नई दिल्‍ली: UP Election 2022: यूपी (UP) ने एक से एक बढ़कर एक कद्दावर नेता दिए हैं, जिन्‍होंने न केवल देश की राजनीति में अमिट छाप छोड़ी, बल्कि पाकिस्‍तान (Pakistan) तक को नाकों चने चबवाए. यहां तक कि पाकिस्‍तान को इनका लोहा मानना पड़ा. ऐसे ही एक नेता हुए हैं देश के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर. वे अपने समय में देश में समाजवादी विचारधारा के सबसे बड़े नेताओं में से एक थे. हालांकि बतौर पीएम उनका कार्यकाल ज्‍यादा लंबा नहीं रहा, लेकिन इतने ही समय में उन्‍होंने पाकिस्‍तान के तत्‍कालीन पीएम नवाज शरीफ की बोलती बंद कर दी थी. 


छोटे से गांव से रायसीना हिल्‍स तक  


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चंद्रशेखर उत्‍तर प्रदेश के बलिया जिले के इब्राहिमपट्टी गांव से थे. इस छोटे से गांव से दिल्‍ली के रायसीना हिल्‍स पर बने प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचने का उनका सफर खासा रोचक रहा. उनका व्‍यक्तित्‍व कमाल का दमदार था और इसलिए उन्‍हें युवा तुर्क भी कहा जाता था. उनकी एक और खासियत यह भी थी कि उन्‍हें इंदिरा गांधी से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी तक सभी लोग पसंद करते थे. आमतौर पर किसी नेता के लिए विभिन्‍न पार्टियों के नेताओं का प्रिय बनना नामुमकिन सा होता है. 


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नवाज शरीफ की कर दी थी बोलती बंद 


चंद्रशेखर के व्‍यक्तित्‍व और हाजिर जवाबी का आलम ऐसा था कि उनके आगे  पाकिस्‍तान के पीएम तक की बोलती बंद हो गई थी. यह घटना 1991 की है, जब चंद्रशेखर की मुलाकात पाकिस्तान के तत्‍कालीन पीएम नवाज शरीफ से हुई. 


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वरिष्ठ पत्रकार संतोष भारतीय ने अपनी किताब 'वीपी सिंह, चंद्रशेखर, सोनिया गांधी और मैं' में इस वाकये का जिक्र करते हुए लिखा है, चंद्रशेखर कॉमनवेल्‍थ सम्मेलन में भाषण देने के बाद मंच से उतर रहे थे तभी उनकी नजर वहां मौजूद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर गई. उन्‍होंने शरीफ से औपचारिक बातचीत के बाद कहा कि आप बहुत बदमाशी करते हैं. इस पर नवाज शरीफ ने कहा- बदमाशी की वजह को दूर कर दीजिए. चंद्रशेखर ने पूछा- बताइए, क्या वजह है. तब नवाज शरीफ बोले कि हमें कश्मीर दे दीजिए, सारी बदमाशी खत्म हो जाएगी. इस पर चंद्रशेखर ने कहा हम आपको कश्‍मीर दे देंगे लेकिन उसके साथ आपको भारत के 15 करोड़ मुसलमान भी अपने साथ ले जाने होंगे. यह सुनते ही शरीफ बगलें झांकने लगे. बदहाल पाकिस्‍तान के लिए खुद को संभालना मुश्किल हो रहा था, ऐसे में वह 15 करोड़ लोगों का बोझ कैसा संभालता. 



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