलवार को यूपी के बुलंदशहर जिले में पहुंचे और एक सम्मेलन में बोलते हुए केंद्र सरकार पर कई आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है और उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही.


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युवा 4 साल से दौड़ लगा रहे, सरकार देती है भर्ती


बुलंदशहर में औरंगाबाद क्षेत्र के सेगली गांव में आयोजित कार्यक्रम में मलिक (Satya Pal Malik) ने कहा कि युवा चार साल सड़कों पर दौड़ लगाता है और सरकार भर्ती रोक देती है. अब जाकर सरकार ने फौज में भर्ती के लिए अग्निवीर योजना निकाली है, लेकिन यह केवल 3 साल के लिए है. इसमें  पेंशन का भी प्रावधान नहीं है. ऐसे में कौन देश की आन, बान और शान के लिए जान की बाजी लगाएगा.


नौजवानों को नहीं मिल रहा रोजगार


सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) ने कहा कि केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बेरोजगारी और मंहगाई से बड़ी देश में कोई समस्या नहीं है. बच्चे स्कूल-कॉलेजों से पढ़-लिखकर बाहर निकल रहे हैं लेकिन उन्हें कहीं नौकरियां नहीं मिल रही हैं. रोजगार न मिलने से युवाओं में हताशा भर रही है. बढ़ती महंगाई उनकी परेशानी को और बढ़ा रही है. लेकिन सरकार इन समस्याओं का निराकरण करवाने के बजाय चुप बैठी है.


बिना MSP की गारंटी के किसानों का भला नहीं


एमएसपी के मुद्दे पर बोलते हुए सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) ने कहा कि बिना एमएसपी की गारंटी दिए किसानों का भला नहीं होगा. कहा कि जिस तरह किसानों की एकजुटता ने तीन कृषि कानून वापस कराए हैं, उसी तरह एमएसपी के लिए भी हरी टोपी वालों को एक बड़ा आंदोलन करना होगा. उन्होंने कहा कि अगर किसानों को विकास की दौड़ में अपने बच्चों को आगे बढ़ाना है तो उन्हें शिक्षा पर ध्यान देना होगा. इसके बिना उनका कोई भविष्य नहीं है. 


सरकार के खिलाफ हमलावर हैं सत्यपाल मलिक


बताते चलें कि मोदी सरकार ने सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) को सम्मान देते हुए वर्ष 2017 में बिहार का राज्यपाल बनाया था. इसके बाद वर्ष 2019 में उन्हें जम्मू कश्मीर का राज्यपाल बनाकर भेजा गया. उन्हीं के कार्यकाल में सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की कार्रवाई की. इसके बाद सरकार ने उनका तबादला पहले गोवा और फिर मेघालय कर दिया. 


गोवा ट्रांसफर होने के बाद मलिक (Satya Pal Malik) के तेवर मोदी सरकार के खिलाफ तीखे हो गए और वे पद पर रहने के बावजूद तीखे बयान देकर सरकार की परेशानी बढ़ाते रहे. इतना कुछ होने के बावजूद सरकार ने मलिक पर न तो कोई कार्रवाई की और न ही उनके खिलाफ कोई बयान दिया. अब पद से हटने के बाद सत्यपाल जोर-शोर से मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के काम में लग गए हैं.


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( एजेंसी इनपुट आईएएनएस)