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जिस उम्र में CJI गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की, हिम्‍मत की दाद देता हूं...पूर्व पुलिस कमिश्नर ने राकेश किशोर की तारीफ की, मचा बवाल

Bhaskar Rao Apologises After Praising Lawyer Rakesh Kishore: सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस बी.आर. गवई पर जूता फेंकने वाले राकेश किशोर और इस घटना का जमकर देश में विरोध हो रहा है. इसी बीच कर्नाटक बीजेपी नेता और पूर्व बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर भास्कर राव ने राकेश  की तारीफ कर दी, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया है. जानें पूरा मामला.

जिस उम्र में CJI गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की, हिम्‍मत की दाद देता हूं...पूर्व पुलिस कमिश्नर ने राकेश किशोर की तारीफ की, मचा बवाल

Rakesh Kishore Who Tried To Hurl Shoe At CJI: सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस बी.आर. गवई पर वकील राकेश किशोर द्वारा जूता फेंकने की कोशिश ने पूरे देश में हलचल मचा दी. इस घटना पर कर्नाटक बीजेपी नेता और पूर्व बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर भास्कर राव ने राकेश की तारीफ कर दी, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया. जमकर विवाद होने लगे इसके बाद कर्नाटक भाजपा नेता और बेंगलुरु के पूर्व पुलिस आयुक्त भास्कर राव ने बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय में भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले अधिवक्ता राकेश किशोर की प्रशंसा करने के लिए माफ़ी मांगी ली.

मांगी माफी
भास्कर राव ने सोशल मीडिया पर X लिखा, "मेरी प्रतिक्रिया हैरानी और सदमे से भरी थी कि एक व्यक्ति, इतना शिक्षित, वृद्ध और अनुभवी होने के बावजूद, एक भयानक और कानूनी रूप से गलत कार्य के परिणामों को पूरी तरह से जानता है." भास्कर राव ने कहा, "मैंने सर्वोच्च न्यायालय, मुख्य न्यायाधीश या किसी समुदाय का अपमान नहीं किया है. अगर मेरे ट्वीट से किसी को गुस्सा आया है या ठेस पहुंची है, तो मुझे खेद है."

इसके पहले राव ने किशोर की तारीफ में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था, "भले ही ये कानूनी तौर पर गलत और भयानक हो, लेकिन मैं आपकी हिम्मत की दाद देता हूं. इतनी उम्र में स्टैंड लेना और परिणाम भुगतना, कम बात नहीं."  भास्कर राव ने सोशल मीडिया पर यह टिप्पणी वकील राकेश किशोर को बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा निलंबित किए जाने से संबंधित एक मीडिया रिपोर्ट पर की थी.

नेताओं की तीखी प्रतिक्रियाएं
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार ने इस घटना की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा, "न्याय का मंदिर सुप्रीम कोर्ट है. वहां ऐसी गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अपराधी पर सख्त कार्रवाई हो." उन्होंने ये भी जोड़ा कि भले ही चीफ जस्टिस ने माफी दे दी, फिर भी स्वत: संज्ञान में केस दर्ज होना चाहिए. कर्नाटक के होम मिनिस्टर जी. परमेश्वरा ने इसे और गंभीरता से लिया. उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से अपील की कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए जाएं. परमेश्वरा ने कहा, "चीफ जस्टिस गवई दलित समुदाय से हैं. उनकी उपलब्धि गर्व की बात है. उन पर हमला पूरे देश के लिए शर्मिंदगी है.

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krishna pandey

कृष्णा पांडेय, ज़ी न्यूज़ डिजिटल में चीफ सब-एडिटर के रूप में कार्यरत हैं. वह राजनीति, अंतरराष्ट्रीय मामलों, क्राइम, और फीचर जैसे कई बीट्स पर काम करते हैं. इनकी खासियत है इन-डेप्थ एक्सप्लेनर और संवे...और पढ़ें

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