Exclusive: केंद्र सरकार के लिए चुनौती बने 9 कोरोना HOTSPOT, कोविड-19 का कहर देशभर में जारी
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Exclusive: केंद्र सरकार के लिए चुनौती बने 9 कोरोना HOTSPOT, कोविड-19 का कहर देशभर में जारी

कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले हॉट स्पॉट पर आ रहे हैं और इनको रोक पाना एक मुश्किल भरा काम है. 

हालांकि, सरकार ने अधिकारिक तौर पर किसी हॉटस्पॉट का नाम जारी नहीं किया है.

नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) के 9 हॉटस्पॉट लद्दाख, एसबीएस नगर (पंजाब), दिलशाद गार्डन एवं निजामुद्दीन (दिल्‍ली), भीलवाड़ा (राजस्थान), पुणे एवं मुंबई (महाराष्ट्र), कासरगोड (केरल), पथानानथिट्टा (केरल) में हैं. इन जगहों से सबसे ज्यादा और तेजी से मामले सामने आए हैं. सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद इन स्थानों पर मामलों को तेजी से फैलने से रोकने में सरकार को कामयाबी नहीं मिल रही है. 

  1. केंद्र सरकार के लिए चुनौती बने 9 कोरोना HOTSPOT
  2. आकलन करने के बाद इन हॉटस्पॉट को चिन्हित किया गया
  3.  लोकल ट्रांसमिशन होना कोरोना फैलने की बड़ी वजह

कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले हॉट स्पॉट पर आ रहे हैं और इनको रोकना एक मुश्किल भरा काम है. Zee News को सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने तमाम पहलुओं पर आकलन करने के बाद इन हॉटस्पॉट को चिन्हित किया है.

महत्वपूर्ण कारण ये है कि जिन जगहों पर ये मामले सामने आ रहे हैं, वहां पर लोकल ट्रांसमिशन हो रहा है. याद रखें यह कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं है, आगे हॉटस्पॉट्स की संख्या बढ़ भी सकती है. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि किसी सरकार ने हॉटस्पॉट को कोई अधिकारिक तौर पर जारी नहीं किया है. आंतरिक प्रक्रिया के तहत चयनित हॉटस्पॉट हैं जो सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन रहे हैं. 

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इस संदर्भ में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूछे गए सवाल में कहा कि जहां सिंगल मामला भी सामने आता है संक्रमण का, वह भी हमारे लिए हॉटस्पॉट है और स्वाभाविक तौर पर जहां ज्यादा मामले आते हैं, वहां पर हमारा ज्यादा ध्यान होता है और हम उस लिहाज से व्यापक तौर पर इंतजाम भी करते हैं. 

कोरोना वायरस के देश में बढ़ते मामलों को लेकर केंद्र सरकार ने मंगलवार को दो बड़ी महत्वपूर्ण बैठकें कीं. सुबह पहली बैठक ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की हुई जिसमें देश में किन-किन राज्यों में क्या स्थिति है, इसकी समीक्षा की गई और किन-किन राज्यों में कहां, कितने कदम उठाने जरूरी हैं, क्या इमरजेंसी में जरूरत है. उन तमाम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई.

स्वास्थ्य मंत्रालय की दूसरी रिव्यू बैठक एक्सपर्ट के साथ हुई जिसमें विशेषज्ञों ने हालात को लेकर समीक्षा की. दोनों ही बैठकों की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने की.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों, आईसीएमआर के डीजी और अलग-अलग विभागों के सेक्रेट्रीज के साथ में बैठक की. बैठक में विशेषज्ञों ने बताया कि देश में कोरोना वायरस का तोड़ निकालने के लिए तेजी से रिसर्च चल रही है और हम सही दिशा में बढ़ रहे हैं.

बैठक के बाद के सभी राज्यों को फिर से एक बार कहा गया कि वह कांटेक्ट ट्रेसिंग पर जोर दें. सोशल डिस्टेंस को हर हालत में मेंटेन रखें. बैठक में जानकारी दी गई कि अभी तक देश में 38442 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं इसके अलावा 1334 सैंपल प्राइवेट लैब से टेस्ट हुए हैं. 

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फिलहाल देश में 129 सरकारी लैब सैंपल्स का टेस्ट कर रहे हैं जो 13000 सैंपल हर दिन टेस्ट कर सकते हैं इसके साथ ही 49 प्राइवेट लैब जो सरकार की तरफ से अप्रूव किए गए हैं, वह भी टेस्टिंग कर रहे हैं. देशभर में इनके 16000 सैंपल कलेक्शन सेंटर हैं. 

इसके साथ ही सरकार की तरफ से बार-बार जनता से अपील की जा रही है कि हर हालत में लॉकडाउन का पालन करें और सोशल डिस्टेंस को हर हालत में मेंटेन करें, तभी कोरोना वायरस के खिलाफ हमारी मुहिम कामयाब होगी.  

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