दलितों, किसानों के संगठनों के प्रदर्शन में पूर्व सैनिक भी होंगे शामिल
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दलितों, किसानों के संगठनों के प्रदर्शन में पूर्व सैनिक भी होंगे शामिल

आईईएसएम के संयोजक प्रियदर्शी चौधरी ने बताया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘वन रैंक वन पेंशन’ पर हम लोगों से जितना वादा किया था, उतना उन्होंने पूरा नहीं किया.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: केंद्र की राजग सरकार के खिलाफ दलित संगठनों और अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा नौ अगस्त को आयोजित होने वाले विरोध प्रदर्शन में अपनी मांगों को लेकर पहली बार भूतपूर्व सैनिक भी शामिल होंगे. इससे पहले ‘वन-रैंक वन-पेंशन’ के लिए लड़ने वाले भारतीय भूतपूर्व सैनिक आंदोलन (आईईएसएम) का कहना है कि सरकार ने उनकी कई मांगों को अनसुना कर दिया. आईईएसएम के संयोजक प्रियदर्शी चौधरी ने बताया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘वन रैंक वन पेंशन’ पर हम लोगों से जितना वादा किया था, उतना उन्होंने पूरा नहीं किया. उन्होंने हमसे झूठ बोला. पहले हम लोगों ने अलग-अलग लड़ाई लड़ी थी, लेकिन अब हम लोग किसानों और दलितों के साथ एकजुट होकर लड़ेंगे.’’ 

पहली बार भूतपूर्व सैनिक जुड़ेंगे वाम संगठन के प्रदर्शन से 
सीपीएम के किसान संगठन अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) ने कृषि संकट पर कदम उठाने की मांग में 9 अगस्त को देशभर में ‘जेल भरो’ अभियान का आह्वान किया है. एआईकेएस के महासचिव हन्नान मोल्ला ने कहा, ‘‘ऐसा पहली बार है कि भूतपूर्व सैनिक वाम संगठन द्वारा आहूत प्रदर्शन में भाग लेंगे. हम अपनी मांगों को लेकर एक साथ आये हैं.’’ गौरतलब है कि सीपीएम प्रमुख सीताराम येचुरी ने हाल ही में कहा था कि आगामी नौ अगस्त को मजदूरों के जेल भरो आंदोलन और पांच सितंबर को दिल्ली में किसानों के आंदोलन को समर्थन देने का फैसला पार्टी पोलित ब्यूरो ने किया. पार्टी कार्यकर्ताओं से इन आंदोलनों को मजबूत बनाने में हरसंभव सहयोग देने की अपील की गयी है. 

एनआरसी मुद्दे पर भी उठाया सवाल
येचुरी ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजातियों के खिलाफ अत्याचार संबंधी कानून को कमजोर करने की कोशिशों को रोकने के लिए पार्टी पोलित ब्यूरो ने इस कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की जिससे इसे न्यायिक समीक्षा के दायरे से बाहर लाया जा सके. असम में एनआरसी के मुद्दे पर येचुरी ने राज्य में गंभीर हालात होने का हवाला देते हुए बीजेपी और टीएमसी पर इस मामले में मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने की राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि इसके मद्देनजर पोलित ब्यूरो ने सरकार से किसी भी भारतीय को नागरिकता से वंचित नहीं होने देने की मांग की.

(इनपुट भाषा से)

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